अगर आप क्रिकेट के दीवाने हैं तो शुबमन गिल का नाम जरूर सुनते होंगे। उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 में कई यादगार पारी खेली है और कई बार भारत का स्कोर बढ़ाया है। इस लेख में हम उनके करियर के मुख्य पलों, रिकॉर्ड और अभी की स्थिति पर नजर डालेंगे।
शुबमन ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू 2015 में किया, लेकिन असली पहचान 2018 में जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 133 रन बनाकर मिली। उस पारी में उनका साइड‑स्ट्राइकिंग और फटाफट चलना सभी को चकित कर गया। बाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 150+ रन की पूजा भी की, जिससे उन्होंने टेस्ट में अपना स्थायी स्थान बना लिया।
वो सिर्फ बड़ा स्कोर नहीं बनाते, बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी टिकते हैं। भारत के कई कठिन ट्रैक पर उनका औसत 45 से ऊपर रहता है, जो कई बड़े नामों के बराबर है। उनका सबसे यादगार क्षण 2022 में जब उन्होंने विश्व कप के क्वालिफ़ायर्स में 87* बना कर भारत को जीत दिलाई। उस पारी में उनका हर शॉट टाइम पर था, और टीम ने बहुत बड़ा लक्ष्य हासिल किया।
ब्रायन लारा ने भी शुबमन की तारीफ की है, उन्होंने कहा कि लारा की 400 रनों की पारी को तोड़ने के लिए केवल यशस्वी जायसवाल और शुबमन जैसे खिलाड़ी ही सक्षम हो सकते हैं। यह सम्मान शुबमन के लिए बड़ा मार्गदर्शन है और दर्शाता है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितने सम्मानित हैं।
2025 की शुरुआत में शुबमन कई घरेलू मैचों में फॉर्म में दिख रहे हैं। उनका हाल का प्रदर्शन IPL में टीम को तेज़ रन.MakeRight दिलाने में मददगार रहा। कई विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर शुबमन अपने फिटनेस और तकनीक पर ध्यान दें तो वह भारतीय टीम में लंबे समय तक टॉप ऑर्डर में रह सकते हैं।
आने वाले महीनों में भारत के टूर पर शुबमन को फिर से देखना संभव है, खासकर इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड की पिचों पर जहाँ उनका साइड‑स्ट्राइकिंग प्ले बहुत असरदार रहता है। युवा बल्लेबाजों के लिए उनका तरीका सीखना आसान है: सही टाइमिंग, क़ीमती शॉट्स और लगातार अभ्यास।
अगर आप शुबमन की नई खबरें या उनके अगले मैच की तारीखें देखना चाहते हैं, तो यहाँ नियमित रूप से अपडेट मिलेंगे। जाँचते रहें और शुबमन की पारी का मज़ा लेते रहें – क्योंकि वह हमेशा नया रिकॉर्ड बनाने की कोशिश में रहता है।
भारत और जिम्बाब्वे के बीच पहला T20I मैच हारारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला गया। भारतीय कप्तान शुबमन गिल ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी का निर्णय लिया। जिम्बाब्वे की टीम ने 115 रन बनाए और 13 रनों से मैच जीता। रवि बिश्नोई ने चार विकेट लिए। भारतीय टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया था।
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