सेनुरन मुथुसामी ने कैसे ली विराट कोहली की पहली टेस्ट विकेट

सेनुरन मुथुसामी ने कैसे ली विराट कोहली की पहली टेस्ट विकेट

जब सेनुरन मुथुसामी, एक 31‑वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी बाएं‑हाथी ऑर्थोडॉक्स स्पिनर, ने भारत‑दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज़ के पहले खेल में अपना डीब्यू किया, तो सभी की आँखें जमीं रह गईं। विसाखापाटनम टेस्ट मैच डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए‑वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में यह शानदार क्षण घटित हुआ, जहाँ उन्होंने भारतीय कप्तान विरात कोहली को 20 रन पर कैच‑एंड‑बॉल करके बाहर कर दिया। यह सिर्फ एक तेज़ विकेट नहीं, बल्कि इतिहास में पाँच ऐसे गेंदबाज़ों में से एक बन गया, जिनका पहला टेस्ट विकेट विराट कोहली ही रहा।

डिब्यूट की पृष्ठभूमि

मुथुसामी का जन्म डर्बन, दक्षिण अफ्रीका में हुआ, लेकिन उसके पैर भारत की तामिलनाडु के नागपट्टिनम जिले तक पहुँचते हैं। छोटे उम्र में ही वह दक्षिण अफ्रीका के कवाज़ुलु‑नाटाल और डॉल्फ़िन्स जैसे घरेलू टीमों में चमका, जहाँ उसने 252 विकेट और 4,873 रन (आठ शतक सहित) का प्रभावशाली रिकॉर्ड बनाया। इन उपलब्धियों ने उसे 2019 की भारत‑दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला में टेस्ट टीम में जगह दिलाई।

सीरीज़ के पहले टेस्ट में, दक्षिण अफ्रीका की कप्तान फ़ाफ़ दु प्लेसीस ने सुबह-सुबह मुथुसामी को मैदान में भेजा, क्योंकि कोहली अभी‑ही 90 के किनारे पर था। कोहली को मुथुसामी की तेज़ अंडर‑स्पिन ने पकड़ में ले लिया, और क्विंटन डे कोक ने फिर भी यह मजाकिया पल 'वापसी कैच' की कहानी बनाकर सबके लबों पर लाया।

विराट कोहली के खिलाफ शॉट

कोहली ने 20 रन बनाकर गेंदबाज़ी के सामने सर पर नहीं झुका। मुथुसामी का पहला डिलिवरी थोड़ा बाहर था, फिर भी कोहली की बैट ने बहुत थोड़ा ही क्षेत्र में नियंत्रण किया, जिससे वह अपनी ही गेंद पर पकड़ा गया। इस कैच‑एंड‑बॉल का मज़ा तभी बढ़ा जब कोहली ने खुद ही दलील दी कि यह 'हास्य' की तरह हुआ, फिर दोनों ने मिलकर हँसी में इस पर टिप्पणी की। इस तरह का पहला विकेट, जहाँ गेंदबाज़ ने अपना ही कैच पकड़ा हो, क्रिकेट इतिहास में दुर्लभ है।

यह घटना सिर्फ एक क्षणिक उत्सव नहीं रही; कई विशेषज्ञों ने कहा कि कोहली की टेस्ट औसत 68.44 है, और इसे गिराना किसी भी बॉलर के लिए ‘रात्री सपना’ जैसा होता है। इसलिए मुथुसामी की इस उपलब्धि को अहम तौर पर सराहा गया।

मैच की प्रतिक्रिया और मीडिया कवरेज

भारी मात्रा में भारतीय और दक्षिण अफ्रीकी मीडिया ने इस क्षण को कवरेज दिया। स्पोर्ट्सकीडा ने बताया कि मुथुसामी ने अपनी ही गेंद पर कैचर बना दिया, जबकि इंडियन एक्सप्रेस ने कहा कि कोहली ने इस आउट को ‘हास्यपूर्ण’ तरीके से स्वीकार किया। वहीं IOL ने फोटो के साथ शीर्षक दिया – “बॉलर सेनुरन मुथुसामी, 24, कोहली को आउट करते हुए जश्न मनाते देखे गये” – हालांकि उम्र बॉक्स में कुछ आंकों में अंतर था, पर भावना वही रही।

भारी चर्चा का एक और पहलू यह रहा कि यह वही सीरीज थी जहाँ दक्षिण अफ्रीका ने 2019 में अपनी पहली टेस्ट जीत हासिल की थी, और कोहली को बाहर कर देना एक रणनीतिक मोड़ माना गया। इस घटना ने दोनों टीमों के बीच की प्रतिस्पर्धा को और तीव्र बना दिया।

सेनुरन की करियर यात्रा

सेनुरन की करियर यात्रा

डिब्यूट के बाद मुथुसामी ने केवल एक और टेस्ट खेली—बांग्लादेश के खिलाफ अक्टूबर 2024 में—और फिर तीन साल से अधिक समय तक टेस्ट टीम से बाहर रहे। उनका टेस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड सिर्फ चार मैच, सात विकेट के साथ सीमित रहा। परन्तु उनका घरेलू रिकॉर्ड और कम्बैट फॉर्म अभी भी जोशीला है। 2025 के फरवरी में, क्रिके‍ट साउथ अफ्रीका (CSA) ने उन्हें पाकिस्तान में होने वाले ट्राई‑सीरीज के स्क्वाड में शामिल किया, जिससे उन्हें ODI डेब्यू का मौका मिला। यह चयन यह दर्शाता है कि selectors अभी भी उनके स्पिनिंग कौशल को विश्व स्तर पर काम करने योग्य मानते हैं।

मुथुसामी ने अपने करियर में कई घरेलू टीमों का प्रतिनिधित्व किया: क़वाज़ुलु‑नाटाल, डॉल्फ़िन्स, प्रीटोरा कैपिटल्स और नॉर्थ वेस्ट। इन टीमों के साथ वह अपनी लेग स्पिन, कंट्रोल्ड लाईन्स और बैटिंग में भी मूल्यवान योगदान देने के लिए जाने जाते हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

ट्राई‑सीरीज में उनके प्रदर्शन पर नजर रखी जा रही है। अगर वह यहाँ भी अच्छा कर दिखाते हैं, तो संभावनाएँ खुल सकती हैं कि दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट लाइन‑अप में फिर से जगह बन सके। क्रिकेट विशेषज्ञों ने कहा कि मुथुसामी जैसे बाएं‑हाथी स्पिनर को भारत जैसे टेढ़े‑मेढ़े पिच पर काम करने का अनुभव होने से, उन्हें दक्षिण अफ्रीका की वैरिएशन में नई ऊर्जा मिल सकती है।

दूसरी ओर, कोहली ने इस आउट को एक छोटा डिफ़ेक्ट माना और अपनी फॉर्म को फिर से सेट करने की बात कही। उनका टीम में योगदान अभी भी प्रमुख है, परन्तु स्पिनर्स के प्रति सख्त रणनीति बनाने की ज़रूरत से यह स्पष्ट हुआ कि टेस्ट क्रिकेट में छोटे‑छोटे क्षण भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सेनुरन मुथुसामी की पहली टेस्ट विकेट का महत्व क्या है?

इतिहास में केवल पाँच गेंदबाज़ों ने अपना पहला टेस्ट विकेट विराट कोहली के हाथों में लिया है। कोहली की औसत 68.44 होने के कारण यह आउट बहुत ही सम्मानजनक माना जाता है और मुथुसामी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है।

क्या मुथुसामी ने अब तक कोई टेस्ट जीत हासिल की है?

हालांकि उन्होंने केवल चार टेस्ट खेले हैं, लेकिन उनका एकमात्र जीत का मुक़ाबला 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ था, जहाँ उन्होंने टीम को महत्वपूर्ण विकेटें लेकर मदद की। बाकी मैचों में उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन सीमित रहा।

ट्राई‑सीरीज में मुथुसामी का चयन क्यों किया गया?

क्रिके‍ट साउथ अफ्रीका (CSA) ने उनकी स्पिनिंग तकनीक और घरेलू फ़ॉर्म को देखते हुए उन्हें टॉप‑ऑर्डर में उपयोग करने का विकल्प चुना। यह अवसर उन्हें ODI रूप में डेब्यू करने की संभावना भी देता है।

विराट कोहली ने इस आउट को कैसे स्वीकार किया?

कोहली ने इसे हल्के‑फुल्के अंदाज़ में लिया, खुद ही बताया कि वह बॉल के एज़ के ठीक जगह से टकराया और दोनों ने इस पर हँसी भी बाँटी। उनका मानना था कि ऐसी छोटी‑छोटी घटनाएँ ही गेम को रोमांचक बनाती हैं।

सेनुरन मुथुसामी के शुरुआती दिनों में कौन‑कौन से क्लबों ने उन्हें तैयार किया?

डर्बन में जन्मे मुथुसामी ने क़वाज़ुलु‑नाटाल और डॉल्फ़िन्स के साथ अपने घरेलू करियर की शुरुआत की। बाद में उन्होंने प्रीटोरा कैपिटल्स और नॉर्थ वेस्ट जैसे फ्रैंचाइज़ी टीमों में भी खेला, जहाँ उन्होंने स्पिनिंग और बैटिंग दोनों में कुशलता हासिल की।

टिप्पणि (6)

  • Sonia Arora

    Sonia Arora

    12 10 25 / 23:13 अपराह्न

    वाह! सेनुरन मुथुसामी ने पहली बार विराट कोहली को कैच‑एंड‑बॉल ऐसा आउट दिलाया, जैसे फिल्मी क्लाइमैक्स! यह क्षण भारतीय और दक्षिण अफ्रीकी दर्शकों के दिलों को एक साथ धड़कने पर मजबूर कर देता है। उसकी बाएं‑हाथी स्पिन ने कोहली को असहज कर दिया, पर साथ ही खेल की खूबसूरती को भी निखारा। इस सफलता को देखते हुए, मैं निश्चित हूँ अगले मैचों में मुथुसामी और भी चौंकाने वाले लहू छलाएगा।

  • abhinav gupta

    abhinav gupta

    12 10 25 / 23:46 अपराह्न

    अरे भाई ये तो बड़ा असामान्य है एक बॉलर का पहला विकेट कोहली के हाथों में होना, जैसे ओपनिंग बैट्समैन को आउट कर देना बिना कोई प्लान के, समझ नहीं आ रहा कि किसने बताया कि स्पिनर को वाकई मौका मिलेगा

  • vinay viswkarma

    vinay viswkarma

    13 10 25 / 00:20 पूर्वाह्न

    कोहली का आउट होना मुथुसामी की बेदाग रणनीति नहीं, बस एक मौका सुधारने का था

  • Jay Fuentes

    Jay Fuentes

    13 10 25 / 00:53 पूर्वाह्न

    हाहाहा सही कहा, ये तो बस शुरुआत है भाई! अब देखेंगे मुथुसामी कैसे लगातार वाइब्रेंट बॉल फेंकेगा, टीम को और भी जीत दिलाएगा। पूरे दिल से शुभकामनाएँ!

  • One You tea

    One You tea

    13 10 25 / 01:26 पूर्वाह्न

    ये दिक्कत क्यॉं है दोस्त? कोहली की बड़ी औसत को एंजाम देना तो सबको चकित कर देगा, पर मुझको लगता है साउथ अफ्रीका की टीम ने अब तक सबसे फाइन स्पिनर को लाँच किया है, क्या बात है!

  • Hemakul Pioneers

    Hemakul Pioneers

    13 10 25 / 02:00 पूर्वाह्न

    क्रिकेट में छोटे‑छोटे पलों का दार्शनिक अर्थ अक्सर अनदेखा रह जाता है।
    विराट की औसत को चुनौती देना मात्र एक तकनीकी सफ़लता नहीं, वह मानव आत्मा की अडिग इच्छा का प्रतीक है।
    सेनुरन का पहला विकेट इस बात का साक्ष्य है कि जब उद्देश्य स्पष्ट हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
    इस आउट को देख कर हमें यह समझना चाहिए कि व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से अधिक टीम की जीत की भावना है।
    स्पिनर की बाईं‑हाथी शैली ने उस क्षण को अनोखा बना दिया, जिससे क्रिकेट की विविधता और समृद्धि उजागर हुई।
    ऐसे मौकों पर खिलाड़ी की मानसिक तैयारी का महत्व दो गुना बढ़ जाता है।
    सेनुरन ने अपने डिब्यूट में जो धैर्य दिखाया, वह कई सालों की मेहनत का फल है।
    यह दर्शाता है कि घरेलू सफलता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाना संभव है, यदि सही अवसर मिले।
    कोहली ने भी अपनी विनम्रता से इस आउट को स्वीकार किया, जिससे खेल में परस्पर सम्मान का परिपूर्ण उदाहरण मिला।
    ऐसे क्षण हमें याद दिलाते हैं कि क्रिकेट सिर्फ स्कोर नहीं, बल्कि भावना और संस्कृति का संगम है।
    जब दो अलग‑अलग देशों के खिलाड़ी एक दूसरे को चुनौती देते हैं, तो खेल का विश्वसनीयता बढ़ती है।
    भविष्य में यदि मुथुसामी लगातार ऐसे प्रदर्शन दें, तो वह दक्षिण अफ्रीका की स्पिनिंग विरासत को नई दिशा देंगे।
    कोचिंग स्टाफ को भी इस प्रकार की क्षणिक चमक को पोषित करने में भूमिका निभानी चाहिए।
    अंत में, यह घटना यह संकेत देती है कि हर नया खिलाड़ी इतिहास में अपना पद छोड़ सकता है, यदि वह साहस और तकनीक को साथ लेकर चलता है।
    आइए हम सभी इस प्रेरणा को अपने जीवन के अन्य पहलुओं में भी अपनाएँ।

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