पाकिस्तान के राजनीतिक माहौल में भारी उथल-पुथल के बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं। इमरान खान, जिन्हें अगस्त 2023 में कई मामलों में गिरफ्तार किया गया था, के समर्थन में राजधानी इस्लामाबाद में भारी प्रदर्शन हो रहा है। ये प्रदर्शन 24 नवंबर से शुरू हुए थे, खान के 'अंतिम आह्वान' के बाद, जिसमें उन्होंने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। खान का मानना है कि 26वें संशोधन ने एक तानाशाही शासन को मजबूत किया है, और उनके समर्थकों का आरोप है कि सरकार की नीतियां जनादेश को "चोरी" करती हैं।
इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारी डी-चौक की ओर बढ़े, जो कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों के निकट स्थित है, जैसे कि प्रेसीडेंसी, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद, और सुप्रीम कोर्ट। इन घटनाओं के दौरान चार अर्धसैनिक रेंजर्स और दो पुलिसकर्मी मारे गए, जबकि 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। सरकार ने सेना को बुलाकर हालात पर काबू पाने का प्रयास किया। इस्लामाबाद में गोली चलाने का आदेश जारी किया गया ताकि प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने आरोप लगाया है कि पीटीआई नेताओं ने हिंसा से बचने की सरकारी अपीलों को नजरअंदाज किया। नकवी ने यह भी कहा कि अधिकांश पीटीआई समर्थक खैबर पख्तूनख्वा से आए थे और गुप्त नेतृत्व द्वारा नियंत्रित थे। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने रेंजर्स और पुलिस पर हमले की कड़ी निंदा की और दोषियों की तुरंत पहचान कर न्याय करने का निर्देश दिया। उन्होंने इन हमलों को "निंदा योग्य" करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी भी अराजकता या खून-खराबे का सामना नहीं कर सकता।
इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने अधिकारियों पर हिंसा का सहारा लेने का आरोप लगाया, जिसके चलते कई समर्थक घायल हो गए और दो समर्थकों की मौत की अपुष्ट रिपोर्टें भी आईं। इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख अली नासिर रिजवी ने इस्लामाबाद से उपद्रवियों को निपटाने और पीटीआई को राजधानी में रैलियों या धरने से रोकने के लिए हाई कोर्ट के आदेश को सुनिश्चित करने का वादा किया।
इस्लामाबाद और रावलपिंडी में कानून और व्यवस्था के हालात के कारण बुधवार को सार्वजनिक और निजी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया। सरकार और विरोधियों के बीच यह संघर्ष पाकिस्तान में आगे की अस्थिरता का संकेत दे रहा है, जहां सरकार की नीतियों और खान समर्थकों की मांग के बीच सामंजस्य की कमी दिखाई देती है।
mohit SINGH
29 11 24 / 04:49 पूर्वाह्नये सब बस एक नाटक है। इमरान खान को गिरफ्तार करना उचित था, वो तो देश को बेवकूफ बना रहा था। अब उसके फैंस रो रहे हैं कि उनका 'हीरो' बंदी है। असली देशभक्त कौन है, ये समझो।
पाकिस्तान की सेना को गोली चलाने का आदेश देना बिल्कुल सही था। इन अशांति फैलाने वालों को सबक सिखाना होगा।
Preyash Pandya
29 11 24 / 07:18 पूर्वाह्नमेरा दिल टूट गया 😭 ये लोग तो बस अपने बाप के नाम से गाने गा रहे हैं। अगर इमरान खान इतने अच्छे हैं तो फिर उनके समर्थक खुद को गोली मार लें? ये बहुत ही बेवकूफ लोग हैं। 🤡
Raghav Suri
30 11 24 / 10:00 पूर्वाह्नमुझे लगता है कि ये सब एक बहुत बड़ा सामाजिक असंतोष का परिणाम है। लोगों को लगता है कि उनकी आवाज़ नहीं सुनी जा रही। इमरान खान एक नेता हैं जिन्होंने बहुत सारे युवाओं को प्रेरित किया। अब जब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, तो लोगों को लगता है कि लोकतंत्र का अंत हो रहा है। ये हिंसा नहीं, बल्कि आवाज़ बनने की कोशिश है। शायद हमें इन बातों को समझना चाहिए, न कि उन पर निंदा करना।
Priyanka R
30 11 24 / 11:41 पूर्वाह्नये सब अमेरिका और भारत की साजिश है। तुम्हें पता है कि इमरान खान ने चीन के साथ दोस्ती की थी और अमेरिका ने उसे गिराना चाहा। अब ये हिंसा बनाई गई है ताकि पाकिस्तान को अंदर से तोड़ा जा सके। अगर तुम सच में जागो तो ये सब तुम्हारे आँखों के सामने है। 😈
Rakesh Varpe
2 12 24 / 05:13 पूर्वाह्नहिंसा कभी भी समाधान नहीं होती।
Girish Sarda
2 12 24 / 15:54 अपराह्नक्या आपने कभी सोचा है कि अगर इमरान खान ने सच में लोगों के लिए काम किया होता तो उनके समर्थक इतने जोश में क्यों हैं? शायद उन्हें लगता है कि वो एक बदलाव ला रहे हैं। लेकिन अगर उनके विरोधियों को भी उसी तरह लगता है कि वो देश के लिए काम कर रहे हैं तो फिर कौन सच है?
Garv Saxena
3 12 24 / 10:01 पूर्वाह्नअरे भाई, ये सब एक बहुत बड़ा फिलॉसफिकल डायलॉग है। हम क्या चाहते हैं? एक नेता जो बोले तो लोग उसके पीछे चलें? या एक व्यवस्था जो बिना किसी नेता के चले? इमरान खान एक व्यक्ति हैं, लेकिन उनके पीछे एक पूरा आंदोलन है। और जब एक आंदोलन इतना बड़ा हो जाए कि उसे गोलियों से रोकना पड़े, तो ये बताता है कि व्यवस्था खुद टूट रही है। नहीं, नेता नहीं, व्यवस्था गलत है। 😏
Rajesh Khanna
3 12 24 / 16:14 अपराह्नहमें उम्मीद रखनी चाहिए। ये दौर गुजर जाएगा। शायद अगले साल हम देखेंगे कि लोग फिर से बातचीत करने लगे। दुनिया में हर बड़ा बदलाव एक बड़े झटके के बाद होता है। ये भी एक ऐसा ही झटका है। बस शांति से रहें। 🙏
Sinu Borah
3 12 24 / 20:56 अपराह्नअरे यार, ये सब तो बस एक बड़ा टीवी शो है। जब तक इमरान खान नहीं बच गए, तब तक ये चलता रहेगा। और जब वो बच गए तो फिर नया नेता ढूंढना पड़ेगा। ये सब तो बस एक बाजार की लड़ाई है। कौन ज्यादा बोलेगा, वो जीत जाएगा।
Sujit Yadav
4 12 24 / 18:10 अपराह्नये सब एक अव्यवस्थित जनता का अभिनय है। इमरान खान एक आकर्षक व्यक्ति हैं, लेकिन उनकी नीतियां अनुशासनहीन हैं। एक राष्ट्र जो अपने नेताओं के चारों ओर घूमता है, वह कभी विकसित नहीं हो सकता। इस तरह की हिंसा देश के लिए शर्म की बात है। ये लोग न केवल अपने देश को नहीं, बल्कि अपने आप को भी अपमानित कर रहे हैं।
Kairavi Behera
5 12 24 / 14:46 अपराह्नबहुत लोग इमरान खान के साथ हैं क्योंकि उन्होंने बच्चों के लिए अस्पताल बनाए थे। और अब जब वो बंदी हैं, तो लोग उनके लिए आवाज़ उठा रहे हैं। ये बस एक आदमी के लिए नहीं, बल्कि एक उम्मीद के लिए है। अगर आपको लगता है कि ये हिंसा है, तो आपने शायद उन बच्चों को नहीं देखा जिन्हें वो बचाया।
Aakash Parekh
7 12 24 / 02:33 पूर्वाह्नये तो बस एक और राजनीतिक ड्रामा है। कोई भी नेता बड़ा नहीं होता। सिर्फ टीवी पर बड़ा लगता है।
Sagar Bhagwat
7 12 24 / 16:58 अपराह्नअरे भाई, ये तो बहुत ही अच्छा हो रहा है। अगर लोग जाग गए तो अच्छा हुआ। अब तो लोग अपने नेता के लिए लड़ रहे हैं। ये देश का भविष्य है।
Jitender Rautela
9 12 24 / 10:10 पूर्वाह्नतुम सब बेवकूफ हो। इमरान खान को गिरफ्तार करना बिल्कुल सही था। वो तो बस अपने लिए चल रहा था। इस देश के लिए उसने कुछ नहीं किया। अब तुम लोग उसके लिए रो रहे हो? अपने दिमाग से बात करो।
abhishek sharma
11 12 24 / 09:55 पूर्वाह्नदेखो, जब एक आदमी इतना बड़ा नेता बन जाता है कि उसके खिलाफ गोलियां चलानी पड़ें, तो ये बताता है कि उसकी बात ने लोगों को छू लिया। ये न केवल एक नेता की कहानी है, बल्कि एक पूरे विचारधारा की। अगर तुम इसे नकारते हो, तो तुम अपने आप को नकार रहे हो।
Surender Sharma
13 12 24 / 03:53 पूर्वाह्नimran khan is just a actor. he dont even know how to run a country. all these protests are fake. just look at the news. they are all paid. 😴
Divya Tiwari
14 12 24 / 07:50 पूर्वाह्नभारत के लोग यहां आकर अपने देश के खिलाफ बयान दे रहे हैं। ये सब भारत की नीति है। इमरान खान को गिरफ्तार करना एक बहुत बड़ा कदम था। अगर तुम इसे गलत कहते हो, तो तुम भी देश के खिलाफ हो।
shubham rai
15 12 24 / 11:36 पूर्वाह्नकुछ नहीं कहना है। बस देख रहा हूं। 🤷♂️
Nadia Maya
17 12 24 / 10:27 पूर्वाह्नये सब एक बहुत ही निचले स्तर की राजनीति है। इमरान खान एक बहुत बड़े व्यक्ति हैं, लेकिन उनके समर्थक इतने अशिक्षित हैं कि उन्हें लगता है कि वो देश के लिए कुछ कर रहे हैं। ये तो बस एक बड़ा बकवास है।