आतंकवाद हर साल हमारे जीवन में डर लाता है, लेकिन अगर हम सही जानकारी और उपाय जान लें तो इस डर को कम किया जा सकता है। इस पेज पर हम हाल के भारत के मामलों, सरकार की प्रतिक्रियाओं और रोज़मर्रा में अपनाने वाले आसान सुरक्षा कदमों पर बात करेंगे। पढ़ते‑जाते ही आप समझेंगे कि क्या किया जा सकता है और किस तरह से इलाके में शांति बनी रहती है।
पिछले महीने पहलगाम पर हुए गंभीर हमले ने फिर से दर्शाया कि सीमा‑पार आतंकवादी नेटवर्क अभी भी सक्रिय हैं। इस हमले में कई जवान मारे गए और कई घायल हुए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तुरंत केंद्र से मदद मांगते हुए कहा कि हम पाकिस्तान से युद्ध नहीं, बल्कि शांति और सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे। यह बयान राजनीतिक रूप से तंग था, पर साथ‑साथ यह भी दिखाया कि सरकार आतंकवाद को केवल सैन्य कदमों से नहीं, बल्कि कूटनीति और लोगों के विश्वास से भी सामना करना चाहती है।
इसी तरह, कई राज्यों में पुलिस ने सुदृढ़ गश्त, सीसीटीवी कैमरों की बढ़ी हुई संख्या और बैनर के साथ जन जागरूकता कैंपेन चलाए हैं। ये कदम बस कागज़ी नहीं, बल्कि सीधे लोगों की सुरक्षा में असर डालते हैं। उदाहरण के तौर पर, कर्नाटक में पिछले दो हफ़्तों में 30 % सुरक्षा आवंटन बढ़ा दिया गया और किनारे वाले गांवों में तुरंत मोबाइल रडार स्थापित किए गए।
आपको हर दिन छुपे‑छुपे खतरे से बचने के लिए बड़े गैजेट की ज़रूरत नहीं। कुछ साधारण आदतें हैं जो काफी फायदेमंद हो सकती हैं:
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न सिर्फ खुद की, बल्कि अपने पड़ोसियों की भी सुरक्षा में मदद कर सकते हैं। याद रखें, आतंकवाद का मुकाबला केवल बड़े ऑपरेशनों से नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की सतर्कता से भी हो सकता है।
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मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमलों की 16वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर लोगों ने उन वीर योद्धाओं को याद किया जिन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया और आतंकी हमलों का सामना करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी मजबूत संघर्ष और खोए हुए प्रियजनों की स्मृति को संजोने का यादगार अवसर बन गया।
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