ऑस्ट्रेलियन ओपन 2024: आर्यना सबालेंका ने लगातार दूसरी बार खिताब जीतकर रचा इतिहास

ऑस्ट्रेलियन ओपन 2024: आर्यना सबालेंका ने लगातार दूसरी बार खिताब जीतकर रचा इतिहास

लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलियन ओपन की विजेता बनीं आर्यना सबालेंका

टेनिस की दुनिया में 2024 का ऑस्ट्रेलियन ओपन एक खास कहानी लेकर आया, जब आर्यना सबालेंका ने अपना दबदबा कायम रखते हुए लगातार दूसरी बार यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम कर लिया। बेलारूस की स्टार खिलाड़ी ने फाइनल में चीन की झेंग किनवेन को 6-3, 6-2 से मात दी, और खास बात ये रही कि टूर्नामेंट में उनसे एक भी सेट नहीं छूटा। ये कमाल करने वाली वह विक्टोरिया अजारेंका के बाद पहली महिला बनीं, जिन्होंने लगातार दो साल (2023 और 2024) ऑस्ट्रेलियन ओपन पर कब्जा जमाया।

सबालेंका का सफर यहां तक आसान नहीं था। उन्होंने रास्ते में कोको गॉफ, बारबोरा क्रेजिकोवा और अमांडा अनीसिमोवा जैसी जबरदस्त प्रतिद्वंद्वियों को हराया। उनकी आक्रामक खेलने की शैली और ताकतवर सर्व ने उन्हें हर मैच में अलग ही दर्जा दिला दिया। सबालेंका कोर्ट पर न केवल फिजिकल बल्कि मेंटल स्ट्रेंथ का भी बेहतरीन उदाहरण पेश करती हैं, जिससे प्रतिद्वंद्वियों के लिए वापसी करना बेहद मुश्किल हो जाता है।

2024 का साल: नई ऊँचाइयाँ, नए रिकॉर्ड

ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने के बाद सबालेंका का साल यहीं नहीं रुका। उन्होंने साल के अंत में वर्ल्ड नंबर 1 की रैंकिंग पाई, और 2024 यूएस ओपन भी जीत लिया। इसके अलावा ब्रिसबेन इंटरनेशनल, मैड्रिड ओपन और रोम मास्टर्स के फाइनल में पहुंचना भी उनके बेहतरीन प्रदर्शन की गवाही देता है। WTA सिंगल्स में अब उनके नाम 20 टाइटल हो चुके हैं, जिसमें तीन ग्रैंड स्लैम (2023, 2024 ऑस्ट्रेलियन ओपन और 2024 यूएस ओपन) शामिल हैं।

सबालेंका की ताकत उनके सर्व में ही नहीं, बल्कि उनकी बेसलाइन से धमाकेदार स्ट्रोक प्ले और बेखौफ खेलने की शैली में भी है। मैच के दौरान वह लगातार अटैकिंग मोड में रहती हैं, जिससे दर्शक भी रोमांचित हो जाते हैं। उनकी फिटनेस और मानसिक मजबूती उनके खेल को एक विशिष्ट पहचान देती है।

अब सबकी नजरें 2025 पर हैं, जहां सबालेंका का लक्ष्य एक और खिताब जीतकर इतिहास रचना है। अगर वह तीसरा लगातार खिताब जीतती हैं तो यह उपलब्धि नई मिसाल बनेगी।

टिप्पणि (20)

  • shubham rai

    shubham rai

    5 06 25 / 14:40 अपराह्न

    ok

  • kalpana chauhan

    kalpana chauhan

    6 06 25 / 13:31 अपराह्न

    अर्यना ने तो बस टेनिस को एक आर्ट बना दिया है! ❤️🎾 जब वो एक फोरहैंड लगाती है, तो लगता है जैसे कोई पेंटिंग बन रही हो। भारत की लड़कियां भी ऐसे ही खेलें, बस विश्वास रखो!

  • Karan Kacha

    Karan Kacha

    7 06 25 / 20:09 अपराह्न

    अर्यना का खेल तो बस एक ड्रामा है, लेकिन एक ऐसा ड्रामा जिसमें हर शॉट एक कविता है। उनकी बेसलाइन से निकलने वाले फोरहैंड्स का वो टेंशन, वो स्पीड, वो एक्यूरेसी - ये सब किसी ऑर्केस्ट्रा की तरह है। और फिर उनकी मेंटल स्ट्रेंथ? जब दूसरे खिलाड़ी डर जाते हैं, तो वो और ज्यादा अटैक करती हैं। ये तो बस खेल नहीं, ये तो एक फिलॉसफी है - डर को निगल लेना, और फिर उसे अपने शॉट्स में बदल देना। उनकी फिटनेस की बात करूं तो वो एक जीवन शैली है, न कि सिर्फ ट्रेनिंग। उन्होंने साबित कर दिया कि शारीरिक शक्ति और मानसिक अडिगता का मिश्रण किसी भी खिलाड़ी को अमर बना सकता है। और ये सिर्फ ऑस्ट्रेलियन ओपन नहीं, ये तो टेनिस के इतिहास में एक नया अध्याय है। उनके बाद कोई भी खिलाड़ी इस तरह के खेल को दोहराने की कोशिश करेगा, लेकिन वो जो बन गई हैं, वो कोई खिलाड़ी नहीं - वो एक घटना हैं।

  • Divya Tiwari

    Divya Tiwari

    9 06 25 / 16:50 अपराह्न

    अर्यना जैसी खिलाड़ी तो दुनिया को भूल जाना चाहिए, भारत की बेटी ने ये कमाल किया है! ये बस टेनिस नहीं, ये हमारी नस्ल की शक्ति है। बेलारूस के लोग इसे अपना नहीं कह सकते, ये तो एशिया का गौरव है।

  • Nitin Agrawal

    Nitin Agrawal

    11 06 25 / 11:25 पूर्वाह्न

    arina sabalenka? yaar ye toh koi russian name hi nahi lag raha... sabalenka toh polish ya belarusian hai... kya hamare yaha bhi koi indian player is level pe aa payega? doubt

  • Gaurang Sondagar

    Gaurang Sondagar

    13 06 25 / 08:04 पूर्वाह्न

    हमारे देश में भी ऐसे खिलाड़ी निकलते हैं बस कोई उन्हें नहीं देखता अपने घर में बच्चे टेनिस खेलते हैं लेकिन जब वो जीतते हैं तो कोई नहीं बोलता

  • Ron Burgher

    Ron Burgher

    15 06 25 / 01:41 पूर्वाह्न

    ये लड़की बस टेनिस नहीं खेल रही, ये तो दुनिया को बता रही है कि अगर तू अपने आप पर विश्वास करे तो तू क्या कर सकता है। बस थोड़ा दिमाग लगाओ और बाकी सब कुछ आ जाता है।

  • Prachi Doshi

    Prachi Doshi

    16 06 25 / 20:01 अपराह्न

    वाह बहुत अच्छा प्रदर्शन 😊

  • vishal singh

    vishal singh

    17 06 25 / 21:21 अपराह्न

    अर्यना का खेल बहुत अच्छा है लेकिन ये सब उसकी फिटनेस की वजह से नहीं, बल्कि उसके टेक्निकल गलतियों के बावजूद भी वो जीत रही है क्योंकि दूसरे खिलाड़ी बहुत कमजोर हैं।

  • mohit SINGH

    mohit SINGH

    18 06 25 / 23:59 अपराह्न

    ये जो खिलाड़ी है वो बस बाहरी ताकत दिखा रही है, अंदर से वो खाली है। जब तक उसके मन में डर नहीं आया, तब तक ये सब चल रहा है। अगला टूर्नामेंट देखोगे तो उसका अंधेरा निकल जाएगा।

  • Preyash Pandya

    Preyash Pandya

    19 06 25 / 19:42 अपराह्न

    अर्यना के बाद कोई नहीं आएगा... अब तो सब डर गए हैं। अब तो टेनिस बस उसकी फिल्म है जिसमें बाकी सब एक्टर हैं। 🤡

  • Raghav Suri

    Raghav Suri

    20 06 25 / 19:38 अपराह्न

    मैं तो सोचता हूं कि अगर हमारे देश में भी ऐसे बच्चों को सही ट्रेनिंग और सपोर्ट मिल जाए, तो हमारे यहां भी अर्यना जैसी खिलाड़ी निकल सकती है। बस इतना चाहिए - एक अच्छा कोच, एक सुरक्षित वातावरण, और थोड़ा सा विश्वास। बच्चों को फैंसी नहीं, बल्कि फाउंडेशन चाहिए। अर्यना की तरह जब एक बच्ची अपने आप को एक राष्ट्रीय नायिका बना लेती है, तो ये सिर्फ उसकी नहीं, हम सबकी जीत है।

  • Priyanka R

    Priyanka R

    21 06 25 / 16:00 अपराह्न

    क्या आप जानते हैं कि ये सब एक बड़ी गुप्त योजना है? वो जिस तरह से खेलती है, उसके पीछे एक एलियन टेक्नोलॉजी है जिसे अमेरिका ने बेलारूस को दे दिया है। वो जो बेसलाइन स्ट्रोक्स लगाती है, वो नहीं तो कोई ड्रोन चला रहा है। ये सब एक टेस्ट है।

  • Rakesh Varpe

    Rakesh Varpe

    22 06 25 / 13:58 अपराह्न

    अच्छा खेल

  • Girish Sarda

    Girish Sarda

    24 06 25 / 06:20 पूर्वाह्न

    क्या आपने कभी सोचा है कि अगर अर्यना के पास भारतीय ट्रेनिंग और ग्राउंड भी होते तो वो और भी ज्यादा जीतती? उसकी ताकत का असली रहस्य तो उसकी फिजिकल प्रिपरेशन है लेकिन अगर वो भारत में बड़ी होती तो शायद उसकी मेंटल गेम और भी मजबूत होती

  • Garv Saxena

    Garv Saxena

    24 06 25 / 09:59 पूर्वाह्न

    अर्यना जैसी खिलाड़ी जीत रही हैं, लेकिन क्या हम भूल रहे हैं कि टेनिस असल में एक व्यक्तिगत युद्ध है? वो जो जीतती हैं, वो नहीं तो दुनिया के सामने अपने डर को चुनौती देती हैं। हर शॉट एक सवाल है - क्या तू अपने आप पर विश्वास कर सकता है? अर्यना ने जवाब दे दिया। लेकिन क्या हम उसके जवाब को समझ पाए? या हम तो बस इसे एक जीत के रूप में देख रहे हैं? क्या ये खेल वास्तव में खेल है या एक अस्तित्व का प्रश्न? जब तुम कोर्ट पर अकेले होते हो, तो तुम्हारे पास कोई नहीं होता - बस तुम्हारा दिमाग और तुम्हारा दिल। अर्यना ने दिल को चुना।

  • Rajesh Khanna

    Rajesh Khanna

    25 06 25 / 13:09 अपराह्न

    अर्यना की तरह खिलाड़ी बनना बहुत मुश्किल है लेकिन अगर हम सब उसके साथ होंगे तो भविष्य में हमारी लड़कियां भी ऐसा कर पाएंगी। बस थोड़ा सा समर्थन चाहिए!

  • Sinu Borah

    Sinu Borah

    25 06 25 / 21:28 अपराह्न

    अर्यना का खेल तो बहुत अच्छा है लेकिन ये सब बस एक ट्रेंड है। अगले साल कोई और नया नाम आ जाएगा और लोग उसके बारे में बात करेंगे। ये सब फैशन है, न कि इतिहास।

  • Sujit Yadav

    Sujit Yadav

    26 06 25 / 09:12 पूर्वाह्न

    इस खिलाड़ी को जब तक विश्व नंबर 1 नहीं बन गई, तब तक कोई भी उसके खेल की तारीफ नहीं कर रहा था। ये सब तो बस लोकप्रियता का खेल है। असली गुणवत्ता कोई नहीं देखता।

  • Divya Tiwari

    Divya Tiwari

    26 06 25 / 12:25 अपराह्न

    तुम सब बस उसकी निष्क्रियता को देख रहे हो। लेकिन उसने जो किया, वो एक भारतीय लड़की के लिए असंभव था। वो जिस तरह से खेलती है - वो तो हमारी जमीन की धरती का आवाज है।

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