दिल्ली लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा ने कई सीटों पर बाज़ी मारी

दिल्ली लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा ने कई सीटों पर बाज़ी मारी

दिल्ली लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा का दबदबा

दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना के परिणाम आते ही भाजपा ने कई महत्वपूर्ण सीटों पर अपनी विजय दर्ज की है। इस बार चुनाव की मतगणना छठे चरण के पोलिंग के बाद हुई, जो कि 25 मई को संपन्न हुआ था। इस चुनाव में दिल्ली का मतदान प्रतिशत 58% रहा, जो कि 2019 के 60.52% मतदान प्रतिशत से कुछ कम था।

कांग्रेस और आप का गठबंधन

दिल्ली चुनाव में इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने पहली बार गठबंधन किया था और उन्होंने चार-तीन सीटों के बंटवारे का फार्मूला अपनाया था। कांग्रेस और AAP के इस गठबंधन से उम्मीद थी कि उन्हें भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बना पाएंगे, लेकिन परिणाम कुछ और ही निकले।

भाजपा के उम्मीदवार और उनकी जीत

भाजपा ने इस चुनाव में कई उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें मनोज तिवारी (उत्तर-पूर्व दिल्ली), बंसुरी स्वराज (नई दिल्ली), रामवीर सिंह बिधूड़ी (दक्षिण दिल्ली), योगेन्द्र चंडोलिया (उत्तर-पश्चिम दिल्ली), हर्ष दीप मल्होत्रा (पूर्वी दिल्ली), प्रवीण खंडेलवाल (चांदनी चौक), और कमलजीत सहारावत (पश्चिम दिल्ली) शामिल थे। इनमें से कई उम्मीदवारों ने बड़े अंतर से अपनी-अपनी सीटों पर विजय प्राप्त की है।

आप और कांग्रेस के उम्मीदवार

आप ने अपने चार उम्मीदवार मैदान में उतारे थे: कुलदीप कुमार (पूर्वी दिल्ली), महाबल मिश्रा (पश्चिम दिल्ली), सोमनाथ भारती (नई दिल्ली), और शहीराम पहलवान (दक्षिण दिल्ली)। वहीं, कांग्रेस ने जे.पी. अग्रवाल (चांदनी चौक), उदित राज (उत्तर-पश्चिम दिल्ली), और कन्हैया कुमार (उत्तर-पूर्व दिल्ली) को टिकट दिया था। लेकिन भाजपा के मुकाबले यह गठबंधन कमजोर साबित हुआ।

प्रमुख जीतें और पराजित दल

भाजपा ने दक्षिण दिल्ली, चांदनी चौक, और नई दिल्ली समेत कई महत्वपूर्ण सीटों पर जीत हासिल की है। रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दक्षिण दिल्ली सीट पर 1,24,333 वोट के अंतर से जीत हासिल की, जबकि प्रवीण खंडेलवाल ने चांदनी चौक में भी विजय प्राप्त की। मनोज तिवारी ने उत्तर-पूर्व दिल्ली में 1 लाख से अधिक वोटों के अंतर से बढ़त बनाते हुए लगभग सुनिश्चित कर ली है। बंसुरी स्वराज ने नई दिल्ली सीट पर 77,000 वोटों से बढ़त बनाई।

पार्टी प्रतिक्रिया

भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह बिधूड़ी ने पार्टी की इस जीत का श्रेय दिल्ली के निवासियों की अरविंद केजरीवाल सरकार के प्रति निराशा को दिया। वहीं दिल्ली के मंत्री और आप नेता गोपाल राय ने कहा कि जनता अब बदलाव चाहती है और भाजपा के 'अबकी बार 400 पार' के नारे को नजरअंदाज कर रही है।

इस बीच, मनोज तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी नेतृत्व का धन्यवाद किया और दावा किया कि भाजपा देश में भी सरकार बनाएगी।

टिप्पणि (7)

  • Garv Saxena

    Garv Saxena

    7 06 24 / 14:12 अपराह्न

    भाजपा की ये जीत असल में किसी नई चीज़ का नतीजा नहीं है, बल्कि दिल्ली के आम आदमी की थकान का परिणाम है। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने बस स्कूल और बिजली के नाम पर लोगों को भाग्यशाली बनाने की कोशिश की, लेकिन जब जिंदगी में बड़े फैसले लेने का वक्त आया - जैसे नौकरी, बेरोजगारी, या भ्रष्टाचार - तो आप कहाँ थे? लोगों ने अब सिर्फ बातों की बजाय नतीजे चाहे। भाजपा ने बस एक नारा दिया - 'अबकी बार 400 पार' - और लोगों ने उसे अपने दिलों में बसा लिया। ये सिर्फ चुनाव नहीं, ये एक भावनात्मक बदलाव है।

  • Rajesh Khanna

    Rajesh Khanna

    7 06 24 / 19:37 अपराह्न

    अच्छा लगा देखकर कि दिल्ली में भी लोगों ने बदलाव की ओर देखा। अब तक तो हम सोचते थे कि AAP यहाँ हमेशा जीतेगा, लेकिन अब पता चला कि लोग असली काम चाहते हैं - न कि सिर्फ सब्सिडी और बस स्टॉप। भाजपा के उम्मीदवारों ने अच्छा काम किया, और अब उन्हें दिल्ली के लिए भी एक नया विजन बनाना होगा। उम्मीद है अब यहाँ भी विकास की गति बढ़ेगी।

  • Sinu Borah

    Sinu Borah

    9 06 24 / 05:32 पूर्वाह्न

    हाँ हाँ, भाजपा ने जीत ली... लेकिन आप लोग भूल रहे हो कि ये सब एक बड़े नारे के चक्कर में हुआ है। क्या आपने कभी सोचा कि दिल्ली के लोगों ने भाजपा को वोट क्यों दिया? क्या वो उनके आइडियोलॉजी से प्रभावित हुए? नहीं। वो तो बस इतना जानते थे कि AAP ने जो कुछ किया, वो अब खत्म हो रहा है। और भाजपा के पास कुछ नहीं था - बस एक नारा, एक चेहरा, और एक टीवी स्क्रीन। ये जीत एक जनता की नहीं, एक अनुभवहीन जनता की है।

  • Sujit Yadav

    Sujit Yadav

    10 06 24 / 04:28 पूर्वाह्न

    असली समस्या यह है कि दिल्ली के निवासी अभी भी एक 'मुख्यमंत्री की गारंटी' की भावना में फंसे हुए हैं। लोकतंत्र का अर्थ है - निर्णय लेने की स्वतंत्रता, न कि नियमित वित्तीय अनुदान की उम्मीद। भाजपा की जीत एक आर्थिक और नैतिक जागृति का संकेत है। AAP ने लोगों को आराम का अनुभव दिया, लेकिन भाजपा ने उन्हें जिम्मेदारी का अहसास कराया। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण रूपांतरण है - जिसे आम लोग नहीं समझ पाएंगे, क्योंकि उनका दिमाग अभी भी 'सब्सिडी' के चक्कर में है। 🇮🇳

  • Kairavi Behera

    Kairavi Behera

    10 06 24 / 21:10 अपराह्न

    अगर आप देखें तो AAP के लोगों ने बहुत कुछ किया - स्कूल, क्लिनिक, बिजली। लेकिन जब आपके पास एक बड़ा बदलाव चाहिए होता है, तो छोटी-छोटी चीज़ें काफी नहीं होतीं। भाजपा ने बस एक बात कही - 'हम बड़ा बदलाव लाएंगे' - और लोगों ने उस पर भरोसा कर लिया। अब ये जिम्मेदारी भाजपा के ऊपर है। अगर वो दिल्ली में असली बदलाव नहीं ला सके, तो अगली बार लोग फिर से बदलाव चाहेंगे। बस एक बात याद रखें - लोग नेता नहीं, नतीजे चाहते हैं।

  • Aakash Parekh

    Aakash Parekh

    11 06 24 / 00:27 पूर्वाह्न

    भाजपा ने जीत ली। बस।

  • Sagar Bhagwat

    Sagar Bhagwat

    11 06 24 / 04:20 पूर्वाह्न

    अरे भाई, ये सब बहुत बड़ी बात नहीं है। AAP ने जो कुछ किया, वो बहुत अच्छा था। लेकिन लोगों को लगा कि अब एक और चीज़ चाहिए - एक नया नारा, एक नया चेहरा। भाजपा ने बस उसे दे दिया। अब देखना होगा कि वो क्या करते हैं। अगर वो भी सिर्फ नारे चलाएंगे, तो फिर से बदलाव हो जाएगा। ये चुनाव नहीं, ये एक अलग शुरुआत है।

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