जब ह्युग वेइबजेन, ऑस्ट्रेलिया अंडर‑19 टीम के कप्तान ने अपनी ऑस्ट्रेलिया अंडर‑19 क्रिकेट टीम को Willowmoore Park, Benoni में खेलते हुए 253/7 का बड़ा लक्ष्य बनाकर 79 रन की मार दी, तो यह सिर्फ चौथा अंडर‑19 विश्व कप खिताब नहीं, बल्कि 2010 के बाद पहली जीत भी थी। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने आठ महीने में तीन प्रमुख ICC इवेंट्स में भारत को परास्त किया – 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप, 2023 क्रिकेट वर्ल्ड कप और अब 2024 अंडर‑19 विश्व कप.
इंडियन सर्किट में अंडर‑19 क्रिकेट का इतिहास हमेशा रोमांचक रहा है। पिछले दो दशकों में भारत ने दो बार (2022, 2023) विश्व कप जीत कर अपने श्रेष्ठ प्रतिभा को दिखाया, जबकि ऑस्ट्रेलिया का अंतिम जीत 2010 में जॉश हेज़लवुड के अधीन मिच मार्श की टीम ने किया था। 2024 का इवेंट, ICC अंडर‑19 पुरुषों का क्रिकेट विश्व कप 2024दक्षिण अफ्रीका, 13 जनवरी से 11 फरवरी तक चलने वाला था, जिसमें 16 टीमें भाग ले रही थीं.
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का विकल्प चुना। ओपनिंग जोड़ी जेसन कलेडोन और एडन सिम्पसन ने मिलकर 68 रन बनाकर मंच को गर्माया। बीच में आए मध्य क्रम में छोटी तेज़ी से चलने वाली हनी मॅक्लिन ने 45 रन की तेज़ पारी लगाई। अंत में कुल 253/7 स्कोर बना, जो अंडर‑19 विश्व कप फाइनल में पहले से ही सबसे बड़ा लक्ष्य था।
इंडिया अंडर‑19, जो टूर्नामेंट में अटूट जीत के बाद फाइनल में पहुँची थी, ने 174 सभी आउट पर अपना सफ़र समाप्त किया। भारत की पिच पर दो प्रमुख विकेट महली बीअर्डमैन और राफ़ मैक्मिलन ने लिये। बीअर्डमैन ने 3 वकेट और मैक्मिलन ने एक स्पिनर का जादू दिखाते हुए भारत को 43.5 ओवर में रोक दिया।
भारत के कप्तान अर्जुन श्रेया ने कहा, "सभी लोग हमारी टीम की लहर को देखे, लेकिन हमें अभी भी सुधार की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया के तेज़ राइटर्स ने हमें बहुत कठिनाइयों में डाल दिया।" भारतीय कोच रावण सिंह ने भी टीम के युवा ऊर्जा को सराहा और भविष्य की प्लानिंग में इस अनुभव को एक सीख के रूप में जोड़ने का इशारा किया।
तीन बड़े ICC इवेंट्स में लगातार भारत को मात देना सिर्फ एक श्रृंखला नहीं, बल्कि गहरी रणनीतिक बदलावों का परिणाम है। ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में चार तेज़ गेंदबाजों को साथ चलाया – जैक हेवरिस, डैनियल लुथर, टिमोथी स्कॉट, और लूका बेन – जिससे आईपीएल और राष्ट्रीय स्तर पर रफ बॉलिंग स्टैक तैयार हो रहा है। जब तेज़ बॉलर लगातार दबाव बनाते हैं, तो स्पिनर राफ़ मैक्मिलन को टॉस में मज़बूत समर्थन मिलता है। इस रणनीति का परिणाम यह है कि ऑस्ट्रेलिया का बेस्टिंग लाइन‑अप अब हर फ़ॉर्मेट में प्रतिस्पर्धी माना जा रहा है।
अंडर‑19 विश्व कप जीत के बाद, ऑस्ट्रेलिया जल्द ही 2024 के शरद ऋतु में इंग्लैंड के खिलाफ एक द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने वाला है। इसके अलावा, एक महीने में ऑस्ट्रेलिया के अंडर‑19 खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका टूर में भाग लेंगे, जहाँ वे अमेरिकी युवा प्रतिभा के साथ अभ्यास करेंगे। भारतीय बोर्ड भी अपनी अंडर‑19 टीम के लिए एक पुनरुद्धार कैंप की योजना बना रहा है, जिसमें शारीरिक फिटनेस, मसल मेन्टेनेंस और टैक्टिकल एडेप्टेशन पर ज़ोर दिया जाएगा।
भारत को अब अपनी बॉलिंग विविधता को मजबूत करने की जरूरत है। इस हार से युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय दबाव में सामना करने का अनुभव मिला, जिससे अगली बार वे टारगेट chase करने में अधिक आत्मविश्वास रखेंगे। कोच रावण सिंह ने कहा है कि वे इस अनुभव को एक सीख के तौर पर इस्तेमाल करेंगे और तेज़ बॉलर्स की डेप्थ बढ़ाएंगे।
कप्तान वेइबजेन ने मैदान पर सख्त फ़ील्डिंग प्लान और बैटिंग क्रम में लचक बनाए रखी। उन्होंने तेज़ बॉलर्स को पहले ओवरों में ही रौशनी में लाकर विरोधी बल्लेबाजों को दबाव में रखा, और मध्यक्रम में स्पिनर को पूरी जगह दी, जिससे स्कोर जल्दी बन गया। उनकी लीडरशिप को कई युवा खिलाड़ी "न्यायसंगत और प्रेरक" बताते हैं।
अंडर‑19 विश्व कप के बाद, अप्रैल‑मे में छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाला एशिया-पीस अंडर‑19 टूर प्रमुख इवेंट माना जाएगा। इसके बाद, अक्टूबर में इंग्लैंड में दो‑मैच श्रृंखला भी तय है, जहाँ दोनों टीमों को विविध परिस्थितियों में अपनी ताकत दिखाने का मौका मिलेगा।
ऑस्ट्रेलिया के कोर्ट‑विज़न कोच जेम्स पीटर्स ने बताया कि दक्षिण अफ्रीकी पिच पर तेज़ बॉल के साथ असंगत गति और बाउंसरों से बल्लेबाज की टिमिंग बिगड़ती है। चार तेज़ गेंदबाज होते हुए हाई-प्रेशर माहौल बनता है, जिससे विकेटिंग संभावनाएँ बढ़ती हैं। इस रणनीति ने भारत के शीर्ष क्रम को निरंतर दबाव में रखा।
ऑस्ट्रेलिया ने अब तक चार अंडर‑19 विश्व कप खिताब जीते हैं – 1998, 2002, 2010 और 2024। 2002 में उन्होंने ग्राउंड‑ब्रेकिंग पॉवरहिटिंग का प्रदर्शन किया, जबकि 2010 में जॉश हेज़लवुड की तेज़ गेंदबाजियों ने टीम को जीत दिलाई। 2024 की जीत उनके पुनरुत्थान का प्रतीक मानी जा रही है, जो भविष्य में राष्ट्रीय टीम में कई नए सितारे लाएगी।
Monika Kühn
5 10 25 / 04:33 पूर्वाह्नअरे, आखिरकार ऑस्ट्रेलिया ने फिर से भारत को चुपचाप धूल चट्टा कर दिया।
Nancy Ortiz
12 10 25 / 17:07 अपराह्नऑस्ट्रेलिया की बैटिंग पावर ने टॉस के बाद ही टॉप लीवर पर छक्का मार दिया; वैसे भी 253/7 जैसा लक्ष्य चमचमाता है जैसे हाई‑प्रेशर बॉलिंग एंगल।
पिच की स्पिन फूटनेस को भी नजरअंदाज नहीं किया गया, इसलिए इंडियन टॉप‑ऑर्डर को सिलेंडर में फँसाया गया।
सर्वेयर ने भी इस इंटेंसिटी को ‘नॉन‑स्टॉप एक्सप्लोसिव’ टैग दिया, जो कि थोड़ा ओवरड्रामा हो सकता है।
Ashish Saroj( A.S )
20 10 25 / 05:40 पूर्वाह्नभले ही ऑस्ट्रेलिया का स्कोर बहुत बड़ा था; लेकिन भारत ने 174‑ऑल‑आउट किया, इसका मतलब यह नहीं कि वे बेकार हैं!; खिलाड़ियों की तकनीकी समस्याएँ स्पष्ट थीं; गेंदबाज़ियों का उपयोग सही नहीं था; यह सब सुधार की गुंजाइश देता है।
Ayan Kumar
27 10 25 / 17:13 अपराह्नक्या बात है, इस फाइनल में ड्रामा का स्तर एसी लड़े कि मेरा दिल तालियों से फट गया!
ऑस्ट्रेलिया की तेज़ गेंदबाज़ी ने जैसे रॉकेट लॉन्च कर दिया, और हमारे लड़कों की बैटिंग को एक साइड क्वेस्ट बना दिया।
फिर भी, सलाम उन युवा खिलाड़ियों को, जिनके पास अभी भी असली खेल spirit है।
chaitra makam
4 11 25 / 05:47 पूर्वाह्नवास्तव में, ऑस्ट्रेलिया की चार‑फास्ट‑बॉलर स्ट्रैटेजी ने मैच को जल्दी तय कर दिया।
अगर भारत की बॉलिंग यूनिट में थोड़ा और वैरायटी होता तो शायद दाव पेड़ में थोड़ा और मजबूती आती।
निचले स्तर के कोचेज़ को इस टीम से सीखना चाहिए कि कैसे कंडीशनिंग और प्लानिंग को एक‑साथ लाया जाए।
Amit Agnihotri
11 11 25 / 18:20 अपराह्नसाक्ष्य स्पष्ट हैं, ऑस्ट्रेलिया ने रणनीतिक तौर पर सर्वश्रेष्ठ किया।
Surya Prakash
19 11 25 / 06:53 पूर्वाह्नभले ही विपक्ष ने बाउंड्री मार ली, लेकिन हमारी फील्डिंग में कई मौके बर्बाद रहे; सुधार की ज़रूरत है।
Sandeep KNS
26 11 25 / 19:27 अपराह्नहाय, चार फास्ट बॉलर्स का चयन एक बहुत ही अभिजात्य निर्णय था; ऐसा लग रहा है कि कोच ने अपनी पुस्तकालय में से ‘आधुनिक पिच मैनेजमेंट’ नाम की रचना पढ़ी होगी।
फिर भी, इस चयन ने टीम को एक दर्जे ऊपर ले जाया।
Mayur Sutar
4 12 25 / 08:00 पूर्वाह्नऑस्ट्रेलिया के युवा खिलाड़ियों को देखें, उनके ऊर्जा में एक नई लहर है; यह लहर भारतीय क्रिकेट के भविष्य को भी प्रेरित कर सकती है।
Nitin Jadvav
11 12 25 / 20:33 अपराह्नकोच की बात सही थी, तेज़ बॉलर्स की डिप्थ ने मैच को मोटी धूम्प से भर दिया; लेकिन थोड़ा सॉफ्ट स्किल्स भी काम आएँगे, है ना?
Adrish Sinha
19 12 25 / 09:07 पूर्वाह्नआगे की तैयारी में टीम को बॉलिंग वैरायटी जोड़नी चाहिए, जिससे सभी परिस्थितियों में बैलेंस बना रहे।
Arun kumar Chinnadhurai
26 12 25 / 21:40 अपराह्नमैं सुझाव देता हूँ कि युवा बॉलर्स को न केवल गति पर बल्कि लाइन‑एंड‑लेंथ पर भी फोकस करें; यह उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ बनाता है।