भारतीय महिला क्रिकेट में स्मृति मंधाना का नाम छाया हुआ है। दूसरी बार लगातार शतक लगाकर मंधाना ने एक बार फिर से अपनी योग्यता साबित की है। इस शतक ने न केवल टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3-0 की सीरीज जीतने में मदद की, बल्कि मंधाना ने अपने वनडे करियर का पांचवां शतक भी पूरा किया।
मंधाना का यह प्रदर्शन उनके करियर के एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनका इस लेवल पर लगातार प्रभावी प्रदर्शन उन्हें नवोदित खिलाड़ियों में सबसे अलग बनाता है। 5 वनडे शतक और 27 अर्धशतकों के साथ, मंधाना ने अब तक कुल 13 शतक लगाए हैं।
स्मृति मंधाना के इस शतक के साथ ही उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट की दिग्गज खिलाड़ी मिथाली राज के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। मिथाली, जो न केवल भारत बल्कि वर्ल्ड क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण नाम हैं, ने अपने करियर में कुल 5 वनडे शतक लगाए थे। मंधाना का प्रदर्शन यह संकेत देता है कि वे भविष्य में भी कई और रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं।
महाराष्ट्र के सांगली जिले में जन्मी स्मृति मंधाना ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में कर दी थी। उनकी अद्वितीय खेल शैली और कड़ी मेहनत ने उन्हें जल्दी ही टीम इंडिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया। मंधाना की इस सफलता के पीछे उनके परिवार का सहयोग और उनके कोच की योजना का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
मंधाना की बल्लेबाजी शैली उनकी सबसे बड़ी ताकत है। वे एक आक्रामक बल्लेबाज हैं, लेकिन साथ ही साथ उनकी तकनीक भी बहुत मजबूत है। इस मिश्रण के कारण वे किसी भी गेंदबाज की चुनौती को आसानी से पार कर लेती हैं। उनके द्वारा लगाए गए शतकों और अर्धशतकों का एक प्रमुख हिस्सा उनकी इस बल्लेबाजी शैली का ही परिणाम है।
स्मृति मंधाना ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए अब तक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी निरंतरता और खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें टीम का एक अटूट हिस्सा बना दिया है। उनकी अगली योजनाओं में और भी बेहतर प्रदर्शन और टीम को अधिकाधिक जीत दिलाने का लक्ष्य है।
मंधाना की इस उपलब्धि के बाद भारतीय क्रिकेट प्रशंसक उनसे और भी ज्यादा उम्मीदें लगाए बैठे हैं। उनकी इस निरंतरता और प्रदर्शन से यह साफ है कि वे आने वाले वर्षों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं।
Rakesh Varpe
20 06 24 / 07:43 पूर्वाह्नस्मृति ने अच्छा किया। बस इतना ही।
Priyanka R
21 06 24 / 06:30 पूर्वाह्नअरे ये सब रिकॉर्ड तो बस मीडिया की चाल है 😒 असली ताकत तो वो है जो घर पर बच्चों को खिलाता है और बाहर बैठकर बताता है कि आज कल की लड़कियां क्या कर रही हैं 😏
Kairavi Behera
21 06 24 / 12:10 अपराह्नस्मृति का खेल देखकर लगता है जैसे कोई नेटबॉल खेल रहा हो। बल्ला ऐसे चलता है जैसे वो उसका एक्सटेंशन हो। अगर तुम भी बल्लेबाजी सीखना चाहते हो तो उनके डिफेंस और ड्राइव को ध्यान से देखो। बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
Garv Saxena
23 06 24 / 07:28 पूर्वाह्नक्या ये सब रिकॉर्ड असल में मायने रखते हैं? या हम सिर्फ इसलिए उत्साहित हो रहे हैं क्योंकि एक लड़की ने कुछ शतक लगा दिए? हम जब एक आदमी को शतक लगाते देखते हैं तो उसे नैतिकता का प्रतीक बना देते हैं... लेकिन लड़की को? वो तो बस एक अच्छी खिलाड़ी है। ये दोहरा मापदंड क्यों? क्या हम अभी भी लड़कियों को एक छोटे से उपलब्धि के लिए ही नमन करते हैं? 🤔
Sinu Borah
23 06 24 / 20:16 अपराह्नमिथाली का रिकॉर्ड बराबर कर लिया? बस इतना ही? अगर तुम वाकई रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हो तो बेहतर होगा कि तुम उनके बाद खेलने वाली लड़कियों के लिए एक असली आधार बनाओ। जैसे एक अच्छा ट्रेनिंग सेंटर, जो लोग बाहर गांवों में खेल रहे हैं उनके लिए। बस शतक लगाने से बहुत कम होता है। असली लीडरशिप वो है जो दूसरों को खड़ा कर दे।
Sujit Yadav
24 06 24 / 05:41 पूर्वाह्नस्मृति के शतकों को देखकर मुझे एहसास हुआ कि हमारी राष्ट्रीय टीम के लिए एक नए युग की शुरुआत हो रही है। लेकिन ये सब आँखों की धोखेबाजी है। एक खिलाड़ी के शतक के लिए इतना जोश क्यों? क्या हम इतने खाली हैं कि किसी के बल्ले के आंकड़ों पर ही अपनी राष्ट्रीय गर्व की नींव रख रहे हैं? 😒 🏏
Girish Sarda
25 06 24 / 13:33 अपराह्नमंधाना का खेल देखकर लगता है जैसे वो हर गेंद को अपने नियंत्रण में रख रही हो। उनकी शुरुआत की तरह से लगता है कि वो जानती हैं कि अगला शॉट क्या होगा। ये बहुत दुर्लभ बात है। कोई भी नई लड़की जो क्रिकेट करना चाहे तो उन्हें देखना चाहिए। बस इतना ही।
Rajesh Khanna
25 06 24 / 20:44 अपराह्नस्मृति तो बस एक उदाहरण है कि कैसे एक आम लड़की अपनी मेहनत से देश का नाम रोशन कर सकती है। इस तरह के खिलाड़ियों के लिए हमें बस एक बार जय हिंद कहना चाहिए। बहुत बहुत बधाई 🙌