जब Natalie Sciver‑Brunt, इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की कैप्टन ने 12 अक्टूबर 2025 को मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर भारत ICC Women's World Cup 2025साउथ अफ्रीका जीत लेती है तो महिला क्रिकेट में ‘बूम’ आएगा, तो यह बयान भारतीय दर्शकों के बीच तुरंत गूँज गया। यही नहीं, इस टिप्पणी ने भारतीय महिला क्रिकेटरों के आत्मविश्वास को भी नया प्रज्वलित किया।
ICC ने आधिकारिक रूप से बताया कि 2025 महिला विश्व कप मार्च‑अप्रैल 2025 के बीच साउथ अफ्रीका में आयोजित होगा. इस बार 10 टीमें प्रतियोगिता में भाग लेंगी, जिसमें भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पीपीजी (पाकिस्तान), श्रीलंका, वेस्ट इंडीज, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और अरेबिया शामिल हैं। भारतीय टीम ने 2017 के फाइनल में लॉर्ड्स पर इंग्लैंड से 9 रन से हार मानी थी, पर तब से उन्होंने अपनी टैक्टिक्स और बैटिंग लाइन‑अप को काफी मजबूत किया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में Sciver‑Brunt ने कहा, “यदि भारतीय महिला टीम इस बार चैंपियनशिप जीतती है, तो इंडियाज़ के घर‑घर में महिला क्रिकेट का स्तर न सिर्फ बढ़ेगा, बल्कि युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा का सर्वोच्च स्रोत बन जाएगा।” उन्होंने आगे बताया कि भारत के पास एक “अविश्वसनीय फॉरवर्ड लाइन‑अप” और “गहरी बैटिंग गहराई” है, जो प्रतियोगिता के दबाव को झेल सकती है।
Sciver‑Brunt के शब्दों को Mithali Raj, भारत की पूर्व कप्तान और सर्वकालिक सबसे अधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी ने भी सराहा। उन्होंने कहा, “नैट की बात बिल्कुल सही है, हमारे पास अब एक नई पीढ़ी है जो 2017 के लॉर्ड्स फाइनल की सीख को आगे ले जा रही है।”
मिथाली राज ने 8 जून 2022 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया, लेकिन उनका प्रभाव अभी भी युवा खिलाड़ियों में महसूस किया जाता है। 7,805 ODI रन के साथ वह सभी समय की सर्वश्रेष्ठ भारतीय स्कोरर बनी हैं। उनकी कप्तानियों में 2017 का फाइनल, जहाँ भारत ने 219/48.4 पर 9 रन से हार खाई, आज भी यादगार माना जाता है।
वर्तमान कप्तान Smriti Mandhana, भारत महिला टीम की ओपनर ने कहा, “मिथाली की तरह हम भी इस बार विश्व कप जीत कर नई इतिहास रचना चाहते हैं।”
बोर्ड ऑफ कंट्रोल फ़ॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) ने 2023 में पहली बार Women's Premier League (WPL) लॉन्च की। इस लीग ने कुल ₹1,326 करोड़ (लगभग $159 मिलियन) का राजस्व उत्पन्न किया, और भारतीय महिलाओं के खेल में निवेश को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया।
WPL के बेस प्राइस ₹30 लाख से शुरू होकर शीर्ष खिलाड़ी के लिए ₹75 लाख तक पहुंचता है, जबकि टीम का सैलरी कैप ₹12 करोड़ है। इस आर्थिक ढाँचे ने नई प्रतिभा को आकर्षित किया है, जिससे राष्ट्रीय टीम की बेंच शक्ति में भी सुधार हुआ है।
विरुद्ध, ICC Women's World Cup का आर्थिक प्रभाव बड़ा अंतरराष्ट्रीय विज्ञापन और प्रसारण अधिकारों पर निर्भर है। पिछले 2022 न्यूज़ीलैंड संस्करण ने विश्वभर में 2.5 अरब डॉलर की मीडिया कीमतें हासिल कीं। यदि भारत 2025 में जीतता है, तो संपूर्ण भारतीय खेल बाजार में संभावित अतिरिक्त राजस्व ₹5,000 करोड़ तक बढ़ सकता है, जैसा कि कई आर्थिक विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है।
2020 के T20 विश्व कप फाइनल में 11.9 मिलियन दर्शकों ने भारतीय टेलीविज़न पर देखा था। इस साल की अनुमानित दर्शक संख्या 2025 विश्व कप के लिए 20 मिलियन से अधिक हो सकती है, क्योंकि सोशल मीडिया पर भारतीय महिला क्रिकेटरों की फॉलोइंग ने पहले सालों में 150% तक बढ़ी है।
रॉजर्स बिनी, वर्तमान में Roger Binny, BCCI के अध्यक्ष ने कहा, “हम महिला क्रिकेट को समान शर्तों पर लाना चाहते हैं और इस विश्व कप को भारत के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म बनाना चाहते हैं, जिससे आगे के WPL सीज़न और ग्रासरूट पहल मजबूत होंगी।”
ICC के सीईओ Gregory Chase, Chief Executive of ICC ने भी इस बात को दोहराते हुए कहा कि “विश्व भर में महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, हम सभी महाद्वीपों में समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अगले महीने में भारत के कोचिंग स्टाफ द्वारा आयोजित ट्रेनिंग कैंप में नई रणनीतियों को परखेंगे। साथ ही, भारत‑ऑस्ट्रेलिया के दो मैचों का परिणाम इस बात को तय करेगा कि टीम पिच‑स्थिति और दबाव के तहत कैसे प्रदर्शन करती है। अंत में, ICC की आधिकारिक वेबसाइट पर 2025 विश्व कप की विस्तृत समय‑सारिणी अगले दो हफ्तों में प्रकाशित होगी।
यदि भारत 2025 का विश्व कप जीतता है तो घरेलू स्तर पर महिला क्रिकेट में निवेश बढ़ेगा, स्कूल‑और‑कॉलेज‑स्तर पर खेल की भागीदारी में 30‑40% की वृद्धि की संभावना है, और BCCI अधिक स्कॉलरशिप एवं प्रशिक्षण सुविधाओं का विस्तार करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत की जीत “महिला क्रिकेट में बूम” लाएगी और यह युवा लड़कियों के लिये “सबसे बड़ी प्रेरणा” बन जाएगी। उनका मानना है कि भारत की बैटिंग गहराई और फील्डिंग के मानक विश्व स्तर के हैं।
WPL एक फ्रेंचाइज़‑आधारित लीग है जो खिलाड़ियों को प्री‑ड्राफ्ट और टॉप‑ऑफ़र के माध्यम से आकर्षित करती है, जबकि विश्व कप राष्ट्रीय टीमों का टूर्नामेंट है जहाँ देशभक्ति, अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग, और कुल राजस्व की अलग संरचना होती है। दोनों के आर्थिक मॉडल और दर्शक प्रोफ़ाइल अलग हैं, पर दोनों का लक्ष्य महिला क्रिकेट को बढ़ावा देना है।
Mithali के द्वारा स्थापित प्रोफेशनल एथमोसफियर और उनके रिकॉर्ड ने मौजूदा खिलाड़ी‑जनरेशन को मार्गदर्शन दिया है। उनका बैटिंग तकनीक और मानसिक दृढ़ता कई कोचिंग सत्रों में शामिल है, जिससे नई पीढ़ी की कप्तानों में समान रणनीतिक सोच विकसित हो रही है।
ICC ने अभी तक आधिकारिक आँकड़े नहीं निकाले हैं, पर बाजार विश्लेषकों के अनुमान के अनुसार ऑनलाइन टिकट बिक्री 2025 विश्व कप के लिए 2.5 मिलियन से अधिक हो सकती है, जिससे पिछले 2022 संस्करण की तुलना में 30% वृद्धि होगी।
Rohit Garg
12 10 25 / 03:59 पूर्वाह्नSciver‑Brunt ने जो कहा कि भारत की जीत से महिला क्रिकेट में बूम आएगा, वो सिर्फ एक टिप्पणी नहीं, बल्कि एक संकेत है कि इंडिया की बैटिंग गहराई और फॉरवर्ड लाइन‑अप अब विश्व स्तर पर चमक रही है। WPL ने पहले ही फैंस का दिल जीत लिया है, और अब यदि भारतीय टीम ICC Women's World Cup जीतती है तो शोकेस दोगुना बढ़ जाएगा। इस जीत से न सिर्फ मिलियन‑वॉली स्पॉन्सरशिप आएगी, बल्कि जिला‑स्तर की अकादमी में भी निवेश बढ़ेगा। मीडिया की बातों को सुनें तो अनुमान है कि विज्ञापन रिवेन्यू ₹5,000 करोड़ तक पहुँच सकता है। भारत की युवा लड़कियों के लिए यह एक प्रेरणा की फुहार होगी, जिससे स्कूल‑कॉलेज में भागीदारी 30‑40% तक बढ़ सकती है। इतनी सारी संभावनाओं को देखते हुए हमें अब सिर्फ समर्थन नहीं, बल्कि रणनीतिक योजना भी बनानी चाहिए, ताकि इस बूम को स्थायी बनाया जा सके।
adarsh pandey
16 10 25 / 13:32 अपराह्नआपके ठीक‑ठीक बिंदु पर ध्यान देना चाहिए कि आर्थिक आंकड़े केवल एक पक्ष दिखाते हैं; वास्तव में महिला खिलाड़ियों की प्रशिक्षण सुविधाएँ और खेल‑सुरक्षा को आगे बढ़ाना अधिक महत्वपूर्ण है। यदि BCCI इस बूम को सच्ची रूप में बदलना चाहता है, तो स्कॉलरशिप और ग्रासरूट प्रोग्राम्स को व्यापक बनाना आवश्यक है।
swapnil chamoli
20 10 25 / 23:05 अपराह्नकहते हैं कि ICC का मकसद सिर्फ पैसा कमाना है, लेकिन इस बार उनका षड्यंत्र शायद बहुत बड़ी बात है। स्कीमर सेलिब्रिटी‑इन्फ्लुएंसर्स को इस्तेमाल करके वे महिला क्रिकेट को एक मार्केटिंग गजेट बना रहे हैं, जिससे असली प्रतिभा को किनारे पर धकेला जा रहा है। यही कारण है कि कुछ लोगों को इस ‘बूम’ पर संदेह है, क्योंकि यह सिर्फ एक पेड शो जैसा लग रहा है।
manish prajapati
25 10 25 / 08:39 पूर्वाह्नवाकई में देखते हैं तो इस सत्र की तैयारी में टीम ने बहुत मेहनत की है, और मैं यकीन मानता हूँ कि सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास ही हमें जीत की ओर ले जाएगा। लड़कियों के लिए ये जीत एक बड़ा रोल‑मॉडल बनेगी, और WPL के साथ मिलकर हमारी स्थिति और भी मज़बूत होगी।
Rohit Kumar
29 10 25 / 18:12 अपराह्नसबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि भारतीय महिला क्रिकेट की प्रगति केवल एक टूर्नामेंट की जीत से नहीं, बल्कि एक समग्र प्रणाली के निर्माण से निर्धारित होती है। पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि WPL ने नई प्रतिभाओं को एक मंच दिया, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चमक पाई हैं। इसके साथ ही, बुनियादी ढाँचे में सुधार, जैसे कि हाई‑एंड ट्रेनिंग सेंटर और साइको‑फ़िज़िकल सपोर्ट, ने खिलाड़ियों की निरंतर सुधार में मदद की है।
अब जब हम ICC Women's World Cup की बात करते हैं, तो यह केवल एक ट्रॉफी का मुद्दा नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मान्यता का प्रतीक है। यदि हम इस मुक़ाम तक पहुँचते हैं, तो मीडिया कवरेज में वृद्धि, विज्ञापन राजस्व में बढ़ोतरी, और युवा खिलाड़ियों की रुचि में विस्फोटक बढ़ोतरी देखी जा सकेगी।
वास्तव में, आर्थिक आंकड़े सिर्फ एक संकेतक हैं; असली मूल्यांकन तब होगा जब हम देखेंगे कि कितनी नई लड़कीें क्रिकेट अकादमी में दाखिला लेती हैं, कितने स्कूलों में महिला क्रिकेट को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है, और कैसे grassroot पहलें मजबूत होती हैं।
इसीलिए, हमें केवल जीत की उम्मीद नहीं, बल्कि एक सक़त सिस्टेमिक प्लान की जरूरत है, जिसमें कोचिंग स्टाफ की निरंतर शिक्षा, डेटा‑ड्रिवन एनालिटिक्स, और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ शामिल हों।
यदि यह सब व्यवस्थित रूप से किया जाए, तो भारत की महिला क्रिकेट न सिर्फ एक बार की जीत से, बल्कि कई दशकों तक चलने वाली सफलता से परिभाषित होगी।