क्या आपने कभी IC 814 की सच्ची कहानी के बारे में सोचा है? 1999 में हुई यह हिज़ाकत भारत की यादगार घटनाओं में से एक है। आज हम इस टैग पेज पर आपको हिज़ाकत से जुड़ी सभी जानकारी एक जगह देंगे – रिपोर्ट, नई खबरें और यादगार बातें। चाहे आप छात्र हों, यात्रा प्रेमी हों या बस जिज्ञासु, यहाँ आपको वो सब मिलेगा जो आप ढूँढ रहे हैं।
IC 814 24 पर 29 जुलाई 1999 को लंदन से इंदौर के रास्ते में काबुल में लैंड किया और उसके बाद हिज़ाकतकारों ने जहाज़ को बंधक बना लिया। इस हिज़ाकत में तीन यात्रियों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए। हिज़ाकतकारों की मांगों में भारत को क़िस्ती बहाल करने वाले तालिबानों को रिहा करना शामिल था। अंत में भारत सरकार ने उनके मांगे पूरा कर दिए, जिससे यह घटना विवादास्पद बनी।
जांच के बाद पता चला कि हिज़ाकत में कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मदद थी, और इससे सुरक्षा उपायों में बदलाव आया। हिज़ाकत की वजह से भारतीय एयरलाइनों ने सुरक्षा को कड़ी किया, जैसे बैग री-स्कैनिंग और उड़ान से पहले कड़ी पहचान प्रक्रिया।
कई मीडिया आउटलेट्स अब IC 814 के बारे में नई जानकारी ला रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि हिज़ाकत में शामिल कुछ लोग आज भी विदेश में रहते हैं और उनका ट्रैकिंग चल रहा है। साथ ही, सरकार ने 2024 में एक नया स्मारक बनाने की योजना की घोषणा की, जिससे इस घटना को याद किया जा सके।
यदि आप इस हिज़ाकत से जुड़ी डाक्यूमेंट्री देखना चाहते हैं, तो कई स्ट्रिमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर इस पर आधारित डॉक्युमेंट्री उपलब्ध है। ये डॉक्युमेंट्री हिज़ाकत के पीछे की राजनीति, सुरक्षा छूट और उन लोगों की कहानियों को दिखाती है जिन्होंने इस त्रासदी को झेला।
हिज़ाकत के बाद भारतीय एयरलाइन ने "सुरक्षा पहले" नारा अपनाया और अब हर उड़ान में दोहरी सुरक्षा जांच के साथ यात्रियों को सुरक्षित महसूस कराते हैं। इस बदलाव के कारण आज के दौर में ऐसे बड़े हिज़ाकत कम होते दिख रहे हैं।
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नेटफ्लिक्स ने प्रधान मंत्री द्वारा बुलाए गए बैठक में इस बात का आश्वासन दिया है कि वो कंधार हाईजैक पर बनाई गई वेब सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' में भारत की भावनाओं का आदर करेगा। इस वेब सीरीज में हिंदू नामों का उपयोग करने को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद यह मामला सरकार के समक्ष आया था।
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