श्रीलंका के अरुगम बे में स्थापित अरुगम बे गर्ल्स सर्फ क्लब ने परंपरागत लिंग संबंधी मान्यताओं को चुनौती देते हुए एक नई पहचान स्थापित की है। यह क्लब महिलाओं के साहस और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है। 2018 में औपचारिक तौर पर श्रीलंकाई सर्फिंग फेडरेशन से पंजीकृत यह क्लब कई महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। शमाली संजया, जो इस क्लब की संस्थापक हैं, ने 2011 में एक विदेशी परिवार की प्रेरणा से सर्फिंग की शुरुआत की थी। उन्होंने परिवार और समाज के विरोध का सामना करते हुए अपने सपनों को साकार करने का वीरता से संकल्प लिया।
यह क्लब केवल सर्फिंग तक सीमित नहीं है। इसके सदस्यों द्वारा सामुदायिक स्तर पर भी योगदान दिया जा रहा है। क्लब की महिलाएं नियमित रूप से समुद्र तट सफाई में योगदान देती हैं और स्थानीय बच्चों के नर्सरी और मंदिरों में भी मदद करती हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से ये महिलाएं समुदाय में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश कर रही हैं। क्लब की सदस्याएं खुद के भीतर छुपी शक्ति को पहचान रही हैं और नए अवसरों की खोज कर रही हैं।
महिलाओं के इस सर्फ क्लब ने अपने सदस्यों को आत्मनिर्भरता का अनुभव दिया है। सर्फिंग से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बारीकियों को समझने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। प्रशिक्षकों द्वारा प्रदान की गई ट्रेनिंग से महिलाएं तकनीक सीख रही हैं। क्लब के सदस्यों के लिए सर्फिंग न केवल शारीरिक गतिविधि है, बल्कि यह उन्हें मानसिक विश्राम और खुशी का अनुभव भी कराती है। यह उनकी जीवनशैली में एक सकारात्मक बदलाव लेकर आया है।
क्लब की सफलता का श्रेय स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन को भी जाता है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार से मिले सहयोग ने क्लब के सदस्यों को सुरक्षित और पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त करने में मदद की है। इस समर्थन से महिलाएं अपनी चुनौतियों का सामना करने और समाज में अपनी स्थिति को सुधारने का साहस प्राप्त कर रही हैं।
श्रीलंका जैसी संस्कृति में, जहां परंपराएं और रूढ़िवादी धारणाएं गहरे जड़ें किए हुए हैं, वहां पर शमाली और अन्य महिलाओं का सर्फिंग के प्रति उत्साह एक मिसाल बन गया। पूलंथीरन नाध्या जैसी महिलाएं, जिन्होंने अपनी माँ को 2004 की भारतीय महासागर की सुनामी में खो दिया था, अब समुद्र को अपना साथी मान रही हैं और उच्च लहरों पर सर्फिंग का आनंद ले रही हैं। ये महिलाएं समाज के उन नियमों को चुनौती दे रही हैं जो महिलाओं को सीमित रखने की कोशिश करते हैं।
इस क्लब की गाथा एक नई सुबह की ओर संकेत करती है, जहां महिलाएं न केवल अपने लिए बल्कि अन्य सभी के लिए भी बेहतर जीवन की कल्पना कर सकती हैं। समुद्र की लहरों पर स्वतंत्रता और सामर्थ्य की इस कहानी ने न केवल श्रीलंका बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा का उदाहरण पेश किया है। इस क्लब की शूरवीर महिलाएं युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बन चुकी हैं और यह साबित कर दिया है कि यदि आपमें इच्छा शक्ति और समर्पण है तो कोई भी बाधा अजेय नहीं है।
Rakesh Varpe
27 10 24 / 00:15 पूर्वाह्नये क्लब बहुत अच्छा है। महिलाएं जो समुद्र पर सर्फ कर रही हैं, वो देखकर लगता है जैसे आजादी की लहरें टूट रही हैं।
Kairavi Behera
27 10 24 / 13:15 अपराह्नमैंने भी अरुगम बे के बारे में सुना था। ये लड़कियां न सिर्फ सर्फिंग सीख रही हैं, बल्कि अपने आसपास के बच्चों को भी सिखा रही हैं। ये जो कर रही हैं, वो सिर्फ एक स्पोर्ट्स क्लब नहीं, एक सामाजिक बदलाव है।
Jitender Rautela
29 10 24 / 05:01 पूर्वाह्नअरे यार ये सब बकवास है। श्रीलंका में महिलाएं सर्फिंग कर रही हैं, तो क्या हुआ? भारत में तो लड़कियां बस घर पर बैठी हैं और लोग उनकी शादी के बारे में चिंता कर रहे हैं।
Girish Sarda
31 10 24 / 02:33 पूर्वाह्नक्या ये क्लब केवल सर्फिंग पर ही फोकस करता है या फिर उन्होंने कोई एजुकेशनल प्रोग्राम भी शुरू किया है? मुझे लगता है अगर वो बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने में मदद करें तो ये और ज्यादा प्रभावी हो जाएगा।
Garv Saxena
31 10 24 / 18:07 अपराह्नतो ये सब क्या है? एक बार जब आपने समुद्र को अपना साथी बना लिया, तो अब आप उसके ऊपर सर्फ करते हैं, और फिर आप इसे 'आत्मनिर्भरता' कह देते हैं? क्या ये जीवन का अर्थ है? या ये सिर्फ एक विदेशी नारे का अनुकरण है? हमारे देश में तो लड़कियों को बस घर में रखने का नाम लेते हैं, और जब कोई बाहर जाती है तो उसे 'फेमिनिस्ट' बता देते हैं। लेकिन क्या वास्तविकता यही है? क्या सर्फिंग करने से आपकी आत्मा आजाद हो जाती है? या ये सिर्फ एक फिल्मी सीन है जिसे विदेशी मीडिया ने बनाया है?
Priyanka R
1 11 24 / 08:50 पूर्वाह्नअरे यार ये सब एक बड़ा कॉन्सिरेसी है! 😱 जानते हो क्या हो रहा है? ये सब विदेशी फंडिंग से हो रहा है! ऑस्ट्रेलिया ने इन लड़कियों को पैसे दिए हैं ताकि भारत और श्रीलंका में लिंग युद्ध फैलाया जा सके! 💸🤯 लोग जागो!
Rajesh Khanna
2 11 24 / 07:03 पूर्वाह्नये क्लब बहुत बढ़िया है। इन लड़कियों ने अपने डर को पार किया और अपने सपने को जीवन में बदल दिया। ऐसे लोग ही देश को आगे बढ़ाते हैं। 🙌
Sujit Yadav
2 11 24 / 22:47 अपराह्नमुझे आश्चर्य है कि इतनी बड़ी सफलता के बावजूद, इस क्लब को श्रीलंकाई सरकार ने नहीं रोक दिया। शायद ये सब एक नर्सरी वाले नारे का हिस्सा है - आधुनिकता का नाम लेकर पश्चिमी आदर्शों को अपनाना। क्या ये वास्तविक उन्नति है या सिर्फ एक बाहरी नकल? 🤔
Sinu Borah
2 11 24 / 23:02 अपराह्नअरे भाई, ये सब तो बहुत बढ़िया है, लेकिन क्या ये सब लड़कियां अपने घर के लिए खाना बनाना भूल गईं? मैंने देखा है कि जब महिलाएं बाहर जाती हैं, तो घर खाली पड़ जाता है। और फिर बच्चे कौन पालता है? ये सब तो एक नए तरह का बेकार का बहाना है।
abhishek sharma
3 11 24 / 11:34 पूर्वाह्नये लड़कियां जो सर्फ कर रही हैं, वो बहुत अच्छी लग रही हैं। लेकिन अगर आप इनकी वास्तविक जिंदगी देखें - क्या उनके पास एक अच्छा घर है? क्या उनके पिता या भाई उन्हें अपना बच्चा मानते हैं? या फिर ये सब एक नाटक है जो कैमरे के लिए बनाया गया है? मैं इन लड़कियों के लिए दुआ करता हूं, लेकिन मैं इस सब को असली नहीं मानता।
Surender Sharma
4 11 24 / 00:30 पूर्वाह्नसर्फिंग करने वाली लड़कियां? ये तो बस बाहर घूमने का बहाना है। भारत में तो लड़कियां बस घर पर बैठी हैं और लोग उनकी शादी के बारे में चिंता कर रहे हैं। ये सब फेक है।
Divya Tiwari
4 11 24 / 05:56 पूर्वाह्नये क्लब तो बहुत अच्छा है, लेकिन क्या ये सब भारत के खिलाफ एक षड्यंत्र है? श्रीलंका के लोग भारत को नीचा दिखाने के लिए ये सब कर रहे हैं। हमारी महिलाएं तो घर में ही रहती हैं, और उनका सम्मान है। ये बाहर घूमने का नाम लेकर आदर्शों को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
shubham rai
6 11 24 / 03:53 पूर्वाह्नबहुत अच्छा है 😊
Aakash Parekh
6 11 24 / 06:00 पूर्वाह्नसर्फिंग तो है ही, लेकिन क्या इन लड़कियों को कोई रोजगार मिल रहा है? या फिर ये सब एक टूरिस्ट ट्रिक है? जब तक ये लड़कियां अपना खाना खुद कमा नहीं लेतीं, तब तक ये सब बस एक फोटो शूट है।
Sagar Bhagwat
6 11 24 / 15:04 अपराह्नअरे यार, तुम सब इतना गंभीर क्यों हो गए? ये लड़कियां बस समुद्र पर घूम रही हैं। अगर उन्हें खुशी मिल रही है, तो चलो देखो और खुश हो जाओ। ये तो बस एक सर्फिंग क्लब है, जंगल नहीं है।
Nitin Agrawal
7 11 24 / 00:43 पूर्वाह्नलड़कियों को सर्फिंग क्यों करनी पड़ रही है? घर में बैठे तो बेहतर होता। अब तो दुनिया भर में लड़कियां बाहर घूम रही हैं और लड़के घर पर रो रहे हैं।
Gaurang Sondagar
7 11 24 / 22:30 अपराह्नये सब बकवास है। हमारी संस्कृति में महिलाएं घर की रक्षा करती हैं। ये लड़कियां समुद्र पर घूम रही हैं तो अब वो अपने बच्चों को भी बाहर भेज देंगी। ये तो नैतिक विघटन है।
Nadia Maya
8 11 24 / 10:01 पूर्वाह्नइस क्लब की सफलता का श्रेय विदेशी फंडिंग को जाता है। ये एक नया आधुनिकतावादी नाटक है जिसे दुनिया को दिखाने के लिए बनाया गया है। जब तक श्रीलंका की महिलाएं अपने घरों में रहेंगी, तब तक उनकी वास्तविक शक्ति कभी नहीं दिखेगी।