पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज डेविड जॉनसन का 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वे अपने अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से गिर गए थे, जिससे उनकी जान चली गई। इस दुखद घटना से पूरे क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। डेविड जॉनसन का नाम भारतीय क्रिकेट के प्रमुख खिलाड़ियों में शुमार था, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया था।
डेविड जॉनसन का जन्म 16 अक्टूबर 1971 को हुआ था। उन्होंने भारतीय घरेलू क्रिकेट में खासकर 1995-96 के रणजी ट्रॉफी सीजन में अपने धमाकेदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा। उस सीजन में केरल के खिलाफ उन्होंने 152 रन देकर 10 विकेट झटके, जो एक अद्वितीय प्रदर्शन था और उन्हें तुरंत ही भारतीय राष्ट्रीय टीम में शामिल कर लिया गया। साल 1996 में जॉनसन को जवागल श्रीनाथ के स्थानापन्न के रूप में टीम इंडिया में शामिल किया गया था। उन्होंने फिरोज शाह कोटला मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेला था। इसके साथ ही उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भी टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हुए हर्शल गिब्स और ब्रायन मैकमिलन जैसे बल्लेबाजों को आउट किया था।
डेविड जॉनसन का घरेलू क्रिकेट करियर काफी उल्लेखनीय था। उन्होंने कर्नाटक की टीम के लिए कई महत्वपूर्ण मैच खेले और अपनी टीम को कई मौकों पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनके तेज गेंदबाजी के आगे बल्लेबाजों की कमर टूट जाती थी। जॉनसन का गेंदबाजी एक्शन और तेजी उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती थी।
डेविड जॉनसन के निधन की खबर सुनकर क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले और बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने भी अपनी भावपूर्ण संवेदनाएं व्यक्त की हैं। कुंबले ने जॉनसन को 'बेनी' कहकर संबोधित करते हुए कहा कि वह बहुत जल्द हमें छोड़कर चले गए। जय शाह ने भी जॉनसन के खेल में योगदान को याद करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
डेविड जॉनसन के निधन से न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि उनके प्रशंसकों और उन पर गर्व करने वाले सभी लोगों को गहरा धक्का लगा है। उनके करियर के दौरान उनके योगदान का मूल्यांकन किया जाए तो वह भारतीय क्रिकेट के अनमोल रत्न थे। उनकी कमी को पूरा करना शायद ही संभव हो सके।
डेविड जॉनसन के अनगिनत प्रशंसक उनके खेल और उनके द्वारा दिखाए गए अद्वितीय प्रतिभा को हमेशा याद रखेंगे। उनके द्वारा की गई गेंदबाजी, उनका जुनून और क्रिकेट के प्रति उनका समर्पण हमेशा एक प्रेरणा के रूप में जीवित रहेगा।
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