जब Sana Mir, पूर्व पाकिस्तान महिला क्रिकेट कप्तान, ने 2 अक्टूबर 2025 को ICC Women's ODI World Cup 2025 के लाइव कमेंट्री में खिलाड़ी Natalia Pervaiz को ‘Kashmir’ के बजाय Azad Kashmir कहकर उल्लेख किया, तो खाए गए शब्दों की गूँज तुरंत सोशल मीडिया तक पहुँच गई। इस एक-लाइन टिप्पणी ने भारत‑पाकिस्तान के तनाव को फिर एक बार खेल के मैदान में ला दिया, जहाँ दोनों देशों के दर्शक इस मुद्दे को बेइज्जती से कम नहीं समझे।
मैच के दौरान, सना ने कहा: "Natalia who comes from Kashmir, Azad Kashmir, plays in Lahore a lot of cricket..." यह वाक्य केवल तथ्य बताने के इरादे से कहा गया था, ऐसा वह बाद में अपने ट्विटर पोस्ट में कहती हैं। लेकिन भारत‑पाकिस्तान के प्रचलित भू-राजनीतिक भावनाओं के कारण, शब्दों के एक छोटे‑से बदलाव ने भी बड़े‑बड़े उछाल बना दिए।
भारत में कई क्रिकेट प्रेमियों ने तुरंत बैनर उठाए—"ICC को सना मीर को हटाओ"—और बॉलिंग बॉल के साथ BCCI (Board of Control for Cricket in India) से कार्रवाई की मांग की। वहीं, ICC (International Cricket Council) ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
कमेंट्री के बाद के सेकंडों में, ट्विटर, फ़ेसबुक, और इंस्टाग्राम पर #SanaMirAzadKashmir हैशटैग ट्रेंड करने लगा। कुछ प्रमुख भारतीय खेल पत्रकारों ने उल्लेख किया कि "एक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ऐसे शब्दों का प्रयोग खेल को राजनीति से अलग नहीं रखता"। वहीं, पाकिस्तान की मीडिया ने सना के बचाव को "सच्ची बात" कहकर सराहा।
हफ्ते भर में 1.2 मिलियन से अधिक ट्वीट्स, 800,000 रीट्वीट और 300,000 इंस्टाग्राम पोस्ट इस बात की गवाही देती हैं कि इस टिप्पणी ने कितनी जलन पैदा की।
इसी बीच, Pakistan women's cricket team ने 2025 की क्वालिफ़ायर में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया, लेकिन इस विवाद ने उनके युवा खिलाड़ियों पर अनावश्यक दबाव डाला।
Natalia Pervaiz ने निजी तौर पर बताया कि वह अपने मूल को लेकर गर्व महसूस करती हैं, लेकिन वह नहीं चाहती थी कि उनका नाम राजनीति के मैदान में लुढ़के। वह कहती हैं, "मैं सिर्फ क्रिकेट खेलना चाहती हूँ, जहाँ मेरा घर मेरा घर है, चाहे वह लाहौर हो या आजाद कश्मीर।"
ICC की प्रेस टीम ने कहा, "हम सभी कॉमेंटेटरों को खेल‑से‑राजनीति की सीमा का सम्मान करने की याद दिलाते हैं," लेकिन आधिकारिक कार्रवाई का कोई इशारा नहीं मिला।
भारत में एक प्रमुख खेल विश्लेषक ने टिप्पणी की, "सना की बात सही थी, पर समय और मंच की समझ जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यह सबूत देना चाहिए कि खेल में सबको बराबर मौका मिले, न कि भू‑राजनीति की मार्बलिंग।"
यह विवाद सिर्फ दो शब्दों तक सीमित नहीं रहा; इससे दो देशों के बीच खेल‑कूटनीति में नया मोड़ आया। पिछले कुछ वर्षों में, इज़राइल‑पंजाब या भारत‑भूटान जैसी क्रीडा‑राजनीतिक टकरावों ने दर्शाया कि हर सार्वजनिक बयान को एक बड़े राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाता है।
काफी विशेषज्ञों ने बताया कि ऐसी टिप्पणियाँ खिलाड़ियों के विकास पर नकारात्मक असर डालती हैं। लाहौर में स्थित अकादमी को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई प्रतिभाओं को स्काउट करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उनका नाम "राजनीतिक संवेदनशील" हो गया है।
साथ ही, इस घटना ने ICC को भी एक चेतावनी दी है: भविष्य में टिप्पणीकारों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाना जरूरी हो सकता है, ताकि इस प्रकार की दुविधा फिर से न उत्पन्न हो।
अब सवाल यह है कि ICC इस मुद्दे को कैसे सुलझाएगी। संभावित कदमों में शामिल हो सकते हैं:
भले ही अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन इस माह के अंत तक ICC द्वारा एक विस्तृत आधिकारिक बयान की उम्मीद की जा रही है। तब तक, खेल प्रेमियों को अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखकर खेल के वास्तविक उद्देश्य—रोमांच और एकता—पर ध्यान देना होगा।
सना ने Natalia Pervaiz को ‘Azad Kashmir’ कहकर उल्लेख किया, जो भारत‑पाकिस्तान के बीच एक संवेदनशील शब्द है। इस कारण भारतीय दर्शकों ने इसे राजनीतिक टिप्पणी माना, जबकि वह इसे खिलाड़ी की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालने के रूप में देखती थीं।
अभी तक ICC ने आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन कई विश्लेषकों का अनुमान है कि निकट भविष्य में टिप्पणीकारों के लिए दिशा‑निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
Natalia ने कहा कि वह अपने मूल पर गर्व करती हैं, लेकिन वह नहीं चाहती थीं कि उनका नाम राजनीति में खींचा जाये; वह सिर्फ क्रिकेट खेलने का मौका चाहती थीं।
युवा खिलाड़ियों पर अतिरिक्त दबाव बन गया है, विशेषकर उन पर जो कश्मीर‑रिलेटेड क्षेत्रों से आते हैं। यह टीम के प्रदर्शन और चयन प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है।
कमेंट्री के लिए स्पष्ट भाषा‑नीति बनाना, टिप्पणीकारों को प्रशिक्षण देना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर संवेदनशील शब्दों की सूची तैयार करना मददगार साबित हो सकता है।
rupesh kantaria
5 10 25 / 22:24 अपराह्नखेल में भावना और राजनीति का मिश्रण अक्सर जटिल हो जाता है, लेकिन असली जीत तब होती है जब खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से बात बनाते हैं।