7 जुलाई को शुरू हुई पाँचवें दिन की 4वी T20I, संगीत, लाइट्स और उत्साह से भरपूर थी। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग केली, लेकिन 126/7 का निश्चित लक्ष्य केवल 20 ओवर में जमा कर पाई। पावरप्ले में 38 रन और दो विकेट गिरने के बाद, टीम ने 10 ओवर पर 68 रनों का स्थिर गठबंधन बना लिया, परन्तु आगे कोई बड़ा साझेदारी नहीं बन पाई। सोफ़ी इक्लेस्टोन (16*) और इशी वोंग (11*) ने आखिरी ओवर में थोड़ा-बहुत रगड़ कर कुल मिलाकर 126 बनाए।
भारत ने जवाबी बल्लेबाज़ी के लिए शफ़ाली वर्मा और स्मृति मंडाना को खोलने पर रखा। खुलते ही शफ़ाली ने पावरप्ले में 53 रन बिना किसी विकेट के ले लिये, जिससे भारत को शुरुआती दबाव बहुत हटा। इस दौरान वह 31 गेंदों पर 41 रन बनाते हुए इंग्लैंड के तेज़ बॉलरों को काफी घास निकाल रही थीं। स्मृति मंडाना ने 31 गेंदों में 32 रन जोड़कर बंधी हुई लाइन को स्थिर किया। शुरुआती 50 रन की साझेदारी ने भारत को 29 गेंदों में ही लक्ष्य के आधे हिस्से तक पहुंचा दिया।
वर्मा के बाद उनका पहला विकेट गिरते ही जेमिमाह रोड्रिगेज ने मध्य ओवरों का भार उठाया। 36 गेंदों में 40 रन बनाकर उन्होंने टीम को भूलभुलैया से बाहर निकाला और अंत में 4.wicket तक की गिरावट को रोकते हुए 127/4 से जीत पक्की की। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी 24 रन बनाकर मध्य-ओवर में रफ्तार को बनाए रखा, जबकि भारत के बैट्समैन ने दोनो ही छोर पर तेज़ी से स्कोरिंग की। 17 ओवर में लक्ष्य पूरा करने के बाद भारतीय टीम ने एक साथ घूंट-घूंट कर जश्न मनाया, जिसमें रोड्रिगेज ने एक घुटने के बल से मार ली हुई गेंद को गोल मारी की और जीत की घोषणा की।
यह जीत सिर्फ एक श्रृंखला का नतीजा नहीं है; यह इंग्लैंड में भारत महिला टीम की दीर्घकालिक बाधा को तोड़ते हुए एक नई दास्तान लिखती है। पिछले वर्षों में इंग्लैंड पर लगातार हारें, खासकर T20I में, टीम के मनोबल को गिराते आए हैं। इस जीत ने न केवल खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाया, बल्कि विश्व कप और जाने वाले एशिया कप जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं के लिये टीम को एक मजबूत आधार दिया।
शफ़ाली वर्मा की इस पावरप्ले प्रदर्शन को कई विशेषज्ञों ने "नवजागृति" कहा है। उन्होंने बॉलिंग अंडर प्रेशर में भी सहजता से स्कोर किया, जिससे कप्तान और कोचिंग स्टाफ को आगे की रणनीति बनाने में मदद मिली। स्मृति मंडाना, जो अक्सर ऑक्सीजन की तरह टीम को स्थिर करती हैं, ने इस मैच में अपनी लीडरशिप दिखायी और मध्य ओवरों में रफ़्तार बनाए रखी। जेमिमाह रोड्रिगेज की अंतरराष्ट्रीय अनुभव और फिनिशिंग क्षमता ने इस जीत को सुरक्षित किया।
इंग्लैंड की टीम भी इस हार से सीख लेकर भविष्य की तैयारी करेगी। उनके बल्लेबाज़ी में शुरुआती साझेदारी की कमी और बॉलिंग में विकेटों को जल्दी लेने की असफलता ने उन्हें इस हार की ओर धकेला। अगले महीने के विश्वचैंपियनशिप में दोनों टीमों के बीच मुकाबला और भी रोमांचक होगा, क्योंकि दोनों ही अब अपनी-अपनी ताक़त को पुनर्स्थापित करने की दिशा में मेहनत कर रही हैं।
मैच के दौरान यूएमपी ए.वाई. हैरिस और आई.डी. ब्लैकवेल ने सटीक फैसले लिए, जबकि दोनों टीमों ने समीक्षाओं (Review) का इस्तेमाल किया। इंग्लैंड ने दो बार समीक्षाओं का उपयोग किया, जबकि भारत ने केवल एक बार। यह दर्शाता है कि दोनों पक्षों ने निर्णयों को लेकर सावधानी बरती।
समग्र रूप से, इस जीत ने भारतीय महिला क्रिकेट में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। आगामी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इस आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए टीम को शारीरिक फिटनेस, रणनीतिक योजना और मानसिक दृढ़ता पर फोकस करना होगा। इस इतिहास रचने वाले मैच को याद रखते हुए, भारत महिला टीम अब विश्व मंच पर "डर नहीं बल्कि सम्मान" की नई पहचान बना रही है।
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