सोमवार, 30 सितंबर 2024 को जब इंग्लैंड के कप्तान हैरी ब्रूक ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ओडीआई) मैच में 52 गेंदों में 72 रन बनाए, तो उन्होंने सिर्फ एक मैच नहीं जीता—एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ दिया। हैरी ब्रूक, 25 साल के यॉर्कशायर के दाहिने हाथ के बल्लेबाज, ने इस सीरीज में कुल 312 रन बनाकर विराट कोहली (310 रन, 2019) और एमएस धोनी (285 रन, 2009) के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। यह रिकॉर्ड केवल एक ओडीआई मैच का नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी बिलेटरल सीरीज में कप्तान के रूप में सबसे अधिक रन बनाने का है। और ये रिकॉर्ड अब भारतीय क्रिकेट के दो सुपरस्टार्स के नाम से नहीं, बल्कि एक अंग्रेजी नवयुवक के नाम से दर्ज हो गया है।
मैच का अंतिम ओवर तक यह देखना दिलचस्प था कि क्या ब्रूक 310 के नंबर को पार कर पाएंगे। जब उन्होंने एडम ज़म्पा की गेंद पर ग्लेन मैक्सवेल के हाथों में कैच दे दिया, तो उनका स्कोर 72 था—लेकिन सीरीज का कुल 312 था। एक बार फिर, वह अपनी ताकत को दिखाने के लिए बल्लेबाजी कर रहे थे। उनकी इस पारी में 10 चौके और 4 छक्के शामिल थे। उन्होंने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि टीम को नेतृत्व दिया। इंग्लैंड ने 308 रन का लक्ष्य तय किया, जिसमें फिलिप सॉल्ट के 45 (27 गेंदों में) और बेन डकेट के 107 (91 गेंदों में) का योगदान रहा। ऑस्ट्रेलिया के ट्रैविस हेड ने 3 विकेट लिए, लेकिन ब्रूक की बल्लेबाजी ने उनकी कोशिशों को निरर्थक बना दिया।
पहले तक, इस रिकॉर्ड का नाम भारतीय क्रिकेट के दो अमर नामों से जुड़ा था। विराट कोहली ने 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 310 रन बनाकर एक नया मानक तय किया था। उससे पहले, एमएस धोनी ने 2009 में 285 रन का रिकॉर्ड बनाया था। ये दोनों नाम अब इतिहास में दर्ज हो गए हैं। ब्रूक ने सिर्फ 2 रन से इस रिकॉर्ड को पार किया—एक बार फिर, यह बताता है कि क्रिकेट में रिकॉर्ड कितने नाजुक होते हैं। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एओइन मॉर्गन (278 रन, 2015) और पाकिस्तान के बाबर आजम (276 रन, 2022) भी इस सूची में शामिल हैं। लेकिन अब ब्रूक का नाम सबसे ऊपर है।
ब्रूक की यह उपलब्धि केवल बल्लेबाजी की नहीं, बल्कि नेतृत्व की भी है। उन्होंने अपनी पहली बड़ी ओडीआई सीरीज कप्तानी के रूप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह कमाल किया। सीरीज के दौरान उन्होंने केवल एक अर्धशतक नहीं, बल्कि दो शतक भी जड़े। एक खास तौर पर उल्लेखनीय था सितंबर 2024 में चेस्टर-ली-स्ट्रीट में खेले गए मैच में उनका 110* (94 गेंदों में)। उस इनिंग्स ने उनके कुल रनों में बहुत बड़ा योगदान दिया। एक नवयुवक कप्तान, जिसने सिर्फ 33 ओडीआई मैच खेले हैं, ने इतना बड़ा रिकॉर्ड बना दिया। उनकी ओडीआई कैरियर की औसत 37.66 है, स्ट्राइक रेट 103.86 है—और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये आंकड़े और भी बेहतर हैं: औसत 63, स्ट्राइक रेट 126।
क्योंकि यह रिकॉर्ड केवल रनों का नहीं, बल्कि दबाव के खिलाफ जीत का है। ऑस्ट्रेलिया के घर पर, जहां गेंदबाजी तेज़ होती है, जहां टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना आम है, और जहां भारतीय कप्तानों ने लंबे समय तक रिकॉर्ड बनाए रखे—वहीं ब्रूक ने अपनी बल्लेबाजी से दिखाया कि नेतृत्व का मतलब सिर्फ टीम को ले जाना नहीं, बल्कि अपने बल्ले से इतिहास लिखना है। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड (Cricket Australia) ने इस सीरीज को संचालित किया, लेकिन इसका असली असर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के लिए भी है। अब उनके दो अमर नामों के बाद एक अंग्रेजी नाम इस रिकॉर्ड पर चमक रहा है।
ब्रूक की यह उपलब्धि इंग्लैंड के लिए विश्व कप की तैयारी के लिए एक बड़ी जानकारी है। उनकी ताकत निरंतर रहने वाली है? या यह सिर्फ एक असाधारण सीरीज थी? उनकी ओडीआई कैरियर के अगले 10 मैचों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे इसी तरह का प्रदर्शन दोहरा पाएंगे। ऑस्ट्रेलिया के लिए, यह एक संकेत है कि उनकी गेंदबाजी अब बेहतर तरीके से नेतृत्व करने वाले बल्लेबाजों को रोकने के लिए तैयार होनी चाहिए। वैसे भी, अगली बार जब इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने होंगे, तो दर्शक यह देखने के लिए बैठेंगे कि क्या कोई ब्रूक के रिकॉर्ड को चुनौती दे पाएगा।
नहीं, हैरी ब्रूक ने भारत के खिलाफ कोई ऐसा रिकॉर्ड नहीं बनाया है। उनका यह रिकॉर्ड सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बिलेटरल ओडीआई सीरीज के लिए है। भारत के खिलाफ उनका औसत 32.5 है, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके 63 के औसत से काफी कम है। इसलिए यह रिकॉर्ड एक विशिष्ट प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बना है, जिसका मतलब है कि वे ऑस्ट्रेलियाई पिचों और गेंदबाजों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
विराट कोहली के 310 रन 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों में बने थे, जबकि एमएस धोनी के 285 रन 2009 में पांच मैचों में बने थे। ब्रूक के 312 रन पांच मैचों में बने, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट दोनों से बहुत अधिक है। कोहली का औसत 41.92 था, लेकिन ब्रूक का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ औसत 63 है—यानी उन्होंने ज्यादा रन बनाए और उन्हें जल्दी भी बनाया।
नहीं, ब्रूक इंग्लैंड के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले कप्तान नहीं हैं। एओइन मॉर्गन ने कुल 3,997 रन बनाए हैं, जबकि ब्रूक के अभी केवल 1,130 रन हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बिलेटरल सीरीज में उनका रिकॉर्ड अब सबसे ऊपर है। यह एक विशिष्ट रिकॉर्ड है, जो एक विशिष्ट प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बना है।
बेशक। विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया हमेशा एक बड़ा प्रतिद्वंद्वी होता है। ब्रूक की इस सीरीज में दिखाई गई अप्रतिरोध्य बल्लेबाजी ने उन्हें एक ऐसा कप्तान बना दिया है जो दबाव में भी रन बना सकता है। यह इंग्लैंड के लिए एक बड़ा मनोवैज्ञानिक लाभ है। अगर विश्व कप में वे ऑस्ट्रेलिया से मिलें, तो ब्रूक की बल्लेबाजी टीम के लिए एक आधार बन सकती है।
हां, बिल्कुल। अगली बार जब इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने होंगे, तो कोई और कप्तान इस रिकॉर्ड को तोड़ सकता है। लेकिन यह रिकॉर्ड बहुत ऊंचा है—312 रन एक बिलेटरल सीरीज में बनाना बहुत कठिन है। ब्रूक की बल्लेबाजी का तरीका, उनकी तेजी और दबाव में निर्णय लेने की क्षमता उन्हें एक ऐसा कप्तान बनाती है जिसे तोड़ना बहुत मुश्किल होगा।
हां, बिल्कुल। भारतीय दर्शकों के लिए विराट कोहली और एमएस धोनी के नाम अमर हैं। इस रिकॉर्ड का अंग्रेजी कप्तान के नाम होना एक अजीब लग सकता है। लेकिन यह क्रिकेट का असली रूप है—जहां रिकॉर्ड कोई राष्ट्रीयता नहीं, बल्कि प्रदर्शन की बात है। यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट के इतिहास को नहीं, बल्कि उसके प्रभाव को दर्शाता है।
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