7 जुलाई 2024 को पुरी, ओडिशा में आयोजित भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हो गई। बड़े उत्साह और श्रद्धालुओं के जमावड़े के बीच, अचानक भगदड़ जैसी स्थिति बन गई, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए। घटना पुरी के बड़दांडा क्षेत्र में घटित हुई, जहां हजारों की संख्या में लोग भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन करने पहुंचे थे।
घटना के बाद, घायल लोगों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सा कर्मचारियों ने तेजी से कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी स्थिति को सम्हालने के लिए तुरंत कदम उठाए। बताया जा रहा है कि भगदड़ के दौरान एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे में दर्दनाक चोटें आईं थीं।
भगदड़ की स्थिति उत्पन्न होने का मुख्य कारण संभावना है कि भीड़ अचानक बढ़ गई और इसके परिणामस्वरूप हड़बड़ी मच गई। हालांकि, इस बात की पुष्टि की जा रही है कि किस कारण से स्थिति बेकाबू हुई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए थे, लेकिन अनियंत्रित भीड़ के कारण स्थिति कठिन हो गई।
हर साल की तरह इस साल भी पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन भव्य तरीके से किया गया। यात्रा के पहले दिन, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निशलानंद सरस्वती ने भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के दर्शन किए। इसके बाद पुरी के राजा ने 'छड़ा पहाड़ा' अनुष्ठान करते हुए रथों को साफ किया। इसके बाद रथ यात्रा प्रारंभ हुई, जिसमें wooden घोड़ों के साथ रथ यात्रा की जा रही थी। सेवक श्रद्धालुओं को रथ खींचने में मार्गदर्शन कर रहे थे।
इस भव्य आयोजन में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी भाग लिया। उन्होंने रथों की परिक्रमा करते हुए भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। उनकी उपस्थिति ने श्रद्धालुओं का मनोबल बढ़ाया और यह यात्रा और भी महत्वपूर्ण हो गई।
यात्रा के दौरान 10 लाख से अधिक श्रद्धालु पुरी पहुंचे थे। लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। हर साल यह आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता है और इस साल भी भक्तजन अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े थे। रथ यात्रा के माध्यम से लोगों की श्रद्धा और आस्था भगवान जगन्नाथ में और बढ़ गई।
इस आयोजन में हुई भगदड़ ने भले ही कुछ लोगों के लिए कठिनाई उत्पन्न की, लेकिन आयोजन की भव्यता और श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस स्थिति से निपटने में सफल रहे और घायल लोगों की चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन को और भी बेहतर बनाने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके।
एक टिप्पणी छोड़ें