भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने हाल ही में क्रिकेट में गेंदबाज़ों की भूमिका और नेतृत्व क्षमताओं पर अपनी राय व्यक्त की। बुमराह का मानना है कि गेंदबाज़ खेल के सबसे स्मार्ट और रिज़िलिएंट प्लेयर होते हैं, जिससे वे प्रभावी नेता बन पाते हैं। उनके मुताबिक गेंदबाज़ हमेशा विषम परिस्थितियों का सामना करते हैं, जैसे छोटे मैदान, बेहतर बल्लेबाजों का सामना करना और लगातार नयी चालें विकसित करना।
बुमराह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि गेंदबाज़ खेल की सबसे अहम चुनौतियों का सामना करते हैं, जो उन्हें असाधारण नेतृत्व क्षमता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि सही मायनों में गेंदबाज़ मैदान पर सबसे बहादुर होते हैं, क्योंकि उन्हें हर मुकाबले में स्थिति के मुताबिक अपने गेम को भी बदलने की ज़रूरत होती है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस, पाकिस्तान के वसीम अकरम, भारत के कपिल देव और इमरान खान का उदाहरण देते हुए बताया कि ये सभी सफल गेंदबाज-कप्तान रहे हैं।
बुमराह ने बताया कि गेंदबाज़ खेल में लगातार प्रतिकूलताओं से लड़ते रहते हैं। छोटे मैदानों और शक्तिशाली बल्लेबाजों का सामना करते हुए, गेंदबाज़ों को हर समय नए और क्रिएटिव स्ट्रेटेजी अपनाने की आवश्यकता होती है। बुमराह ने किस तरह अपने अनूठे बॉलिंग एक्शन के साथ सफलता हासिल की, उसकी मिसाल दी और इस तथ्य को उजागर किया कि सही परिणाम आने पर दृष्टिकोण बदल जाता है।
बुमराह ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनसे कप्तानी की मांग करना उनके वर्तमान 'पे ग्रेड' से परे है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि गेंदबाज़ अपने उत्कृष्ट खेल और रणनीतिकार स्वभाव के चलते उत्कृष्ट नेतृत्वकर्ता हो सकते हैं। यह सोचने का अधिकार किसी अन्य पर आधारित होता है, जो टीम का नेतृत्त्व करता है, लेकिन उन्होंने किसी भी चुनौती के लिए तत्पर रहने की अपनी स्वेच्छा का प्रदर्शन किया।
बुमराह का यह भी मानना है कि भविष्य में गेंदबाज़ों का नेतृत्व क्रिकेट में ज़्यादा मान्यता पायेगा। उन्होंने भविष्य के लिए गेंदबाज़ों को आत्मविश्वास और हौसले के साथ खेलने की सलाह दी।
जसप्रीत बुमराह के इन विचारों से यह स्पष्ट होता है कि गेंदबाज़ न केवल खेल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि वे खेल को स्मार्ट और रणनीतिक तरीके से खेलने की क्षमता भी रखते हैं। उनके लिए कप्तानी की पिच पर कदम रखना संभव हो सकता है, यदि टीम मैनेजमेंट उन्हें इस लायक समझे।
Sinu Borah
28 07 24 / 16:35 अपराह्नबुमराह को कप्तान बनाने की बात कर रहे हो? भाई ये तो बस एक बॉलर है, जो गेंद फेंकता है और चुपचाप अपना काम करता है। नेतृत्व के लिए तो एक ऐसा आदमी चाहिए जो बोले, डांटे, टीम को घुमाए, और टीवी पर भी अपनी बात रखे। बुमराह तो बस एक अच्छा बॉलर है, नेता नहीं।
मैंने देखा है जब वो टीम में बैठा होता है, तो बिल्कुल शांत रहता है। कोई बात नहीं करता, कोई आदेश नहीं देता। इसलिए नेतृत्व की बातें बस बातों का खेल है।
Sujit Yadav
29 07 24 / 11:57 पूर्वाह्नइस तरह के विचार तो सिर्फ उन्हीं लोगों के मन में आते हैं जो क्रिकेट को एक भावनात्मक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में देखते हैं। गेंदबाज़ का नेतृत्व करना? क्या आपने कभी एक बॉलर के दिमाग के अंदर झांका है? वो तो हर गेंद पर अपनी गलती के बारे में सोचता है। उसके पास टीम के लिए रणनीति बनाने का समय नहीं होता। बुमराह एक विशिष्ट खिलाड़ी है, लेकिन नेता नहीं। नेता वो होता है जो बातचीत करता है, जो अपने विचारों को शब्दों में ढालता है।
Kairavi Behera
31 07 24 / 06:18 पूर्वाह्नबुमराह का जो भी कहना है, वो बिल्कुल सही है। गेंदबाज़ ही असली नेता होते हैं। देखो जब बल्लेबाज़ टूट जाते हैं, तो गेंदबाज़ टीम को बचाते हैं। वो अकेले मैदान पर खड़े होते हैं, दबाव में अपनी बॉलिंग बनाते हैं। बुमराह ने अपने अनूठे एक्शन से दुनिया को दिखाया कि तकनीक और दिमाग से क्या हो सकता है।
कप्तानी के लिए बहुत ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं होती। बस एक अच्छा उदाहरण देना काफी है। बुमराह वही करता है। उसकी शांति, उसकी लगन, उसकी अडिगता - ये सब नेतृत्व है।
Aakash Parekh
31 07 24 / 12:42 अपराह्नबुमराह कप्तान बनेगा? अरे भाई, ये तो बस एक गेंदबाज है। अगर वो बोलने लगे तो लोग सोचेंगे कि टीम में क्या हुआ? कोई बीमार हो गया? 😅
मैं तो सिर्फ इतना चाहता हूँ कि वो गेंद फेंकते रहे, बाकी सब अर्जुन कर ले।
Sagar Bhagwat
31 07 24 / 23:57 अपराह्नहां भाई, बुमराह को कप्तान बनाने की बात तो बहुत ही बेकार है। लेकिन अगर तुम उसे कप्तान बना दो, तो वो जब तक विकेट नहीं लेता, तब तक बल्लेबाज़ भी बैठे रहेंगे! ये तो एक नया ट्रेंड बन जाएगा - बल्लेबाज़ नहीं, बॉलर नेता।
मैं तो बस इतना चाहता हूँ कि वो अपनी गेंद फेंके और बाकी सब चले जाएँ।
Jitender Rautela
1 08 24 / 14:03 अपराह्नअरे यार, बुमराह को कप्तान बनाने की बात कर रहे हो? ये तो बस एक बॉलर है, जिसे गेंद फेंकनी है। नेतृत्व के लिए तो एक ऐसा आदमी चाहिए जो टीम को घुमाए, बोले, डांटे, और बल्लेबाज़ों को भी चिल्लाए! बुमराह तो अपने बॉलिंग एक्शन में खो जाता है। उसके दिमाग में तो बस एक ही चीज़ होती है - बाउंसर, या ये कि बॉल कहाँ जाएगी।
कप्तानी का मतलब होता है बातचीत, नेटवर्किंग, और टीम के अंदर तनाव को समझना। बुमराह तो अपने घर पर चाय पीकर बैठता है। नेता? नहीं भाई, नहीं।
abhishek sharma
3 08 24 / 05:04 पूर्वाह्नबुमराह को कप्तान बनाने की बात? ये तो एक बेहद सरल बात है - जो लोग गेंदबाज़ों को नेता समझते हैं, वो शायद खुद कभी एक गेंदबाज़ के दिमाग में नहीं गए। गेंदबाज़ का दिमाग तो हर गेंद पर अपनी गलती के बारे में सोचता है। वो अपने बारे में सोचता है, न कि टीम के बारे में।
मैं तो बस इतना कहूंगा - बुमराह एक अद्भुत गेंदबाज़ है। लेकिन नेता? नहीं। नेता वो होता है जो जब टीम खो रही हो, तो टीवी पर बोले कि 'हम फिर से लड़ेंगे'। बुमराह तो बस एक बॉल फेंकता है और चुपचाप चला जाता है। इसीलिए वो बहुत अच्छा गेंदबाज़ है। लेकिन नेता? नहीं।
Surender Sharma
3 08 24 / 21:12 अपराह्नbumerah ko captain bana doge toh kya hoga? uski bowling toh hi khatam ho jayegi! 😅
log sochte hain captain hona matlab bolna, lekin bumerah toh bas ball phinka jata hai... aur phir chup chap chala jata hai. ye toh ek silent leader hai... bas bolne ki zarurat nahi hoti. captain ki jagah pe ek aisa banda chahiye jo bolo aur bata de ki 'abhi kya karna hai?'
Divya Tiwari
5 08 24 / 00:29 पूर्वाह्नक्या बुमराह को कप्तान बनाने की बात कर रहे हो? भारत के कप्तान होने के लिए तो एक ऐसा आदमी चाहिए जो देश के लिए लड़े, जिसके दिल में भारत का गौरव हो। बुमराह तो बस एक बॉलर है। उसके दिमाग में तो बस एक ही चीज़ है - गेंद का रास्ता।
हमें एक ऐसा कप्तान चाहिए जो आपको बताए कि हम जीतेंगे, और उसकी आँखों में आग हो। बुमराह की आँखों में तो बस थकान है।
shubham rai
7 08 24 / 00:15 पूर्वाह्नकप्तान बनाने की बात? अरे भाई, बस गेंद फेंक दे वो। जितना ज्यादा बोलेगा, उतना ही बल्लेबाज़ डरेंगे। 😐
Nadia Maya
8 08 24 / 23:08 अपराह्नबुमराह का नेतृत्व के बारे में बात करना तो बहुत अनुचित है। उनकी बॉलिंग तो एक विज्ञान है, लेकिन नेतृत्व एक कला है। और जिस तरह वो बात करते हैं, वो तो बिल्कुल अनाड़ी लगते हैं। कप्तानी के लिए तो एक बहुत ही शास्त्रीय दृष्टिकोण चाहिए, जिसे बुमराह कभी नहीं समझ पाएंगे। उनके लिए तो गेंद फेंकना ही काफी है।
Nitin Agrawal
8 08 24 / 23:52 अपराह्नbumerah captain? lol. ye toh bas ball phinka jata hai... aur phir chup chap. captain toh woh hota hai jo team ke saamne khada ho aur bol de - 'ab hum jeetenge'! bumerah toh sirf ek robot hai jo ball phinka jata hai.
Gaurang Sondagar
10 08 24 / 01:19 पूर्वाह्नबुमराह कप्तान बनेगा? नहीं भाई। गेंदबाज़ को कप्तान बनाने की बात तो बस एक गलत फैसला है। टीम का नेता तो वो होता है जो बोले, डांटे, और लोगों को जगाए। बुमराह तो बस एक गेंदबाज़ है। उसके पास नेतृत्व के लिए ज़रूरी बातचीत की शक्ति नहीं है। ये तो बस एक खिलाड़ी है।
Ron Burgher
11 08 24 / 14:09 अपराह्नगेंदबाज़ों को नेता बनाने की बात? अरे भाई, ये तो बस एक अजीब बात है। गेंदबाज़ का दिमाग तो हमेशा अपनी गलती के बारे में सोचता है। वो अपने बारे में सोचता है, न कि टीम के बारे में। बुमराह तो बस एक बॉलर है। उसे नेता बनाने की जरूरत ही नहीं है।
kalpana chauhan
12 08 24 / 02:36 पूर्वाह्नबुमराह की शांति और लगन ही उसका नेतृत्व है। जब टीम टूट रही होती है, तो वो अकेले आता है और गेंद फेंकता है। बिना बोले, बिना डांटे। ये तो असली नेतृत्व है।
हमें ऐसे लोगों की जरूरत है - जो बोलने के बजाय काम करें। बुमराह वही करता है। और ये बहुत कम लोग कर पाते हैं। 🙏❤️
Prachi Doshi
12 08 24 / 15:47 अपराह्नbumerah ko captain bana sakte hain? maybe... but he seems too quiet. maybe he just needs a chance to speak up. i believe in him. 🌟
Kairavi Behera
13 08 24 / 10:11 पूर्वाह्नअगर बुमराह को कप्तान बनाया जाए, तो टीम का नेतृत्व बदल जाएगा। अब बल्लेबाज़ नहीं, गेंदबाज़ टीम की राह दिखाएंगे। जब बल्लेबाज़ डर जाएंगे, तो बुमराह एक बॉल फेंकेगा - और उसके बाद टीम फिर से खड़ी हो जाएगी।
कप्तानी का मतलब बोलना नहीं, बल्कि अपने काम से दिखाना है। बुमराह वही करता है। और ये तो बहुत कम लोग कर पाते हैं।