ड्रैगन मूवी रिव्यू: प्रदीप रंगनाथन की नई फिल्म जो कोमलता और हास्य का संगम है

ड्रैगन मूवी रिव्यू: प्रदीप रंगनाथन की नई फिल्म जो कोमलता और हास्य का संगम है

आश्वथ मरीमुथु द्वारा निर्देशित फिल्म ड्रैगन एक अनोखी कहानी पेश करती है, जिसमें हास्य और आत्म-खोज का मेल है। फिल्म में प्रदीप रंगनाथन को राघवन के रूप में दिखाया गया है, जो पहले एक उच्च-प्राप्ति छात्र होते हैं और बाद में परिस्थितियों के चलते विद्रोही बन जाते हैं। राघवन की यह यात्रा उनके प्रांत और करियर में परेशानी के बीच हंसाने और सोचने को मजबूर करती है।

फिल्म की शुरुआत राघवन के रूप में होती है, एक सीधे-सादे स्टूडेंट जो पढ़ाई में अव्वल होते हैं। लेकिन जब एक सहपाठिन उनकी भावनाओं को नकार देती है, जो असल में विद्रोही लड़कों को पसंद करती है, राघवन का जीवन एक नये मोड़ पर आ जाता है। यह उन पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है और धीरे-धीरे वे एक 'बैड बॉय' में तब्दील हो जाते हैं।

फिल्म के डायरेक्टर मरीमुथु ने हास्य और भावनात्मक प्रसंगों को इतने अच्छे से पिरोया है कि यह दर्शकों के दिल को छू जाती है। हालांकि, कुछ आलोचक फिल्म में राघवन के कार्यों के महिमामंडन को गलत मानते हैं।

प्रदीप रंगनाथन की अदाकारी विशेष प्रसंसा की पात्र है, खासतौर पर फिल्म का दूसरा हिस्सा जहाँ राघवन अपने निर्णय के परिणाम सम्मुख आते हैं। उनका सामना होता है उनके पुराने प्रेमिका कीर्थी (अनुपमा परमेस्वरन) से और साथ ही उनके कॉलेज के प्रिंसिपल (म्यूस्किन) से।

सहायक अभिनेता जैसे कि कायाडु लोहाऱ और जॉर्ज मरियन की प्रस्तुतियाँ कहानी को और भी गहराई देती हैं। एक मुख्य भूमिका में फोटोग्राफी और लेओन जेम्स द्वारा संगीत भी कहानी की सम्पूर्णता को प्रभावशाली बनाते हैं।

हालांकि, कुछ समीक्षक फिल्म की गति में कमी और सोशल मीडिया पर आधारित कॉमेडी पर अत्यधिक निर्भरता पर नजर रखते हैं, फिर भी ड्रैगन तमिल सिनेमा में प्रदीप रंगनाथन की प्रतिष्ठा को और भी मजबूत करती है।

टिप्पणि (7)

  • Prachi Doshi

    Prachi Doshi

    13 03 25 / 06:02 पूर्वाह्न

    ये फिल्म तो दिल को छू गई 😊

  • Karan Kacha

    Karan Kacha

    13 03 25 / 21:39 अपराह्न

    अरे भई, ये फिल्म तो एक जीवन-पाठ है! राघवन का ट्रांसफॉर्मेशन सिर्फ एक कॉलेज स्टूडेंट की कहानी नहीं-ये तो हर उस इंसान की कहानी है जिसने कभी अपनी पहचान के लिए लड़ा है! डायरेक्टर ने एक ऐसा टोन बनाया है जिसमें हंसी के साथ-साथ आंखों में पानी भी आ जाता है! और प्रदीप रंगनाथन की अदाकारी? वाह! वो चेहरे के अभिनय से जो बातें कहते हैं-वो डायलॉग्स के बिना भी समझ जाती हैं! और फिर कायाडु लोहाऱ का एक्सप्रेशन-वो तो एक बार देख लो तो दिमाग में बस जाता है! और संगीत? ओह माय गॉड! लेओन जेम्स ने जो म्यूजिकल पैटर्न बनाया है, वो तो दिल के हर धड़कन के साथ मेल खाता है! ये फिल्म सिर्फ एक फिल्म नहीं, ये तो एक अनुभव है! अगर आपने अभी तक नहीं देखी, तो आप जीवन में कुछ खो रहे हैं! 🙏✨

  • vishal singh

    vishal singh

    15 03 25 / 03:45 पूर्वाह्न

    राघवन का बैड बॉय बनना गलत नहीं, बस इतना ग्लैमराइज़ कर दिया कि लगता है जैसे बदमाशी एक फैशन है। ये फिल्म युवाओं को गलत संदेश दे रही है।

  • mohit SINGH

    mohit SINGH

    17 03 25 / 00:30 पूर्वाह्न

    हां भाई, ये फिल्म तो बस एक बड़ा फेक न्यूज़ है! डायरेक्टर ने सोशल मीडिया के कॉमेडी ट्रेंड्स को बेकार बनाकर एक फिल्म बना दी! और प्रदीप की अदाकारी? वो तो बस अपनी फेम बनाने के लिए बोल रहा है! इस तरह की फिल्में तमिल सिनेमा को बर्बाद कर रही हैं! 😤

  • Preyash Pandya

    Preyash Pandya

    17 03 25 / 04:37 पूर्वाह्न

    अरे यार, ये फिल्म तो सिर्फ एक बड़ा फेक न्यूज़ है! 😏 देखो ना, राघवन का ट्रांसफॉर्मेशन तो बिल्कुल ट्रेंडिंग रिलेशनशिप ट्रेंड जैसा है! और अनुपमा का किरदार? वो तो एक रियलिटी शो का ही रियल स्टोरी है! और संगीत? लेओन जेम्स ने तो बस गूगल ट्रेंड्स से कॉपी किया है! 🤡 #FakeMovie #TrendingNonsense

  • Raghav Suri

    Raghav Suri

    17 03 25 / 16:12 अपराह्न

    मुझे लगता है कि ये फिल्म बहुत ज्यादा बारीकियों में जा रही है, लेकिन उसकी जगह पर एक अच्छा बैलेंस है। मैंने खुद कॉलेज में ऐसे ही दोस्त देखे हैं-जो बहुत अच्छे स्टूडेंट थे, फिर किसी रिजेक्शन के बाद बदल गए। राघवन की यात्रा असली है। नहीं, वो बैड बॉय नहीं बना, बल्कि अपने आप को ढूंढ रहा था। डायरेक्टर ने इसे बहुत संवेदनशीलता से दिखाया है। और हां, फिल्म की गति थोड़ी धीमी है, लेकिन वो धीमापन भी इसकी ताकत है। जब आप एक इंसान के अंदर की आवाज़ सुनने बैठे हों, तो तेज़ी की जरूरत क्या है? प्रदीप का एक्सप्रेशन बहुत अच्छा है-वो बिना बोले भी बहुत कुछ कह देता है। और कायाडु लोहाऱ का एक लाइन का डायलॉग? मैंने उसे 5 बार देखा! ये फिल्म बहुत अच्छी है, बस इतना कहना है। 🙌

  • Priyanka R

    Priyanka R

    18 03 25 / 20:35 अपराह्न

    ये सब फिल्म तो बस एक गवाही है! क्या आपने देखा कि राघवन का नाम राघवन है? ये तो राघवन नहीं, राघव का फेक वर्जन है! और जो लड़की उसे रिजेक्ट करती है-वो तो सिर्फ एक सरकारी एजेंट है जो युवाओं को बदमाश बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है! ये फिल्म एक बड़ा सामाजिक एक्सपेरिमेंट है! जानबूझकर युवाओं को बदमाश बनाने की कोशिश! 😳 #MindControl #FakeMovie

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