2023 क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान की तेज़ गेंदबाज़ी ने कई बार निराशा जताई, पर सबसे खतरनाक आँकड़ा Haris Rauf का रहा। नौ मैचों में कुल 533 रन देना इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे अधिक conceded रन बना, जो पहले इंग्लैंड के एडिल रशीद (2019, 526 रन) के रिकॉर्ड को तोड़ गया।
रौफ़ की औसत 33.31 रन प्रति विकेट, और विशेषकर पावरप्लेमे अंत में उसकी 12.5 की इकनॉमी, दर्शाती है कि प्रतिद्वंद्वी बल्लेबाज़ों ने उसकी तेज़ी को आसानी से संभाल लिया। शुरुआती दो ओवर में हर 2.6 डिलीवरी पर एक बाउंड्री मिलने की दर, उसे किसी भी संग्रहीत सुरक्षित गेंदबाज़ी से बहुत दूर रखती है।
रौफ़ के साथ-साथ शाअहीन अफ़्रीदी ने भी इसी टूर्नामेंट में 90 रन बकाया छोड़ते हुए अपना सबसे बुरा प्रदर्शन दिया, जब दोनों ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ क्रमशः 10 ओवर चलाए। ये आँकड़े न केवल व्यक्तिगत असफलता को दिखाते हैं, बल्कि पूरी टीम की स्ट्रेटेजिक कमी को भी उजागर करते हैं।
पाकिस्तान ने 2019 में हसन अली के 84 रन्स (9 ओवर) के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अब तक का सबसे अधिक खर्चा दिया है। यह संकेत देता है कि पिच की तैयारी, लाइन‑लेंथ कंट्रोल और पावरप्ले के दौरान गेंदबाज़ी प्लान में गड़बड़ी रही है। कई टीमों ने रौफ़ को पहले ओवर में ही लक्षित किया, जिससे उसकी तेज़ डिलीवरी का असर कम हो गया।
विश्लेषकों ने यह भी कहा कि रौफ़ की रीडिंग और बॉल टॉम्पिंग में सुधार की आवश्यकता है। नई पीढ़ी की बल्लेबाज़ी ने नयी तकनीकें अपनाई हैं, जैसे कि स्विंग और रोल-एंड‑स्लाइड, जिससे केवल तेज़ी पर भरोसा करना कठिन हो गया।
भविष्य को देखते हुए, कोचिंग स्टाफ को रौफ़ के वर्कशॉप सत्रों में बॉल कंट्रोल, सीम पर रेंजिंग और बॉटम-ऑफ़‑बॉल की विविधता को शामिल करना चाहिए। साथ ही, टीम को पावरप्ले योजना को पुनः परिभाषित कर, रौफ़ को अधिक प्रबंधनीय स्थितियों में डालना चाहिए, ताकि वह अपने गति के साथ साथ सटीकता भी प्रदर्शित कर सके।
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