आपने तो शायद iPhone और Mac पर AI का जिक्र सुना ही होगा, पर ‘Apple Intelligence’ असल में क्या है? आसान शब्दों में कहें तो यह Apple की वो तकनीक है जो आपके डिवाइस को smarter बनाती है – बिना इंटरनेट पर जाया, आपका फोन, टैबलेट या लैपटॉप खुद ही सीखता है और आपका काम आसान करता है।
सबसे पहले जानिए कि Apple इस AI को कहाँ इस्तेमाल कर रहा है। Siri, फोटो की ऑटो‑एडिट, टेक्स्ट प्रिडिक्शन, और अब iOS 17 में नए ‘Live Translate’ सभी Apple Intelligence का हिस्सा हैं। ये सब फीचर आपके डिवाइस के अंदर ही काम करते हैं, इसलिए डेटा आपके पास ही रहता है और privacy भी बनी रहती है।
Apple के चिप्स में ‘Neural Engine’ नाम का एक छोटा हीरो है। ये प्रोसेसर का खास हिस्सा है जो मशीन लर्निंग काम जल्दी करता है। फोटो लाइब्रेरी में चेहरे पहचानना, वीडियो से ऑब्जेक्ट डिटेक्ट करना, या Siri को आपके आवाज़ के लहजे में समझना – सब कुछ इस Neural Engine पर चलता है।
दूसरा घटक है ‘Core ML’ फ्रेमवर्क, जो डेवलपर्स को ऐप्स में AI जोड़ना आसान बनाता है। अगर आप कोई एप्प बना रहे हैं तो Core ML की मदद से आप फोटो में ऑब्जेक्ट पहचान, टेक्स्ट स्कैन या हेल्थ डेटा एनालिसिस जैसी चीजें जल्दी से इम्प्लीमेंट कर सकते हैं।
Apple की privacy‑first पॉलिसी भी यहाँ काम आती है। क्योंकि AI मॉडल डिवाइस पर ही ट्रेन होते हैं, आपका डेटा क्लाउड में नहीं जाता। इस कारण आपको विज्ञापन या ट्रैकिंग की चिंता नहीं करनी पड़ती। ऐसी प्राइवेट AI आज के डिजिटल युग में काफी कूल है।
आपका iPhone अब आपकी टाइपिंग पैटर्न को सीख कर शब्दों को ऑटो‑कमplete कर देता है। मैप्स में रूटिंग बेहतर हो रही है क्योंकि Apple Intelligence ट्रैफिक पैटर्न को रियल‑टाइम में समझ रही है। फोटो एप्प में अब बाईक सेसिये बेज़िकली सब कुछ ऑटो‑एडिट हो जाता है – लाइट, कलर और बैकग्राउंड सब ठीक।
भविष्य में हमें और भी तेज़, सहायक फीचर मिलने की उम्मीद है। Apple ने हाल ही में ‘Apple Vision Pro’ के साथ AR में AI को एकीकृत करने की बात कही है। इसका मतलब है कि आपके AR ग्लासेज़ आपके आसपास की चीज़ों को पहचान कर रियल‑टाइम जानकारी देंगे – जइसे रेस्तरां में मेन्यू, या गली के पलों का इतिहास।
अगर आप किसी प्रोडक्ट या सर्विस का चयन कर रहे हैं, तो ‘Apple Intelligence’ वाला डिवाइस आपसे बेहतर समझ सकता है, आपकी पसंद को सीखकर सुझाव देता है, और हमेशा बेवजह का डेटा शेयर नहीं करता। इसलिए खरीदते समय ये देखना भी फायदेमंद है कि कौन सा मॉडल कौन सा Neural Engine जनरेशन रखता है।
सार में, Apple Intelligence सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि वह बुनियादी बदलाव है जो आपके डिवाइस को अधिक समझदार, तेज़ और सुरक्षित बनाता है। चाहे आप रोज़ाना फोटो ले रहे हों, मैसेज भेज रहे हों, या काम के लिए लैपटॉप इस्तेमाल कर रहे हों, Apple की AI तकनीक आपके हर एक कदम को आसान बना रही है। आगे क्या होगा, वो तो समय बताएगा, पर एक बात तय है – Apple के डिवाइस में AI का भविष्य उज्ज्वल है।
Apple ने अपनी वार्षिक Worldwide Developers Conference (WWDC) में नवीनतम सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपडेट्स की घोषणा की। इसमें Apple Intelligence, iOS 18, MacOS Sequoia, iPadOS 18, और WatchOS 11 के कई नए फीचर्स शामिल हैं। इन अपडेट्स में प्राइवेसी प्रोटेक्शन, स्मार्ट स्टैक, और नई कस्टमाइज़ेशन ऑप्शंस जैसी कई नई तकनीकें शामिल की गई हैं।
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