अगर आप यूपी के राजनीति में रुचि रखते हैं तो सबसे पहले जानना जरूरी है कि विधानसभा कैसे काम करती है। यह राज्य की विधायी शाखा है जहाँ कानून बनाए जाते हैं, बजट पर चर्चा होती है और सरकार के काम की जाँच की जाती है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सदस्य होते हैं। इनको आमतौर पर विधायक कहा जाता है। हर विधायक एक-एक निर्वाचन क्षेत्र (सेडेट) से चुना जाता है और उनका कार्यकाल पाँच साल का होता है, जब तक कि चुनाव नहीं हो जाता।
विधानसभा का प्रमुख व्यक्ति मुख्य मंत्री (मुख्य मंत्री) होता है, जो बहुसंख्यक पार्टी या गठबंधन के नेता होते हैं। उनका मददगार मुख्य सचिव और अन्य मंत्री होते हैं जो विभिन्न विभागों की देखरेख करते हैं।
विधानसभा के मुख्य काम तीन हैं – कानून बनाना, बजट को मंजूरी देना और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करना। हर साल बजट पर चर्चा होती है, जहाँ वित्त संबंधित मुद्दों पर सवाल पूछे जाते हैं और खर्चे की मंजूरी दी जाती है।
किसी भी प्रस्ताव को कानून बनाने के लिये दो बार बहुमत में पास होना पड़ता है – पहला ‘बिल’ के रूप में और फिर उसे ‘ऐक्ट’ बनाना। अगर सरकार के खिलाफ असंतोष है तो विपक्ष ‘नो‑ट्रस्ट’ मूव्डमेंट कर सकता है, जिससे सरकार को इस्तीफा देना पड़ सकता है।
विधान सभा में विभिन्न समितियाँ भी बनायी जाती हैं – जैसे वित्त समिति, सार्वजनिक कार्य समिति आदि। इन कमिटी का काम विशिष्ट मुद्दों की गहराई से जाँच करना और सरकार को सुझाव देना है।
नवीनतम चुनाव परिणामों की बात करें तो 2022 के चुनाव में बीजेपी ने 255 सीटें जीतीं, जिससे वह बहुमत बन गई। अगला चुनाव 2027 में निर्धारित है, इसलिए अब से पार्टी‑प्लानिंग, उम्मीदवार चयन और मतदाता जागरूकता पर ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
अगर आप विधानसभा से जुड़ी खबरें या लाइव अपडेट चाहते हैं तो राज्य की आधिकारिक वेबसाइट या प्रमुख समाचार पोर्टल पर जा सकते हैं। यहाँ आपको सत्र की शुरूआत‑समाप्ति, प्रश्नकाल, बिल पास होने की जानकारी मिल जाएगी।
समझना इतना ही है – विधानसभा वह जगह है जहाँ आपके क्षेत्र की आवाज़ सीधे नियम‑क़ानून में बदलती है। इसलिए जब भी चुनाव हो, अपने मत को समझदारी से प्रयोग करें, क्योंकि वही आपके भविष्य को तय करता है।
समाजवादी पार्टी ने माता प्रसाद पांडे को उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया है। यह निर्णय अखिलेश यादव के करहल सीट से इस्तीफे के बाद लिया गया। पांडे सात बार विधायक रह चुके हैं और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी हैं। पार्टी की बैठक में कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक और राकेश कुमार वर्मा को उप-सचेतक बनाया गया।
विवरण +