प्रधानमंत्री मोदी का कच्छ में सैनिकों के साथ दिवाली उत्सव: सीमा सुरक्षा पर विशेष ध्यान

प्रधानमंत्री मोदी का कच्छ में सैनिकों के साथ दिवाली उत्सव: सीमा सुरक्षा पर विशेष ध्यान

प्रधानमंत्री मोदी का कच्छ में सैनिकों के साथ दिवाली उत्सव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष 2024 की दिवाली को कच्छ, गुजरात के भारतीय सैनिकों और सशस्त्र बलों के जवानों के साथ मनाया, जो भारतीय परंपरा और राजस्थान के विशेष महत्व को दर्शाता है। यह आयोजन एक अभूतपूर्व क्षण था, जहां प्रधानमंत्री ने उन जवानों का मंज़र साझा किया, जो विपरीत परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। मोदी ने अपने प्राथमिक उद्बोधन में स्पष्ट किया कि उनकी सरकार के लिए भारत की सीमाओं की सीमाओं की सुरक्षा एक प्रमुख प्राथमिकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश अपनी सीमाओं के संदर्भ में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा, चाहे किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो।

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे ने कच्छ क्षेत्र के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया। यह क्षेत्र भारत-पाक सीमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे गहन सुरक्षा की ज़रूरत होती है। उनकी यात्रा का उद्देश्य न केवल सैनिकों के मनोबल को बढ़ाना था बल्कि उन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को भी समझना था जिनका सामना हमारे जवान दिन रात करते हैं। सैनिकों से मुलाकात कर अग्निबान मोदी ने उनके अभूतपूर्व साहस को सराहा और उनके कार्य की प्रशंसा की।

सीमा की सुरक्षा में नई पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा बलों को यह विश्वास दिलाया कि सरकार उनके साथ है और उन्हें आधुनिकतम उपकरण तथा संसाधन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बीते वर्षों में हुए सैन्य अभियानों और उनके सफल निष्पादन की भी चर्चा की। उनके अनुसार, भारतीय सेना ने अपनी अद्वितीय रणनीति और कुशलता से सीमा पर शांति बनाए रखी है और किसी भी जोखिम से निपटने के लिए हमेशा तत्पर है।

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य युवाओं को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत करना भी था। प्रधानमंत्री ने जवानों से बातचीत में उनके परिवारों के प्रति आभार प्रकट किया, जिन्होंने अपने प्रियजनों को देश सेवा के लिए भेजा है।

दिवाली का पर्व और सैनिकों के साथ उमंग

यह पहली बार नहीं था जब प्रधानमंत्री ने सीमा पर दिवाली मनाई। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से उन्होंने हर वर्ष की दिवाली सेना के जवानों के साथ मनाकर न केवल उनकी सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है, बल्कि उनकी प्रेरणा के स्रोत भी बने हैं। इस बार का उत्सव कुछ खास इसलिए था क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के नए पहलुओं पर प्रधानमंत्री की विचारधारा को सामने लाता है।

इस तरह के आयोजनों के माध्यम से न केवल सुरक्षा बलों के मनोबल में वृद्धि होती है बल्कि जनता में भी सुरक्षा के प्रति जागरूकता आती है। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे ने यह सुनिश्चित किया कि रक्षा के क्षेत्र में सरकार की नीतियां सही दिशा में अग्रसर हैं। ऐसे कार्यक्रमों से सैनिकों को यह महसूस होता है कि वे अकेले नहीं हैं और देश उनके साथ खड़ा है।

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