मुंबई, भारत का वित्तीय दिल, सिर्फ व्यापार नहीं, कई बार हिंसा की वजह भी बन गया है। अगर आप इस शहर में रहने वाले हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो पिछले हमलों को जानना और नई सुरक्षा उपायों को समझना बेहद जरूरी है। यहां हम अतीत की बड़े हमलों को देखेंगे और देखेंगे कि अब क्या किया जा रहा है।
1993 का झड़प भरा बमबारी, 2008 का 26/11 का आतंकवादी हमला और 2011 की सूरत में हुई गाड़ी बम विस्फोट जैसे बड़े हादसे मुंबई को हमेशा याद दिलाते हैं कि शहर सुरक्षित नहीं है। इन घटनाओं में अक्सर सशस्त्र समूह, एटीएसए या लशकर इत्यादि शामिल रहे हैं। इन हमलों ने लाखों लोगों की ज़िन्दगी को बिखेर दिया और आर्थिक नुकसान भी पहुँचाया।
इन हमलों के बाद पुलिस, बलेस्ट्रांजी और केंद्रीय एजेंसियां एक साथ मिलकर नई रणनीतियां तैयार करने लगीं। उदाहरण के तौर पर, 2008 के बाद के कुछ महीनों में शहर के सभी इलाकों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए, तेज़ प्रतिक्रिया टीमों की संख्या बढ़ाई गई और एयरपोर्ट की सुरक्षा कड़ी की गई।
पिछले कुछ सालों में मुंबई में बड़े पैमाने पर कोई हमला नहीं हुआ, पर छोटी-छोटी धमकियों की संख्या बढ़ी है। 2024 में कुछ गुप्त सूचना के अनुसार, स्थानीय ग्रुप ने ट्रेन स्टेशनों में विस्फोटक डालने की योजना बनायी थी, लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। ऐसी बाधाएँ दिखाती हैं कि निगरानी में सुधार हुआ है।
अब सुरक्षा बलों ने ‘स्मार्ट सिटी’ पहल के तहत AI‑आधारित चेहरा पहचान, ड्रोन रिक्रूटमेंट और भीड़ नियंत्रण के लिए रीयल‑टाइम डेटा का उपयोग शुरू किया है। साथ ही, नागरिकों को भी सतर्क रहने के लिए मोबाइल ऐप द्वारा अलर्ट मिलते हैं, जिससे किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट की जा सके।
अगर आप मुंबई में हैं, तो इन छोटे सुझावों को अपनाएं:
उपरोक्त उपायों से आप न सिर्फ खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि पुलिस को भी मदद मिलती है। हर छोटा कदम बड़ा असर डालता है।
मुंबई के सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि आगे भी ‘डिजिटल फ़ोर्सेज़’ को बढ़ाया जाएगा, जिससे हर कोने में नजर रखी जा सके। इस बदलते माहौल में, नागरिक और सरकारी एजेंसियों का सहयोग ही सबसे प्रभावी हथियार है।
तो, चाहे आप मुंबई में रहते हों या यहाँ आए हों, सतर्क रहना, जानकारी रखें और सुरक्षा नियमों का पालन करें। यही सबसे आसान तरीका है हमें आतंक के ख़तरे से बचाने का।
मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमलों की 16वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर लोगों ने उन वीर योद्धाओं को याद किया जिन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया और आतंकी हमलों का सामना करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी मजबूत संघर्ष और खोए हुए प्रियजनों की स्मृति को संजोने का यादगार अवसर बन गया।
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