लद्दाख में 24 सितम्बर का झड़पा: लाइटनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता ने शांति आह्वान और विदेशी तुलना से चेतावनी

लद्दाख में 24 सितम्बर का झड़पा: लाइटनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता ने शांति आह्वान और विदेशी तुलना से चेतावनी

24 सितम्बर 2025 को लेह नगर में राज्यकोष की माँग में निकले प्रदर्शन अचानक हिंसक मोड़ ले लिया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, कुछ समूहों ने पुलिस के साथ टकराव के बाद गाड़ियों को आग से झुलसे दिया और भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय को जला दिया। इस घटित में चार नागरिक शहिध़ हुए और लगभग पचास लोगों को गंभीर चोटें आईं। हिंसा की तीव्रता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत लेह व आसपास के क्षेत्रों में कर्फ़्यू लागू कर दिया और लद्दाख महोत्सव को रद्द कर दिया।

कविंदर गुप्ता की शांति अपील

लाइटनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता ने इस स्थिति पर अपना बयान देते हुए सभी पक्षों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "हमें असहयोगी भड़कीली ज्वालाओं को रोकना होगा, ताकि हमारे नागरिकों की सुरक्षा बनी रहे।" गवर्नर ने स्थानीय नेताओं और विरोधी दलों से संवाद के लिए एक मंच स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, ताकि विवादित मुद्दों को सुलझाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि लद्दाख की ख़ास सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों को समझते हुए ही कोई कदम उठाया जाना चाहिए।

विदेशी तुलना से चेतावनी

विदेशी तुलना से चेतावनी

भारी भावनात्मक माहौल में गवर्नर ने यह स्पष्ट किया कि लद्दाख की स्थिति को नेपाल या बांग्लादेश में हुए समान उथल‑पुथल से तुलना करना अनुचित है। उन्होंने कहा, "हर राज्य की अपनी इतिहास, जनसंख्या और भू-राजनीतिक परिस्थितियां होती हैं। हमें लद्दाख के विशेष संदर्भ को ध्यान में रखकर ही नीतियां बनानी चाहिए।" इस चेतावनी को कई राजनीतिक विश्लेषकों ने स्थानीय स्वायत्तता और राष्ट्रीय एकजुटता दोनों को बरकरार रखने के कदम के रूप में सराहा।

स्थानिक प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों को लेह, शिमली और कुड्डा क्षेत्रों में तैनात किया है। कर्फ़्यू की अंत्य तिथि अभी स्पष्ट नहीं हुई, परंतु प्रशासनिक अधिकारियों ने आवासीय क्षेत्रों में शांतिपूर्ण जीवन की संभावना को जारी रखने की बात दोहराई। इस बीच, सामाजिक संगठनों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में राहत कार्यों का संचालन शुरू कर दिया है, जिससे पीड़ितों को तत्काल मदद मिल सके।

टिप्पणि (7)

  • Divya Tiwari

    Divya Tiwari

    26 09 25 / 04:42 पूर्वाह्न

    ये सब तो बस एक नाटक है। जब तक हम अपनी जमीन पर अपने अधिकारों की बात नहीं करेंगे, तब तक ये लोग हमें चारों ओर से घेर लेंगे। लद्दाख की पहाड़ियाँ तो इतिहास के लिए जीवित हैं, लेकिन हमारी आवाज़ अब तक सिर्फ़ धुएँ में खो गई है। अगर ये भाजपा कार्यालय जल गया तो उसका क्या? वो तो बस एक इमारत है। हमारी पहचान नहीं।

  • shubham rai

    shubham rai

    27 09 25 / 17:50 अपराह्न

    कर्फ्यू लगा है तो अब घर पर बैठे रहो 😴

  • Nadia Maya

    Nadia Maya

    28 09 25 / 16:03 अपराह्न

    गवर्नर के इस बयान में एक गहरी दार्शनिक गहराई छिपी है - वह बस राजनीति नहीं बोल रहे, वह एक नया अस्तित्ववादी आह्वान कर रहे हैं। हम जिस तरह की तुलना करते हैं, वह हमारी अपनी असुरक्षा का प्रतिबिंब है। नेपाल और बांग्लादेश के साथ तुलना करना तो वैसा ही है जैसे आप एक नदी को समुद्र से तुलना करें - दोनों पानी के हैं, लेकिन एक तो जीवन है, दूसरा अनंतता।

  • Nitin Agrawal

    Nitin Agrawal

    28 09 25 / 19:19 अपराह्न

    ye sab fake news hai.. koi bhi police nahi maar rha.. sab kuch bana ke nikala gya hai.. BJP ko ghera kyun ki unki koi policy nahi hai.. bas bhaiya bhaiya bolte rehte hain

  • Gaurang Sondagar

    Gaurang Sondagar

    30 09 25 / 07:51 पूर्वाह्न

    कर्फ्यू लगाना ठीक है पर अगर कोई भारतीय अपनी जमीन पर आवाज़ उठाए तो उसे देशद्रोही कहना बंद करो। लद्दाख को अलग नहीं बल्कि अलग तरह से समझो। जो बांग्लादेश वाली बात कर रहे हैं वो तो बस बाहर से देख रहे हैं। हमारे लोगों के खून का रंग अलग नहीं होता।

  • Ron Burgher

    Ron Burgher

    1 10 25 / 19:43 अपराह्न

    ये सब लोग तो बस अपनी नीची भावनाओं को ढकने के लिए आग लगा रहे हैं। जब तक तुम अपने घर में खाना खाने के लिए भी राजनीति की जरूरत महसूस करोगे, तब तक ये लड़ाई खत्म नहीं होगी। बस थोड़ा इंसानियत दिखाओ।

  • kalpana chauhan

    kalpana chauhan

    2 10 25 / 03:50 पूर्वाह्न

    हम सब एक हैं 🌸 और इस वक्त बच्चों की जरूरत है - न कि बयानों की। मैंने लेह में एक गाँव में राहत कार्य किया है, वहाँ एक बूढ़ी दादी ने कहा - 'हमारी जमीन तो बस एक ही है, बस हम अलग बोलते हैं।' ये तो वाकई दिल छू गया। कोई भी तुलना नहीं, बस एक दूसरे को सुनो। ❤️

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