सक्रंथिकी वस्तुन्नम को अनिल रविपुडी ने निर्देशित किया है और यह फिल्म एक सजीव और मनोरंजक पारिवारिक कहानी के साथ दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत करती है। फिल्म के केंद्र में वेंकटेश द्वारा निभाया गया पात्र, जो एक प्यार करने वाला पारिवारिक व्यक्ति है। उनकी भूमिका में ऐसी गहराई है कि दर्शक उनके किरदार से जुड़ जाते हैं। ऐश्वर्या राजेश उनकी पूर्व प्रेमिका की भूमिका में और मीनाक्षी चौधरी वर्तमान पत्नी के रूप में कहानी को और भी दिलचस्पी से भर देती हैं।
फिल्म की कहानी एक सादगी भरी पारिवारिक ड्रामा है जो हल्के-फुल्के हास्यास्पद लम्हों से भरी है। वेंकटेश का प्रदर्शन फिल्म का मुख्य आकर्षण है और उनकी अपनी अनूठी छवि से दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। ऐश्वर्या राजेश अपने पात्र में जीवंत और वास्तविक लगती हैं जबकि मीनाक्षी चौधरी अपनी मनमोहक और चुलबुली प्रस्तुति से दर्शकों को हंसाने में कामयाब रहती हैं। फिल्म में सहायक अदाकारों का संकलन बेमिसाल है, जिसमें नरेश, वीटीवी गणेश, उपेंद्र लिमये, साई कुमार और बाल कलाकार भीमला रेवंत पवन साई सुब्हास शामिल हैं, जो अपनी छोटी भूमिकाओं में भी मनोरंजन की उच्चतम सीमा तक पहुंच जाते हैं।
बीम्स सेसीरोले द्वारा संगीतबद्ध की गई धुनें फिल्म को संगीतमय रंगत देती हैं और समीर रेड्डी का छायांकन सजीवता का एहसास कराने में सफल रहता है। इन तकनीकी विशेषताओं का संगम एक सुखद सिनेमाई अनुभव प्रदान करता है जो दर्शकों को स्क्रीन से जोड़े रखता है।
हालांकि फिल्म का प्लॉट कुछ साधारण है और कई बिंदुओं पर कहानी अनुमानित लग सकती है, खासकर दूसरी आधी फिल्म के दौरान। कुछ पात्रों को पर्याप्त स्क्रीन टाइम या गहराई नहीं मिलती, जिससे कभी-कभी दर्शकों की दिलचस्पी थोड़ी कम हो सकती है। फिर भी, इन कमजोरियों के बावजूद, फिल्म का हास्य और अभिनेता का आकर्षण दर्शकों को बांधने में सक्षम है।
संकर्षण के इस मौके पर परिवार के साथ एक हंसते-खेलते सफर का आनंद लेने के लिए यह फिल्म एक उचित चुन है। देखने वालों को कहीं-कहीं तर्क को नजरंदाज करना पड़ सकता है, लेकिन अंततः यह एक फन-फिल्ड मनोरंजनक फिल्म है जो हर किसी को प्रसन्न करती है।
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