शांतिनिकेतन का बांग्लादेश भवन भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक बंधनों का प्रतीक है। इसकी स्थापना विश्वभारती विश्वविद्यालय के परिसर में २०१८ में की गई थी। यह भवन दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव को सुरक्षित रखने और आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। बांग्लादेश भवन में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार और प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देती हैं।
१७ जुलाई, २०२४ को बांग्लादेश के संस्कृति मंत्रालय के उप सचिव मोहम्मद सैफुल इस्लाम की अगुवाई में चार सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल ने शांतिनिकेतन का दौरा किया। उनका उद्देश्य बांग्लादेश भवन के मरम्मत कार्यों का निरीक्षण करना था। मरम्मत का कार्य भवन को उसके पूर्व गौरव में वापस लाने के लिए चल रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न विभागों और निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया, जहाँ उन्होंने निर्माण की प्रगति और गुणवत्ता का आकलन किया।
प्रतिनिधिमंडल की इस यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि बांग्लादेश और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना कितना महत्वपूर्ण है। यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मरम्मत कार्यों के दौरान भवन के विभिन्न हिस्सों को पुनर्निर्मित और सुधारित किया जा रहा है। इसमें भवन की संरचना को अधिक मजबूत और सुरक्षित बनाना, आंतरिक सजावट को नया कलेवर देना आदि शामिल है। भवन के हर कोने और गलियारे की सजावट को संस्कृति के अनुरूप बनाया जा रहा है, ताकि यह भवन अपने अद्वितीय शैली और सांस्कृतिक महत्व को प्रतिबिंबित कर सके।
प्रतिनिधिमंडल ने अपने दौरे के दौरान आने वाले समय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रदर्शनी की योजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भवन को और अधिक आकर्षक बनाने और लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजन होते रहेंगे।
यह दौरा बांग्लादेश और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। बांग्लादेश भवन के मरम्मत के बाद यह भवन और भी भव्य और आर्कषक बन जाएगा, जहाँ लोग विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग ले सकेंगे और दोनों देशों की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान कर सकेंगे।
मरम्मत कार्यों के पूरा होने के बाद, बांग्लादेश भवन न केवल सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा, बल्कि यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। यह भवन आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर का स्थान बनेगा और दोनों देशों के नागरिकों के बीच मित्रता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देगा।
बांग्लादेश भवन के मरम्मत कार्य के तहत लगभग तीन महीने से निरंतर कार्य जारी है और इसमें भवन की संरचना को मजबूत करने के साथ-साथ सजावट और व्यवस्था को भी नया रूप दिया जा रहा है।
इस पूरे प्रक्रिया का उद्देश्य भवन को उसके मूल रूप में लौटाना और उसे और भी बेहतर बनाना है। यह सांस्कृतिक संगठनों और विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा और उन्हें दोनों देशों की सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को समझने और उसे सहेजने के प्रति प्रोत्साहित करेगा।
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