ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या है? तुरंत समझें

अगर आप शेयर मार्केट में नए हैं तो "ग्रे मार्केट प्रीमियम" शब्द सुनकर थोड़ा उलझन में पड़ सकते हैं। असल में ये वही अतिरिक्त कीमत है जो IPO के बाद ट्रेडिंग में शेयरों को मिलता है, जब मांग आपूर्ति से ज़्यादा होती है। मतलब, लोग शेयर को आधिकारिक एक्सचेंज पर नहीं, बल्कि ग्रे या प्री‑बॉक्स मार्केट में ज्यादा कीमत पर खरीदते‑बेचते हैं।

ये प्रीमियम दो कारणों से बनता है – पहला, कंपनी का बिज़नेस अगर टॉप पर है तो लोग तुरंत शेयर चाहेंगे, दूसरा, कुछ निवेशकों को शेयर जल्दी चाहिए होते हैं और वे अतिरिक्त रकम दे कर ले लेते हैं। इस तरह की कीमतें अक्सर पहले दो‑तीन ट्रेडिंग डेज़ में ही तय हो जाती हैं।

ग्रे मार्केट प्रीमियम कैसे बनता है?

IPO के दिन जब शेयर सब्सक्राइब होते हैं, तो कई बार सभी शेयर पूरे नहीं होते या कुछ बड़े संस्थागत निवेशकों को अर्ली एक्सेस मिलता है। बाकी बचा शेयर ग्रे मार्केट में चलता है। यहाँ पर कीमत तय होती है - अगर लोग भरोसा करते हैं कि कंपनी का भविष्य उज्ज्वल है, तो वे ज्यादा कीमत दे कर शेयर ले लेते हैं। यही है प्रीमियम।

दूसरी बात, अगर IPO में सॉफ़्ट कंप्लीशन (अर्थात् कम सब्सक्रिप्शन) हो रहा है, तो प्रीमियम कम या न के बराबर हो सकता है। इसलिए प्रीमियम को समझने के लिए IPO के बुकबिल्डिंग, कंपनी की रिपोर्ट और मार्केट सेंटिमेंट को देखना ज़रूरी है।

स्ट्रैटेजी और जोखिम: प्रीमियम पर कैसे ट्रेड करें?

ग्रे मार्केट प्रीमियम से फायदा उठाने के दो तरीके हैं – पहला, अगर आप सोचते हैं प्रीमियम धीरे‑धीरे घटेगा, तो आप एंट्री कर के लिमिटेड जोखिम के साथ शेयर रखें और फिर प्री‑मार्केट या खुली ट्रेडिंग में बेच दें। दूसरा, अगर आपको लगता है कि कंपनी की ग्रोथ बहुत तेज़ है, तो प्रीमियम के साथ भी एंट्री करना समझदारी हो सकता है, क्योंकि लम्बी अवधि में शेयर का मूल्य बढ़ेगा।

ध्यान रखने वाली बात ये है कि प्रीमियम जितना ज़्यादा, उतनी ही रिस्क भी ज़्यादा। अगर कंपनी का बिज़नेस प्लान फेल हो गया या बाजार में बड़ा डाउंफ़ॉल आया, तो प्रीमियम भी तुरंत गिरेगा। इसलिए हमेशा स्टॉप‑लॉस सेट करें और अपने पोर्टफ़ोलियो में संतुलन रखें।

सार में, ग्रे मार्केट प्रीमीअम् समझना आपके निवेश को एक नई दिशा दे सकता है। जब आप कंपनी की बुनियादी ताकत, IPO की स्थिति और बाज़ार के मूड को देखेंगे, तो प्रीमियम को सही तरीके से पढ़ कर सही कदम उठा पाएँगे। याद रखें – सीखना, छोटी‑छोटी टेस्ट्स करना, और अपनी रिस्क प्रोफ़ाइल के हिसाब से स्ट्रैटेजी बनाना ही सफलता की कुंजी है।

Chamunda Electricals SME IPO: ग्रे मार्केट में 22% उछाल, निवेशकों में जबरदस्त क्रेज

Chamunda Electricals का SME IPO 4 फरवरी 2025 को खुलेगा। ग्रे मार्केट में प्रीमियम 22% बढ़ा है। यह कंपनी पावर और सोलर सेक्टर में ऑपरेशन, टेस्टिंग और सर्विस देती है। इश्यू का साइज ₹14.60 करोड़ है और 3,000 शेयर्स का मिनिमम लॉट रखा गया है। कंपनी की फाइनेंशियल्स में शानदार सुधार दिखा है।

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