Unimech Aerospace और मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड का आईपीओ भारतीय स्टॉक मार्केट में सुर्खियों में है। जब कंपनी ने 31 दिसंबर, 2024 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्टिंग की, तो उनके शेयरों की कीमत ने सभी को चौंका दिया। BSE पर 90% और NSE पर 85.99% प्रीमियम की शानदार शुरुआत को देखते हुए कौन इस कंपनियों की सफलता की बात न करे? यह आईपीओ December 23 से December 26 तक सब्स्क्रिप्शन के लिए ओपन था और इसे निवेशकों से भारी प्रतिक्रिया मिली।
Unimech Aerospace के आईपीओ को निवेशकों से इतना बढ़िया प्रतिक्रिया मिली कि यह 175.31 गुना सब्स्क्राइब हो गया। खुदरा निवेशकों ने 56.74 गुना सब्स्क्राइब किया जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों ने इसे 263.78 गुना और योग्य संस्थागत खरीदारों ने 317.63 गुना सब्स्क्राइब किया। यह आंकड़े दिखाते हैं कि कैसे इस कंपनी ने निवेशकों की उच्च रुचि को आकर्षित किया।
इस IPO से जो पूंजी जमा हुई है, उसका उपयोग Unimech Aerospace अपनी विस्तार योजनाओं के लिए करने जा रही है। कंपनी ने घोषणा की है कि वे इन फंड्स से नए मशीनरी और उपकरणों की खरीददारी करेंगे। इस विस्तारात्मक योजना का लक्ष्य कंपनी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है और इससे उनके कारोबार में नए अवसर बनने की उम्मीद है। इसके साथ ही, वे अपनी सहायक कंपनियों के लिए भी नए मशीनरी और उपकरण हेतु निवेश करेंगी।
Unimech Aerospace ने अपनी कुछ कर्जों को चुकाने के लिए भी इस फंड का उपयोग करने की योजना बनाई है। इससे कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में अग्रसर होगी। इस प्रकार, नए उपकरणों की खरीद और कर्जों की चुकौती जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से Unimech Aerospace अपनी मार्केट स्थिति को मजबूत कर रहा है।
इस आईपीओ का आयोजन Anand Rathi Securities और Equirus Capital ने किया, जो इस पूरी प्रक्रिया के योजना और क्रियान्वयन के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर रहे। Kfin Technologies ने इस इश्यू के लिए रजिस्ट्रार के रूप में काम किया। यह देखा जा सकता है कि Unimech Aerospace की यह सफलता ऊँची उड़ान भरने का एक कदम हो सकती है, क्योंकि कंपनी ने निवेशकों के दिलों में अपनी जगह मजबूत कर ली है।
दोनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह कंपनी अपनी उच्च गुणवत्ता वाली इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करती है, जो उनके उद्योग में उच्च मांग में हैं। इस प्रकार की सफलता से वे न सिर्फ अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाएंगे, बल्कि भारतीय हाई-प्रिसीजन इंजीनियरिंग सेक्टर में भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे।
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