ग्रोउ आईपीओ 4 नवंबर को खुला, 12 नवंबर को सूचीबद्ध होगा, कीमत ₹95-100

ग्रोउ आईपीओ 4 नवंबर को खुला, 12 नवंबर को सूचीबद्ध होगा, कीमत ₹95-100

4 नवंबर, 2025 को शाम 7:18 बजे (UTC) ग्रोउ का आईपीओ शुरू हो गया — भारत के डिजिटल निवेश जगत में एक ऐतिहासिक क्षण। ये केवल एक आईपीओ नहीं, बल्कि एक ऐसी कंपनी का नाम है जिसने लाखों नए निवेशकों को शेयर बाजार की दुनिया में लाया है। ये कंपनी, जिसका कानूनी नाम बिलियनब्रेन्स गैरेज वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड है, ने ₹95 से ₹100 के बीच कीमत बैंड रखा है, और न्यूनतम लॉट 150 शेयर, यानी ₹15,000 का निवेश। आईपीओ की समय सीमा 7 नवंबर तक रहेगी, और 12 नवंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होगी।

आईपीओ का आकार और संरचना: ₹6,632 करोड़ का बड़ा बाजार

इस आईपीओ का कुल आकार ₹6,632 करोड़ है — जिसमें ₹1,060 करोड़ का नया निवेश और ₹5,572 करोड़ का ओफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। OFS में मौजूदा शेयरधारक, जिनमें टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, रिब्बिट कैपिटल और एंड्रीसेन हॉरोविट्ज़ जैसे वैश्विक निवेशक शामिल हैं, अपने हिस्से बेच रहे हैं। ये संरचना आमतौर पर आईपीओ में देखी जाती है, लेकिन ग्रोउ के मामले में ये अलग है — क्योंकि यहां निवेशक न केवल कंपनी में निवेश कर रहे हैं, बल्कि उनके निवेशकों के लाभ को भी देख रहे हैं।

सब्सक्रिप्शन स्थिति: रिटेल निवेशकों ने बनाया धमाल

पहले दिन आईपीओ की सब्सक्रिप्शन दर 57% रही, जो कम लग सकता है — लेकिन यहां एक बड़ा ट्विस्ट है। रिटेल निवेशकों के लिए आवंटित कोटा 1.9 गुना ओवरसब्सक्राइब हो चुका है। यानी छोटे निवेशक, जिन्हें ग्रोउ ने बनाया है, वो अपने पैसे लेकर आ रहे हैं। दूसरी ओर, कुल सब्सक्रिप्शन केवल 0.13x है — जो बताता है कि आईआरए (Institutional Investors) अभी बहुत सावधान हैं। क्यों? शायद इसलिए कि फिनटेक कंपनियों के लिए मुनाफा अभी भी अस्थिर है, या फिर बाजार में लेंसकार्ट और पाइन लैब्स जैसी अन्य आईपीओ के कारण निवेशक बंट गए हैं।

ग्रोउ का सफर: फ्लिपकार्ट के एक्स-एम्प्लॉयीज़ से शुरू हुआ एक डिजिटल क्रांति

2016 में हर्ष जैन, ललित मंगल, इशान बंसल और दीपक जैन ने ग्रोउ की शुरुआत की — तीनों फ्लिपकार्ट के पूर्व कर्मचारी। उन्होंने एक साधारण विचार रखा: निवेश जटिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने एक ऐसा ऐप बनाया जो भाषा समझता है, जो ग्राफ़िक्स बताता है, जो बातचीत करता है। आज तक, ग्रोउ ने ₹2.5 लाख करोड़ से अधिक के लेनदेन को संभाला है। ये नंबर बस एक आंकड़ा नहीं — ये लाखों घरों के बजट में बदलाव है।

लॉक-इन और बाजार का इंतजार

लॉक-इन और बाजार का इंतजार

आईपीओ के बाद भी बाजार अभी तक बहुत सावधान है। एंकर इन्वेस्टर्स के लिए लॉक-इन दो चरणों में खत्म होगा: 50% शेयर 10 दिसंबर, 2025 को और बाकी 50% 8 फरवरी, 2026 को। ये नियम बाजार को अचानक बिक्री से बचाने के लिए है — लेकिन यहां एक बड़ा सवाल है: क्या एंकर इन्वेस्टर्स अपने शेयर बेचेंगे? अगर हां, तो ग्रोउ की कीमत शुरुआती दिनों में गिर सकती है। अगर नहीं, तो ये एक बड़ा विश्वास का संकेत होगा।

ग्रोउ और फिनटेक का भविष्य: क्या आईपीओ सच में बदलाव लाएगा?

ग्रोउ के आईपीओ के बाद भारतीय फिनटेक क्षेत्र का नक्शा बदल सकता है। ये एक ऐसी कंपनी है जिसने शेयर बाजार को गांव-गांव तक पहुंचाया। अब बाजार देख रहा है — क्या ये डिजिटल निवेश का भविष्य है? या फिर ये भी एक टेक-स्टार्टअप है जो अपने निवेशकों को भुनाने के लिए आईपीओ का इस्तेमाल कर रही है? विश्लेषकों का मानना है कि अगर ग्रोउ अपने विज्ञापन खर्च को कम करके लाभ की ओर बढ़े, तो ये एक स्थायी बिजनेस मॉडल बन सकता है। अगर नहीं, तो ये भी एक और फ्लैश-इन-द-पैन वैल्यू होगी।

अगला कदम: आईपीओ के बाद क्या होगा?

अगला कदम: आईपीओ के बाद क्या होगा?

10 नवंबर को शेयरों का आवंटन पूरा होगा, और 11 नवंबर को रिफंड और शेयर जमा होंगे। लिस्टिंग के बाद ग्रोउ का बाजार पूंजीकरण ₹1.5 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है — यानी ये भारत की टॉप 10 फिनटेक कंपनियों में शामिल हो जाएगी। अगले तीन महीनों में देखना होगा कि क्या ये नए निवेशक अपने अकाउंट्स में नियमित निवेश करते रहेंगे, या फिर बस एक बार का बाजार का शो देखकर चले जाएंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ग्रोउ आईपीओ में निवेश करने के लिए कितना पैसा चाहिए?

न्यूनतम लॉट 150 शेयर है, जिसकी कीमत ₹95-100 के बीच है। इसका मतलब है कि न्यूनतम निवेश ₹15,000 है। अगर आप ₹30,000 या ₹45,000 लगाना चाहते हैं, तो आप 300 या 450 शेयर खरीद सकते हैं। ये आईपीओ रिटेल निवेशकों के लिए भी बहुत सुलभ है।

ग्रोउ के शेयर किस दिन बाजार में आएंगे?

शेयर 12 नवंबर, 2025 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट होंगे। आवंटन 10 नवंबर को पूरा होगा, और 11 नवंबर को शेयर आपके डीमैट अकाउंट में जमा हो जाएंगे। ये टाइमलाइन बहुत स्पष्ट है — जो आईपीओ में कम देखा जाता है।

ग्रोउ के एंकर इन्वेस्टर्स कौन हैं?

एंकर इन्वेस्टर्स में टाइगर ग्लोबल, रिब्बिट कैपिटल, एंड्रीसेन हॉरोविट्ज़ और वाय कॉम्बिनेटर जैसे वैश्विक फंड शामिल हैं। इन्होंने आईपीओ से पहले शेयर खरीदे थे। ये लोग अपने शेयर बेचने से पहले 30 और 90 दिन का लॉक-इन पालन करेंगे, जिससे बाजार को स्थिरता मिलेगी।

ग्रोउ का बिजनेस मॉडल कैसे काम करता है?

ग्रोउ मुख्य रूप से यूजर्स को म्यूचुअल फंड, शेयर, ETF और एफडी में निवेश करने की सुविधा देता है। ये फ्री ट्रेडिंग नहीं करता — इसकी आय फंड हाउसेज और बैंक्स से कमीशन के रूप में आती है। इसकी खास बात है कि ये नए निवेशकों को सिखाता है — जिससे उनकी लॉयल्टी बढ़ती है।

ग्रोउ और लेंसकार्ट के आईपीओ में क्या अंतर है?

लेंसकार्ट का आईपीओ 2.86x सब्सक्रिप्शन के साथ बंद हुआ — यानी इसमें भारी डिमांड थी। लेकिन ग्रोउ का आईपीओ रिटेल निवेशकों के लिए बहुत अधिक आकर्षक है। लेंसकार्ट एक रिटेल ब्रांड है, जबकि ग्रोउ एक डिजिटल फिनटेक प्लेटफॉर्म है। दोनों अलग बाजारों में काम करते हैं।

क्या ग्रोउ का आईपीओ भारतीय फिनटेक सेक्टर को बदल देगा?

अगर ग्रोउ अपने लाभ को बढ़ाने में सफल होता है, तो ये एक मॉडल बन जाएगा — जहां डिजिटल निवेश टेक्नोलॉजी और शिक्षा के साथ जुड़े। अगर ये लाभ के बिना बस यूजर ग्रोथ पर फोकस रहा, तो ये एक और फ्लैश-इन-द-पैन हो सकता है। भविष्य ये बताएगा कि ये बिजनेस स्थायी है या नहीं।

टिप्पणि (5)

  • Dev Toll

    Dev Toll

    5 11 25 / 10:33 पूर्वाह्न

    ग्रोउ ने तो असल में बाजार को बदल दिया है। मैंने पहली बार 5000 रुपये से शुरुआत की थी, अब तक 1.5 लाख निवेश हो गया। ऐप इतना सरल है कि मेरी माँ भी ट्रेड कर लेती है।

  • utkarsh shukla

    utkarsh shukla

    6 11 25 / 00:00 पूर्वाह्न

    रिटेल निवेशकों की सब्सक्रिप्शन 1.9x है और इंस्टीट्यूशनल्स की सिर्फ 0.13x? ये बात सच में सोचने पर मजबूर कर देती है।

  • shyam majji

    shyam majji

    6 11 25 / 22:48 अपराह्न

    एंकर इन्वेस्टर्स जब 10 दिसंबर को शेयर बेचेंगे तो देखना होगा कि कौन डूबेगा

  • shruti raj

    shruti raj

    7 11 25 / 09:50 पूर्वाह्न

    ये सब टेक-स्टार्टअप वाले बस निवेशकों को भुनाने के लिए आईपीओ कर रहे हैं... मैंने देखा है ऐसा ही कई बार हुआ है 😔

  • Chandu p

    Chandu p

    8 11 25 / 06:13 पूर्वाह्न

    भारत की ये डिजिटल क्रांति दुनिया के सामने गर्व की बात है। ग्रोउ ने गांवों तक निवेश का सपना साकार किया है। 🙌

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