5-स्टार सेफ्टी SUV: 2024 में भारत की टॉप 5 सबसे सुरक्षित एसयूवी

5-स्टार सेफ्टी SUV: 2024 में भारत की टॉप 5 सबसे सुरक्षित एसयूवी

रिपोर्ट: दिव्यांश डीएम

अब भारतीय खरीदार सिर्फ माइलेज नहीं, एयरबैग भी गिनते हैं। 2024 ने इसे और पक्का कर दिया—कई SUVs ने क्रैश टेस्ट में 5-स्टार हासिल किए हैं और कंपनियां सेफ्टी को फ्रंट सीट पर बिठा चुकी हैं। Global NCAP के साथ-साथ Bharat NCAP के टेस्ट अब खरीद निर्णय का अहम आधार हैं।

यह कहानी सिर्फ स्कोर की नहीं है। यह स्ट्रक्चर, इलेक्ट्रॉनिक्स, बच्चों के लिए सुरक्षा और रियल-वर्ल्ड कंट्रोल के बारे में है—ESC, 6 एयरबैग, ADAS, ISOFIX, TPMS और क्रैश एनर्जी मैनेजमेंट जैसे पहलू अब मानक बनते जा रहे हैं। नीचे 2024 की टॉप 5 सुरक्षित SUVs की पूरी तस्वीर, स्कोर और संदर्भ सहित।

2024 की टॉप 5 सुरक्षित SUVs: मॉडल-दर-मॉडल

  • Tata Safari: फ्लैगशिप सेफ्टी चैंपियन

    लैंड रोवर की D8 जड़ों वाले OMEGARC प्लेटफॉर्म पर बनी Safari ने Global NCAP में 33/34 (एडल्ट) और 45/49 (चाइल्ड) के दमदार अंक लिए। Bharat NCAP में भी इसने 30.08/32 (एडल्ट) और 44.54/49 (चाइल्ड) स्कोर किए। स्टैंडर्ड तौर पर 6 एयरबैग, ESP, ABS, ट्रैक्शन कंट्रोल, हिल-होल्ड, कॉर्नर स्टेबिलिटी, रियर पार्किंग सेंसर मिलते हैं। टॉप ट्रिम में कैमरा+राडार बेस्ड ADAS, हिल-डिसेंट कंट्रोल और ड्राइवर नी-एयरबैग जैसे फीचर्स भी आते हैं। तीन पंक्तियों में फैमिली-फ्रेंडली लेआउट और हाई-स्पीड स्टेबिलिटी इसकी खासियत है।

  • Tata Harrier: ‘सुरक्षित SUV’ टाइटल होल्डर

    Harrier ने Global NCAP में 5-स्टार लेकर अपना दबदबा साफ किया। Safari जैसा ही OMEGARC प्लेटफॉर्म, मजबूत बॉडी शेल और क्रैश एनर्जी मैनेजमेंट इसे भरोसेमंद बनाते हैं। 6 एयरबैग, ESC, हिल-होल्ड, ट्रैक्शन कंट्रोल, ABS, रियर सेंसर जैसे कोर फीचर्स स्टैंडर्ड; कई वेरिएंट में एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) भी मिलता है। हाईवे पर फुर्ती और ब्रेकिंग में आत्मविश्वास इसका प्लस है।

  • Tata Nexon: कॉम्पैक्ट सेगमेंट की सेफ्टी बेंचमार्क

    फरवरी 2024 (Global NCAP) और मई 2024 (Bharat NCAP) में Nexon ने फिर 5-स्टार का कमाल दिखाया। फेसलिफ्ट के साथ इसकी सेफ्टी टेक और केबिन प्रोटेक्शन बेहतर हुए हैं। 6 एयरबैग, ESC, हिल-होल्ड, ISOFIX, TPMS जैसे फीचर्स से लैस, Nexon शहर और हाईवे—दोनों यूज-केस में संतुलित पैकेज देती है। कॉम्पैक्ट SUV सेक्शन में यह अभी भी ‘गो-टू’ विकल्प है।

  • Tata Punch EV: इलेक्ट्रिक में सेफ्टी का नया मानक

    मई 2024 के Bharat NCAP टेस्ट में Punch EV ने 31.46/32 (एडल्ट) का शानदार स्कोर लिया। शुरुआती EVs में होते हुए भी इसने स्ट्रक्चरल रॉबस्टनेस और सेफ्टी इलेक्ट्रॉनिक्स से प्रभावित किया। स्टैंडर्ड 6 एयरबैग, ESC, हिल-होल्ड, ISOFIX, रियर पार्किंग सेंसर और TPMS मिलते हैं। सिटी-फर्स्ट खरीदारों के लिए EV की रेंज के साथ यह सेफ्टी में भी सुकून देती है।

  • Tata Curvv EV: लेटेस्ट टेक, पुख्ता सेफ्टी

    Curvv EV ने Bharat NCAP क्रैश टेस्ट में 5-स्टार के साथ 29.50/32 (एडल्ट) और 43.66/49 (चाइल्ड) स्कोर हासिल किए—ICE वर्जन से थोड़ा बेहतर। 6 एयरबैग, 360-डिग्री कैमरा, फ्रंट-रियर पार्किंग सेंसर और लेवल-2 ADAS जैसी खूबियां इसे फ्यूचर-रेडी बनाती हैं। डिजाइन के साथ सेफ्टी—दोनों मोर्चों पर यह पैकेज दमदार दिखता है।

अन्य मजबूत दावेदार

  • Mahindra XUV400 EV: Bharat NCAP में 5-स्टार; 30.38/32 (एडल्ट) और 43/49 (चाइल्ड) स्कोर। बैटरी-पावर्ड पैकेज में यह रेंज और सेफ्टी बैलेंस के लिए जाना जा रहा है।

  • Mahindra 3XO (XUV300 सक्सेसर): Bharat NCAP में फुल 5-स्टार। कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में यह Nexon के सामने मजबूत विकल्प बनकर उभरी है।

रेटिंग कैसे पढ़ें और आपके लिए क्या मायने रखता है?

रेटिंग कैसे पढ़ें और आपके लिए क्या मायने रखता है?

बहुतों को 5-स्टार दिखता है, पर उसके पीछे का “क्यों” नहीं। टेस्टिंग दो बड़े हिस्सों में स्कोर देती है—एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP) और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP)। AOP में फ्रंटल ऑफसेट क्रैश (आम तौर पर 64 किमी/घंटा), साइड मोबाइल बैरियर (50 किमी/घंटा के आसपास) और कई मामलों में साइड पोल इम्पैक्ट शामिल है। COP में सही चाइल्ड-सीट, ISOFIX एंकर का इस्तेमाल और सीटिंग पोजिशन से जुड़ी परफॉर्मेंस गिनी जाती है।

ESC, सीटबेल्ट रिमाइंडर, स्पीड अलर्ट, एयरबैग काउंट, ब्रेकिंग कंट्रोल—ये एक्टिव/पैसिव सेफ्टी फीचर्स कुल स्कोर को अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित करते हैं, क्योंकि कार का कंट्रोल खोने से बचना उतना ही जरूरी है जितना क्रैश होने पर डैमेज कम करना। ADAS (जैसे AEB, लेन-कीप) उपयोगी हैं, पर सभी प्रोटोकॉल में उनका योगदान स्कोर में सीधे नहीं जुड़ता।

EV खरीदारों के लिए एक जरूरी बात: क्रैश रेटिंग स्ट्रक्चर और ऑक्यूपेंट सेफ्टी बताती है, बैटरी थर्मल सेफ्टी के अलग मानक होते हैं। यानी क्रैश-टेस्ट 5-स्टार का मतलब यह नहीं कि बैटरी से जुड़ी हर स्थिति कवर हो गई—कंपनी के बैटरी मैनेजमेंट और वारंटी शर्तें भी देखें।

खरीदते समय क्या देखें?

  • परिवार में छोटे बच्चे हैं तो COP स्कोर, ISOFIX एंकर और आपकी चाइल्ड-सीट की संगतता जरूर चेक करें।
  • हाईवे ड्राइव ज्‍यादा है तो ESC, 6 एयरबैग और मजबूत बॉडी स्ट्रक्चर को प्राथमिकता दें; ADAS से लंबी यात्राएं और सुरक्षित बनती हैं।
  • पहाड़ी/ढलान वाले रूट पर हिल-होल्ड/हिल-डिसेंट काफी मददगार रहते हैं।
  • शहर में रोज़ाना चलना है तो ऑल-राउंड विजिबिलिटी, 360-डिग्री कैमरा/पार्किंग सेंसर और TPMS ध्यान दें।
  • वेरिएंट-वाइज फीचर बदलते हैं—5-स्टार रेटिंग प्लेटफॉर्म/सेफ्टी स्ट्रक्चर की है, पर एयरबैग/ESC जैसे फीचर कुछ वेरिएंट में ही स्टैंडर्ड होते हैं।

2023 में लॉन्च हुए Bharat NCAP ने अब तक 21 कारों की टेस्टिंग की है और Global NCAP के मानकों के साथ व्यापक समानता बनाए रखी है। असर साफ दिख रहा है—इंडियन कारमेकर, खासकर Tata Motors और Mahindra, स्ट्रक्चरल सेफ्टी और इलेक्ट्रॉनिक सेफ्टी पैकेज पर आक्रामक निवेश कर रहे हैं। नतीजा: 2024 की शीर्ष रेटिंग्स में भारतीय SUVs का वर्चस्व है।

अगर तीन-पंक्ति वाली, फैमिली-फोकस्ड SUV चाहिए तो Safari सेंसिबल है—हाईस्कोर के साथ केबिन प्रोटेक्शन और ड्राइवर असिस्ट का मजबूत मेल। दो-पंक्ति में हाईवे-टूरिंग और रोजमर्रा—Harrier भरोसेमंद पैकेज है। शहर और बजट-प्रैक्टिकलिटी में Nexon अभी भी “सेफ्टी-फर्स्ट” विकल्प है। EV चाहने वालों के लिए शहर-केंद्रित Punch EV और टेक-फॉरवर्ड Curvv EV नए बेंचमार्क सेट कर रहे हैं। Mahindra XUV400 EV और 3XO भी सेगमेंट में मजबूत विकल्प बनकर टिके हैं।

फाइनल टिप: टेस्ट स्कोर देखें, पर अपनी जरूरत और रूट-पैटर्न के हिसाब से फीचर-मिक्स तय करें। और शोरूम में वेरिएंट के सेफ्टी फीचर—एयरबैग गिनती, ESC, ISOFIX—लिखित में कन्फर्म करें। 5-स्टार तभी सार्थक है जब सही वेरिएंट, सही टायर-प्रेशर और सही ड्राइविंग के साथ सड़क पर उतरे।

टिप्पणि (20)

  • Priyanka R

    Priyanka R

    10 09 25 / 00:11 पूर्वाह्न

    ये सब 5-स्टार वाली कारें बस टेस्टिंग लैब में ही सुरक्षित हैं 😏 रोड पर जब तुम 120km/h पर जा रहे हो और एक बस आ जाए तो एयरबैग क्या करेगा? असली टेस्ट तो भारत की सड़कों पर होता है। और हां, जिनके पास 20 लाख हैं वो इन्हें खरीदते हैं, बाकी लोगों को तो बच्चों को बैठाने के लिए भी बैकसीट नहीं मिलती।

  • Rakesh Varpe

    Rakesh Varpe

    11 09 25 / 17:38 अपराह्न

    एयरबैग और ESC स्टैंडर्ड हो गए हैं ये अच्छी बात है। बाकी बातें जैसे ADAS तो अभी भी लक्जरी फीचर हैं।

  • Girish Sarda

    Girish Sarda

    13 09 25 / 17:04 अपराह्न

    क्या Bharat NCAP के टेस्ट असल में Global NCAP जितने सख्त हैं? क्योंकि अगर नहीं हैं तो ये सब स्कोर थोड़े धोखेबाज़ हो सकते हैं।

  • Garv Saxena

    Garv Saxena

    14 09 25 / 02:32 पूर्वाह्न

    हम जो सुरक्षा का नाम लेते हैं, वो असल में बेचने का एक तरीका है। हम अपनी जिंदगी को एक एसयूवी के एयरबैग पर टिका रहे हैं। क्या वाकई हम इतने निर्बल हो गए हैं कि एक मशीन के साथ अपनी जिंदगी का भरोसा करें? क्या इंसानी जिम्मेदारी का कोई रास्ता नहीं? हम बच्चों को ISOFIX पर बैठाते हैं, पर खुद को ड्राइविंग के नियमों पर नहीं। क्या ये सब बाहरी सुरक्षा है या अंदरूनी बेबसी का एक आवरण?

  • Rajesh Khanna

    Rajesh Khanna

    16 09 25 / 01:50 पूर्वाह्न

    बहुत अच्छी जानकारी! खासकर जो लोग EV खरीद रहे हैं, उन्हें ये बातें जाननी चाहिए। अब तो सुरक्षा और टेक्नोलॉजी दोनों में भारतीय कंपनियां दुनिया के सामने खड़ी हो रही हैं। गर्व हुआ 😊

  • Sinu Borah

    Sinu Borah

    16 09 25 / 11:12 पूर्वाह्न

    सब टाटा और महिंद्रा की बात कर रहे हो लेकिन बाकी कंपनियां कहां हैं? होंडा, टोयोटा, वोल्क्सवैगन के एसयूवी कहां हैं? जो लोग अपने बजट में इनको खरीद सकते हैं, उनके लिए ये भारतीय ब्रांड्स बस एक अल्टरनेटिव हैं। असली सुरक्षा तो जर्मन और जापानी कारों में होती है। ये सब बस मार्केटिंग है।

  • Sujit Yadav

    Sujit Yadav

    16 09 25 / 16:45 अपराह्न

    यहाँ की टेस्टिंग स्टैंडर्ड्स तो बहुत निचले स्तर के हैं। 5-स्टार रेटिंग देखकर आपको लगता है कि आप सुरक्षित हैं, लेकिन अगर आपने एक यूरोपीय स्टैंडर्ड के साथ तुलना की होती तो आपका दिमाग चकरा जाता। ये सब एक धोखा है जिसे राष्ट्रीय गर्व के नाम पर बेचा जा रहा है। और फिर वो एडवांस्ड ADAS? भारतीय ड्राइवर्स के लिए वो बस एक बहाना हैं जिससे वो अपनी गलती को नजरअंदाज कर सकें।

  • Kairavi Behera

    Kairavi Behera

    17 09 25 / 13:06 अपराह्न

    अगर आपके घर में बच्चे हैं तो ISOFIX और COP स्कोर देखना जरूरी है। कुछ वेरिएंट में ये फीचर्स नहीं होते, इसलिए शोरूम में जाकर लिखित में पूछ लें। और हां, एयरबैग की संख्या नहीं, उनका एक्टिवेशन टाइमिंग ज्यादा मायने रखता है।

  • Aakash Parekh

    Aakash Parekh

    18 09 25 / 02:21 पूर्वाह्न

    अच्छा लगा। लेकिन क्या ये सब जानकारी असल में किसी और के काम आएगी? जो खरीदना चाहता है वो खरीद लेगा, बाकी लोग तो अभी भी बजट में देखते हैं।

  • Sagar Bhagwat

    Sagar Bhagwat

    18 09 25 / 05:50 पूर्वाह्न

    मैंने Nexon EV खरीदी है और सच कहूं तो ये कार बहुत अच्छी है। शहर में ड्राइविंग बहुत आरामदायक है और सुरक्षा फीचर्स भी बहुत अच्छे हैं। लेकिन ये सब टेस्ट स्कोर की बातें तो बस एक बात है, असली टेस्ट तो रोज की ड्राइविंग में होती है।

  • Jitender Rautela

    Jitender Rautela

    18 09 25 / 14:45 अपराह्न

    क्या आपने कभी सोचा है कि जिन लोगों के पास 10 लाख से कम का बजट है उनके लिए ये सब बकवास है? वो तो बस एक अच्छी बाइक या एक छोटी कार चाहते हैं। इनकी इन्फोर्मेशन बस शहरी लोगों के लिए है। गांव वालों को तो ये सब जानकारी बेकार है।

  • abhishek sharma

    abhishek sharma

    18 09 25 / 18:04 अपराह्न

    ये सब बातें तो बहुत अच्छी हैं, लेकिन ये जो टेस्टिंग होती है, वो एक लैब में होती है। असली दुनिया में तो एक ट्रक आ जाए तो आपकी कार का आकार भी कुछ नहीं बताता। और फिर ये एडवांस्ड ADAS? जब आपका फोन चल रहा हो और आप एक बार देख रहे हों तो ये सब फीचर्स क्या करेंगे? सिर्फ एक अच्छी ड्राइविंग की आदत बनाना है, न कि एक बुद्धिमान कार खरीदना।

  • Surender Sharma

    Surender Sharma

    18 09 25 / 21:07 अपराह्न

    टाटा के एसयूवी बहुत अच्छी हैं पर इनमे बहुत सारे फीचर्स अभी भी बाकी हैं। जैसे कि टीपीएमएस या एडास बहुत कम वेरिएंट में है। अगर आपको लगता है कि स्टैंडर्ड में सब कुछ है तो आप गलत हैं।

  • Divya Tiwari

    Divya Tiwari

    18 09 25 / 21:08 अपराह्न

    भारत की कारें दुनिया की बेस्ट हैं! अमेरिका और यूरोप अभी भी अपनी लीडरशिप के लिए भारतीय कारों को नकल कर रहे हैं। Bharat NCAP दुनिया का सबसे सख्त टेस्ट है। कोई भी विदेशी कंपनी इसे पास नहीं कर पाएगी।

  • shubham rai

    shubham rai

    19 09 25 / 21:52 अपराह्न

    क्या ये सब सच है? मैंने अपनी कार को 100km/h पर चलाया था और कुछ नहीं हुआ। तो ये सब स्कोर क्यों जरूरी हैं?

  • Nadia Maya

    Nadia Maya

    20 09 25 / 05:16 पूर्वाह्न

    ये सब टेस्टिंग तो बहुत बेकार है। अगर आप अपने बच्चे को एक बच्चे की सीट में बैठाते हैं, तो आपको बस एक बहुत अच्छी कार खरीदनी चाहिए। नहीं तो आपका बच्चा जीवित नहीं रहेगा। और ये सब एयरबैग और ESC की बातें? बस एक अच्छी ड्राइविंग की आदत बनाएं।

  • Nitin Agrawal

    Nitin Agrawal

    20 09 25 / 08:04 पूर्वाह्न

    ये सब टेस्ट बस मार्केटिंग है। मैंने एक बजट कार खरीदी और मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई। इन सब टेस्ट्स का कोई मतलब नहीं।

  • Gaurang Sondagar

    Gaurang Sondagar

    20 09 25 / 14:24 अपराह्न

    हम भारतीय हैं और हमारी कारें दुनिया की बेस्ट हैं। कोई भी विदेशी कंपनी इतनी सुरक्षित कार नहीं बना सकती। अगर आपको लगता है कि ये सब बकवास है तो आप भारत के खिलाफ हैं।

  • Ron Burgher

    Ron Burgher

    21 09 25 / 05:24 पूर्वाह्न

    अगर आप अपनी कार में एयरबैग नहीं लगवाते तो आप एक अहंकारी हैं। आपकी जिंदगी की कीमत कितनी है? एक एयरबैग के लिए आप इतना नहीं दे सकते?

  • kalpana chauhan

    kalpana chauhan

    22 09 25 / 23:44 अपराह्न

    मैंने अपनी बेटी के लिए Nexon EV खरीदी है और ये कार बहुत अच्छी है। बच्चों के लिए ISOFIX और ट्रैक्शन कंट्रोल बहुत जरूरी हैं। अगर आपके घर में बच्चे हैं तो ये सब फीचर्स जरूर चेक करें। और हां, ड्राइविंग के दौरान सुरक्षा सबसे जरूरी है।

एक टिप्पणी छोड़ें