पाकिस्तान के प्रसिद्ध गायक राहत फतेह अली खान ने दुबई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार होने की अफवाहों का दृढ़ता से खंडन किया है। सोमवार, 22 जुलाई 2024 को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने इस प्रकार की खबरों को निर्मूल बताते हुए जोर दिया कि दुबई में उनकी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। खान ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि वह पूरी तरह सुरक्षित और स्वतंत्र हैं।
दरअसल, यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब राहत फतेह अली खान के पूर्व प्रबंधक सलमान अहमद ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। विशिष्ट कानूनी पेचीदगियों और तकरार के चलते यह मामला इतनी तेजी से फैला कि कुछ पाकिस्तानी मीडिया घरानों ने जल्दबाजी में खबर चला दी कि खान को दुबई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन बाद में यह साफ हुआ कि यह जानकारी पूरी तरह से गलत और भ्रामक थी।
कुछ पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स का दावा था कि राहत फतेह अली खान को दुबई के बुर्ज़ दुबई पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए ले जाया गया था। हालांकि, खान ने अपनी वीडियो के माध्यम से स्पष्ट किया कि वह दुबई में एक संगीत कार्यक्रम के लिए आए थे और उनकी गतिविधियां सामान्य थीं। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि कुछ मीडिया आउटलेट्स ने बिना सत्यापित किए खबरें फैलाईं, जिससे उनके प्रशंसकों और परिवार में अचानक से तनाव उत्पन्न हो गया था।
राहत फतेह अली खान ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने वीडियो संदेश में यह भी कहा कि जब से यह अफवाहें सामने आई हैं, उन्होंने अपने प्रशंसकों और शुभचिंतकों से बहुत सारे संदेश और कॉल प्राप्त किए हैं। उनके अनुसार, यह अफवाहें पूरी तरह से बेबुनियाद थीं और उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से फैलाई गई थीं। उन्होंने अपने चाहने वालों का शुक्रिया अदा किया और उचित सूचनाएं पहुंचाने का वादा किया।
इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब जियोटीवी और अन्य प्रमुख पाकिस्तानी न्यूज़ आउटलेट्स ने भी पुष्टि की कि राहत फतेह अली खान की गिरफ्तारी की खबरें गलत थीं। सुनिश्चित करने के बाद उन्होंने अपने चैनल्स और वेबसाइट्स पर स्थिति को सही किया। यह घटना इस बात को भी रेखांकित करती है कि किसी भी अफवाह को बिना पुष्टि के प्रसारित करना कितना हानिकारक हो सकता है।
इस सारे घटनाक्रम ने एक बार फिर दिखाया कि सोशल मीडिया और मीडिया आउटलेट्स पर फैलाई जाने वाली खबरों की प्रमाणिकता कितनी महत्वपूर्ण होती है। एक जिम्मेदार मीडिया का कर्तव्य है कि वह सही तथ्यों के आधार पर खबरों का प्रसारण करे, ताकि किसी के प्रति अन्याय न हो और वास्तविकता की जीत हो।
Abhilash Tiwari
23 07 24 / 16:49 अपराह्नये मीडिया वाले कभी सच बोलते हैं ना? बस एक अफवाह चल गई और पूरा देश हिल गया। राहत भैया ने वीडियो डालकर सबको शांत कर दिया, लेकिन अब तक किसी ने उन खबर वाले चैनल्स को जवाब देने की कोशिश नहीं की।
इंसान की इज्जत चली गई, पर जिम्मेदार कोई नहीं।
Anmol Madan
24 07 24 / 21:47 अपराह्नअरे भाई ये सब तो बस ट्रैफिक बढ़ाने के लिए है ना? एक दिन में 10 अफवाहें चलती हैं, अगले दिन वो खुद ही भूल जाते हैं। राहत फतेह अली खान को गिरफ्तार करने की क्या जरूरत? वो तो दुबई में गाने आए थे, ना कि बर्बरी करने!
Shweta Agrawal
26 07 24 / 16:33 अपराह्नमैंने भी वो वीडियो देखा था और दिल ने धड़कना शुरू कर दिया था कि कहीं कुछ तो नहीं हो गया... लेकिन जब उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि सब ठीक है तो आँखों में आंसू आ गए। इतने सारे लोग उनके लिए चिंतित हैं ये बात बहुत खूबसूरत है
raman yadav
27 07 24 / 03:43 पूर्वाह्नअरे ये सब बहुत आसानी से नहीं होता भाई। ये जो अफवाह चली वो किसी ने बस ऐसे नहीं डाली। ये सब एक बड़ा ऑपरेशन है। क्या तुम्हें लगता है कि कोई भी इतना बड़ा झूठ बनाएगा बिना किसी गुप्त हित के?
मैं तो सोच रहा हूँ कि क्या ये सब उनके गानों के लाइसेंस के लिए है? या फिर कोई बड़ा बिजनेस घोटाला? इंसान तो बस बर्बरी का बलिदान है।
Ajay Kumar
28 07 24 / 19:22 अपराह्नतुम सब ये सोच रहे हो कि ये बस एक अफवाह है। पर मैं तुम्हें बताता हूँ ये एक विषय है जिसे एक बड़ी नेटवर्क ने बनाया है। दुबई हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी की खबर तभी चली जब राहत ने अपने गानों के लाइसेंस के लिए एक बड़ा डील निष्पादित किया था। अब वो डील रद्द हो गई। तो इसके बाद ही अफवाह चली। ये नहीं है अफवाह ये है इंटेलिजेंस ऑपरेशन।
Chandra Bhushan Maurya
29 07 24 / 08:39 पूर्वाह्नअरे भाई वो वीडियो देखा? उनकी आवाज़ में वो भावना थी जो किसी एक्टर ने नहीं दिखाई होगी। उनकी आँखों में दर्द था, लेकिन उन्होंने अपने दर्द को दिखाने की बजाय अपने लोगों को शांत करने की कोशिश की।
ये आदमी सिर्फ गायक नहीं, ये तो एक नेता है। एक ऐसा नेता जो बिना बोले भी दिलों को छू जाता है।
Hemanth Kumar
31 07 24 / 04:56 पूर्वाह्नइस घटना के माध्यम से एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश प्रसारित हुआ है: जानकारी के अनुचित प्रसारण के द्वारा व्यक्ति के नाम की अपमानजनक छवि बनाना, जो वास्तविकता से पूर्णतया विपरीत है, न केवल नैतिक रूप से अस्वीकार्य है, बल्कि विधिक रूप से भी दायर किया जा सकता है। यह एक न्यायिक और नैतिक आधार पर विचार करने योग्य मुद्दा है।
kunal duggal
31 07 24 / 11:32 पूर्वाह्नयह घटना डिजिटल इकोसिस्टम में इन्फोडेमिक्स के एक उदाहरण के रूप में अत्यंत उल्लेखनीय है। एक व्यक्ति के व्यक्तिगत ब्रांड पर नकारात्मक प्रभाव का विश्लेषण करने पर, यह स्पष्ट होता है कि वायरल कंटेंट के निर्माण में एल्गोरिदमिक बायस और इंटरेक्शनल डिस्टोर्शन का अहम योगदान है।