तुंगभद्रा बांध – सभी जरूरी जानकारी

अगर आप बिहार में यात्रा की योजना बना रहे हैं तो तुंगभद्रा बांध को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें। यह बांध न सिर्फ जलसंधारण का काम करता है, बल्कि आसपास के गाँवों को सिंचाई, बिजली और रोजगार भी देता है। इस लेख में हम बांध की कहानी, इसके फायदों और यात्रा के टिप्स को सरल भाषा में समझेंगे।

इतिहास और निर्माण

तुंगभद्रा बांध का निर्माण 1970 के दशक में शुरू हुआ था। सरकार ने इस प्रोजेक्ट को जल संकट का समाधान बनाकर शुरू किया। मुख्य उद्देश्य था नदियों से पानी इकट्ठा करके खेतों को सिंचाई देना और छोटे‑मोटे गांवों को बिजली सप्लाई करना। लगभग 12 साल में यह पूरी तरह से तैयार हो गया और 1983 में आधिकारिक रूप से खोल दिया गया।

बांध की ऊँचाई लगभग 45 मीटर है और इसका जलधारिता 170 मिलियन क्यूबिक मीटर है। निर्माण में स्थानीय मजदूरों ने बड़ी मेहनत की, इसलिए आज भी लोग इस परियोजना को अपना गर्व समझते हैं।

मुख्य लाभ और पर्यटन

बांध के पानी से आसपास के 10,000 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई मिलती है, जिससे किसान की आय बढ़ती है। साथ ही यह बांध छोटा जलविद्युत स्टेशन भी चलाता है, जो करीब 9 मेगावॉट बिजली गांवों तक पहुंचाता है। इस बिजली से स्कूल, अस्पताल और घरों में रोशनी बनी रहती है।

पर्यटकों के लिये भी तुंगभद्रा बांध एक अच्छी जगह है। यहाँ आप सुबह के समय सूर्योदय की रोशनी देख सकते हैं, नाविंग या फिशिंग कर सकते हैं, और आसपास के खुले मैदान में पिकनिक मज़े ले सकते हैं। छतों पर लगे छोटे‑छोटे मंदिर और धूप के किलों का दृश्य बहुत ख़ास है।

अगर आप फोटोग्राफी पसंद करते हैं, तो बांध के चारों ओर के हरियाली और जलधारा का नज़ारा एपिक शॉट्स देने में मदद करेगा। बस, मौसम की खबर देख लेना, क्योंकि मॉनसून में जलस्तर बढ़ जाता है और कुछ इलाकों में पनिशन कर सकता है।

यात्रा की योजना बनाते समय सबसे आसान तरीका है रैछा या बगड़िशा ट्रेन स्टेशन से टैक्सी या लोकल बस लेना। दूरी लगभग 35 किलोमीटर है, और सड़कें अच्छी हैं। खाने‑पीने की चीज़ें यहाँ के स्थानीय बाजार से मिल जाती हैं, जहाँ आप लिट्टी‑चोखा या दलहर की रोटी का स्वाद ले सकते हैं।

सुरक्षा के लिहाज़ से ध्यान रखें: बांध के पास चलने वाले रास्ते पर संकेत दिखते हैं, उन्हें जरूर पढ़ें। बच्चों को पानी के किनारे खेलने से बचाएं और देर रात में दूर न जायें।

तो, अब जब आप तुंगभद्रा बांध के बारे में सारी जानकारी ले चुके हैं, तो इसे अपनी अगली यात्रा में शामिल करना मत भूलिए। बिजली, पानी और सुंदर नज़ारे एक ही जगह मिलेंगे, जो आपके दिल को छू जाएगा।

तुंगभद्रा बांध में गेट टूटने से भारी जल प्रवाह, नागरिकों में चिंता

आंध्र प्रदेश के तुंगभद्रा बांध में एक गंभीर घटना हुई जब बांध के एक गेट की श्रृंखला टूट गई, जिससे अचानक और भारी जल प्रवाह हुआ। इससे निचले इलाकों में चिंता बढ़ गई। मुख्यमंत्री चेन्नाबाबू नायडू ने तुरंत स्थिति की समीक्षा की और संभावित नुकसान या खतरे को कम करने के लिए उपाय लागू किए। अधिकारी स्थिति को स्थिर करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर काम कर रहे हैं।

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