दिल्ली में भारी बारिश: व्यापक जलभराव और स्कूल बंद

दिल्ली में भारी बारिश: व्यापक जलभराव और स्कूल बंद

दिल्ली में भारी बारिश: व्यापक जलभराव और स्कूल बंद

बुधवार शाम दिल्ली में हुई मूसलाधार बारिश ने राष्ट्रीय राजधानी को लगभग ठप्प कर दिया। बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनी रही जिससे यातायात में भी व्यापक रुकावटें आईं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को शाम 6 बजे से आधी रात तक 50 से अधिक शिकायतें जलभराव को लेकर प्राप्त हुईं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भारी बारिश के चलते 'रेड' अलर्ट जारी किया।

बारिश के आपातकाल की घोषणा

IMD ने बारिश के आपातकाल की घोषणा करते हुए बताया कि पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार इलाके में स्थित सलवान स्टेशन पर बुधवार सुबह 8:30 बजे से गुरुवार सुबह 7:15 बजे तक 147.5 मिमी वर्षा हुई। अन्य आबजर्वेटरी जैसे नजफगढ़, लोदी रोड, दिल्ली विश्वविद्यालय और सफदरजंग ने भी महत्वपूर्ण बारिश दर्ज की। अनुमान है कि गुरुवार को भी बारिश हो सकती है, जिसके चलते प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है।

बारिश के कारण मुंडका जैसे इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई थी और वहां पर यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई। इस बारिश ने दो जानें भी लीं, जिसमें 22 वर्षीय महिला और उसके तीन साल के बेटे की ग़ाज़ियाबाद में डूबने से मौत हो गई।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रियाएं

दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुवार को सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की। दिल्ली के लेफ्टिनैंट गवर्नर वी. के. सक्सेना ने अधिकारियों से पानी भरने वाले स्थानों पर सतर्क रहने और मामलों को जल्द सुलझाने का आग्रह किया। इस घटना ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया, जिसमें भाजपा ने आप सरकार को जलभराव के मुद्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया।

शहर में जलभराव की स्थिति

कई क्षेत्र जैसे लुटियन्स दिल्ली, कश्मीरी गेट, और राजिंदर नगर भी पानी से सराबोर हो गए। IMD ने लोगों को घर के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी। ट्रैफिक पुलिस और अन्य अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने और व्यवधानों को कम करने के लिए काम कर रहे थे। भारी बारिश के कारण कई उड़ानें भी प्रभावित हुईं, जिसमें इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कई उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा।

दिल्ली नगर निगम (MCD) को जलभराव और गिरे हुए पेड़ों की कई शिकायतें मिलीं। पुराने राजिंदर नगर क्षेत्र, जहां तीन छात्रों की बाढ़ के कारण एक ट्यूशन केंद्र के तहखाने में पानी भरने से मौत हो गई थी, फिर से जलमग्न हो गया, जिससे छात्रों में विरोध की भावना पैदा हुई और बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग की गई। दिल्ली फायर सर्विस ने बताया कि सब्जी मंडी में एक मकान की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।

भविष्य की तैयारी

सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) को भी जलभराव की कई कॉलें प्राप्त हुईं। नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन ने नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) को स्थिति को नियंत्रित करने में असमर्थता के लिए आलोचना की। IMD ने भविष्यवाणी की है कि दिल्ली में 5 अगस्त तक बारिश जारी रह सकती है, जिसके चलते नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

इस बारिश ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि प्रशासन को भी सतर्कता का परिचय देने के लिए मजबूर कर दिया है। जलभराव की समस्या ने दिल्ली की आधारभूत सुविधाओं की कमजोरियों को उजागर किया है, जिससे भविष्य में इस तरह की आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए बेहतर योजनाएं बनाने की आवश्यकता है।

टिप्पणि (19)

  • shubham rai

    shubham rai

    3 08 24 / 18:27 अपराह्न

    बारिश हुई तो क्या हुआ... फिर से यही बातें। घर में बैठे हैं, चाय पी रहे हैं। बाहर तो पानी में डूब रहे हैं। 😒

  • Nadia Maya

    Nadia Maya

    3 08 24 / 21:45 अपराह्न

    इस बारिश के बाद जो लोग अभी भी सोच रहे हैं कि दिल्ली की इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक है... वो शायद नैनोटेक्नोलॉजी से भी अनजान हैं। ये तो एक तरह का सिविल डिस्क्रीडिट है।

  • Nitin Agrawal

    Nitin Agrawal

    4 08 24 / 23:37 अपराह्न

    kya bhai ye sab bhej diya ghar se... abhi tak bhi koi nahi aaya... mcd ka kya hua? kuch toh karo yaar

  • Gaurang Sondagar

    Gaurang Sondagar

    5 08 24 / 19:42 अपराह्न

    ये सब भाजपा के खिलाफ फेक न्यूज है। बारिश तो हर साल होती है। आप सरकार की वजह से नहीं बल्कि लोगों की लापरवाही से ये हो रहा है। बाढ़ का दोष सिर्फ सरकार पर नहीं डालो

  • Ron Burgher

    Ron Burgher

    7 08 24 / 17:03 अपराह्न

    अरे भाई, तीन बच्चे मर गए और तुम ये बातें कर रहे हो? ये तो जानलेवा है। जो लोग घर के तहखाने में रहते हैं, उनकी जिंदगी किसकी है? क्या तुम्हारी नहीं?

  • kalpana chauhan

    kalpana chauhan

    9 08 24 / 00:44 पूर्वाह्न

    हम सब एक साथ हैं 🤝 इस वक्त बच्चों को सुरक्षित रखना है, पानी निकालने के लिए जरूरत है और लोगों को आशा देनी है। कोई भी जरूरत हो तो मैं घर बैठे मदद कर सकती हूँ ❤️

  • Prachi Doshi

    Prachi Doshi

    9 08 24 / 11:06 पूर्वाह्न

    बारिश तो हो गई... अब देखते हैं कि कौन सुधार करता है। लोगों को बचाना होगा ना।

  • Karan Kacha

    Karan Kacha

    9 08 24 / 22:05 अपराह्न

    मैंने 2015 में भी यही बात कही थी... दिल्ली की ड्रेनेज सिस्टम तो 1947 की है... अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ... ये नगर निगम के अधिकारी तो बस बैठे रहते हैं... और जब बारिश होती है तो बताते हैं 'हम तैयार हैं'... बस बारिश रुक जाती है और फिर भूल जाते हैं... ये जलभराव का चक्र तो अब एक रिटुअल हो गया है... जिसका कोई अंत नहीं... अगर अब भी नहीं सुधारा तो अगले साल भी यही बातें होंगी... और फिर से लोग मरेंगे... और फिर से एक ट्वीट आएगा... और फिर से भूल जाएंगे... ये तो बस एक ड्रामा है... जिसमें कोई नहीं जिम्मेदार है... क्योंकि सब कुछ 'सिस्टम' का बोलता है... लेकिन सिस्टम कौन है? क्या ये सिस्टम बना है लोगों के लिए या सिर्फ बजट खर्च करने के लिए?

  • vishal singh

    vishal singh

    11 08 24 / 07:19 पूर्वाह्न

    तुम लोगों को ये सब बारिश देखकर लगता है कि दिल्ली का कुछ नहीं हो रहा? बच्चों की मौत का जिक्र करोगे तो आँखें भर आती हैं... पर जब बारिश रुक जाती है तो कोई नहीं याद रखता।

  • mohit SINGH

    mohit SINGH

    12 08 24 / 00:15 पूर्वाह्न

    ये सब एक बड़ा धोखा है। बारिश नहीं, ये राजनीति है। जिस तरह से सरकार इसे बढ़ा रही है... ये तो एक बड़ा ट्रिक है जिससे लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।

  • Preyash Pandya

    Preyash Pandya

    12 08 24 / 03:48 पूर्वाह्न

    लोगों को घर में रहने को कहा जा रहा है... पर जिनके पास घर ही नहीं है? 😂 अरे भाई ये सब तो बस ट्वीट करने के लिए है... जब बारिश होती है तो तुम बोलते हो 'हम तैयार हैं'... लेकिन अगर बारिश न होती तो क्या तुम कुछ करते? नहीं ना? 😅

  • Raghav Suri

    Raghav Suri

    12 08 24 / 07:14 पूर्वाह्न

    मैं तो ये सोचता हूँ कि हम सब एक दूसरे की मदद करें। अगर किसी को घर से बाहर जाना है तो उसके लिए बाइक या कार दे दो। बच्चों के लिए खाना भी बाँट सकते हैं। बस एक छोटी सी मदद... जो बहुत बड़ी बात बन जाती है। ये दिल्ली है... हम एक दूसरे के लिए खड़े हो सकते हैं।

  • Priyanka R

    Priyanka R

    13 08 24 / 20:36 अपराह्न

    ये सब एक बड़ा अभियान है... जिसका नेतृत्व कोई बाहरी शक्ति कर रही है... बारिश नहीं... ये तो एक तरह का साइबर युद्ध है... जिसमें बारिश का इस्तेमाल किया जा रहा है। तुम्हें पता है कि ये कौन बना रहा है? चीन? अमेरिका? या कोई और? 🤔

  • Rakesh Varpe

    Rakesh Varpe

    15 08 24 / 16:19 अपराह्न

    सब बर्बाद है। कोई नहीं सुधार रहा।

  • Girish Sarda

    Girish Sarda

    17 08 24 / 13:40 अपराह्न

    क्या आप लोग जानते हैं कि इस बारिश के बाद जलभराव के कारण कितने बच्चे बीमार हो रहे हैं? मैंने एक डॉक्टर से बात की जिसने बताया कि बच्चों में डायरिया और त्वचा के संक्रमण बढ़ गए हैं। ये सिर्फ बारिश नहीं... ये स्वास्थ्य का मुद्दा है।

  • Garv Saxena

    Garv Saxena

    17 08 24 / 18:10 अपराह्न

    ये बारिश... ये जलभराव... ये मौतें... ये सब क्या है? एक तो हमारी नगर निगम की अक्षमता... दूसरा हमारी आदतें... तीसरा हमारी निष्क्रियता। हम बारिश को एक आपदा मानते हैं... पर ये तो हमारी अपनी बनाई गई आपदा है। हमने बरसात के लिए नहीं बल्कि बरसात के बाद के लिए तैयारी नहीं की। ये तो हमारी नाकामी है... न कि किसी सरकार की।

  • Rajesh Khanna

    Rajesh Khanna

    18 08 24 / 05:25 पूर्वाह्न

    हम इसे सुलझा सकते हैं। बस थोड़ी सी मेहनत और एकजुटता चाहिए। अगर हम सब मिलकर काम करें तो ये सब ठीक हो जाएगा।

  • Sinu Borah

    Sinu Borah

    18 08 24 / 16:52 अपराह्न

    ये सब तो पहले भी हुआ है... और फिर भी कुछ नहीं बदला... अब तो ये एक रूटीन बन गया है... बारिश... जलभराव... शिकायतें... फिर भूल जाना... और फिर वही चक्र... लोग तो बस एक दूसरे को दोष देते रहते हैं... लेकिन कोई खुद को नहीं देखता... जो गलती कर रहा है... तुम भी तो अपने घर के आसपास का ड्रेन नहीं साफ करते... तो फिर दूसरों पर दोष क्यों?

  • Sujit Yadav

    Sujit Yadav

    18 08 24 / 23:24 अपराह्न

    ये सब एक बड़ा फ्रेमवर्क है। जिसके तहत हम सब को एक बार फिर से अपनी जिम्मेदारी से भागने का अवसर मिल रहा है। ये न सिर्फ एक बारिश है... ये एक आध्यात्मिक परीक्षा है। क्या तुम अपने जीवन को नियंत्रित कर सकते हो? या फिर बस इंतजार करते रहोगे कि कोई और बदलाव लाए?

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