US Open 2025: 45 की उम्र में Venus Williams पहली ही राउंड में बाहर, करोलिना मुचोवा ने तीन सेट में रोकी राह

US Open 2025: 45 की उम्र में Venus Williams पहली ही राउंड में बाहर, करोलिना मुचोवा ने तीन सेट में रोकी राह

आर्थर एश में वापसी, पर जीत नहीं आई

आर्थर एश स्टेडियम की रोशनी, सोमवार रात की भीड़ और 45 की उम्र में कोर्ट पर लौटीं Venus Williams—कहानी में सब कुछ था, बस स्कोरलाइन उनके पक्ष में नहीं गई। 11वीं वरीयता प्राप्त करोलिना मुचोवा ने पहले दौर में उन्हें 6-3, 2-6, 6-1 से हराया। ठीक दो घंटे चले इस मुकाबले ने दिखा दिया कि जज्बा अब भी वही है, पर टॉप-10 के आस-पास टिके खिलाड़ियों के खिलाफ हर पॉइंट पर सटीकता चाहिए।

वीनस ने शुरुआत में सर्विस से लय पकड़ने की कोशिश की, पर पहले सेट में मुचोवा ने रिटर्न गेम में लगातार प्रेशर बनाया। 6-3 से सेट गया और लगा कि मैच वन-वे हो सकता है। लेकिन दूसरे सेट में तस्वीर बदली। वीनस ने बेसलाइन से स्ट्रेट-हिटिंग बढ़ाई, शुरुआती रिटर्न को भीतर रखा और छोटी गेंद मिलते ही फोरहैंड से विनर निकाले। 6-2 से सेट उनके नाम हुआ तो स्टेडियम खड़ा होकर तालियां बजा रहा था।

निर्णायक सेट में फर्क फिटनेस और रैली-मैनेजमेंट ने बनाया। मुचोवा ने टेंपो गिराया, स्लाइस और ड्रॉप का इस्तेमाल किया और नेट पर आकर पॉइंट छोटे रखे। वीनस की अनफोर्स्ड गलतियां बढ़ीं, दूसरी सर्व पर दबाव दिखा और 6-1 से सेट निकल गया। बड़े मैच अक्सर छोटे-छोटे मोमेंट्स से तय होते हैं—तीसरे सेट के शुरुआती दो गेम वही मोमेंट्स थे, जो चेक स्टार अपने नाम कर ले गईं।

ये वीनस की न्यूयॉर्क में लगातार चौथी पहली राउंड की हार रही। खास बात यह भी रही कि यह उनकी 25वीं यूएस ओपन उपस्थिति थी और करियर का 1100वां सिंगल्स मैच। 1981 के बाद यूएस ओपन में इतनी उम्र में किसी सिंगल्स खिलाड़ी की मौजूदगी नहीं दिखी थी—ये अपने-आप में इतिहास है।

बड़ी तस्वीर: उम्र, फॉर्म, और न्यूयॉर्क की धड़कन

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दो साल बाद ग्रैंड स्लैम में उतरना, वह भी 45 पर—यह केवल फिटनेस का नहीं, कैलेंडर मैनेजमेंट, रिकवरी साइंस और मानसिक ताकत का भी सवाल है। वीनस ने दूसरे सेट की जिस तरह की टेनिस खेली, वह बताती है कि हथियार अभी भी तेज हैं: फ्लैट स्ट्रोक्स, लाइन्स पर शॉट और नेट पर भरोसा। फर्क बस लगातारता का है। 2019 के बाद से दो मैच लगातार जीतना उनके लिए मुश्किल रहा है—यानी शरीर और मैच-रिदम के बीच वह महीन गैप, जिसे भरना सबसे कठिन होता है।

करोलिना मुचोवा की बात करें तो वह ऑल-कोर्ट टेनिस की मिसाल हैं। बैकहैंड स्लाइस से पेस काटना, अगली गेंद पर अचानक नेट-रश और डीप कॉर्नर में एंगल—यह मिश्रण बड़े स्टेडियमों में विरोधी को अस्थिर करता है। नाइट सेशन में बॉल की उड़ान, भीड़ की ऊर्जा और शुरुआती ब्रेक—इन्हीं फैक्टर्स ने तीसरे सेट में मुचोवा को एकतरफा बढ़त दी।

मैच से पहले चर्चा थी—वीनस की सर्विस स्पीड क्या रहेगी, मूवमेंट कितना टिकेगा, और क्या वह लंबे रैलियों में जोखिम लेंगी। जवाब मिला: दूसरे सेट में सर्विस लोकेशन सटीक थीं, रिटर्न डीप रहे और रैलियों में पहल उनकी तरफ रही। लेकिन तीसरे सेट में यही फार्मूला बार-बार नहीं चल पाया। टूर लेवल पर यही असली चुनौती है—एक ही दिन में, एक ही मैच में, तीसरी बार वही स्तर निकालना।

स्टैंड्स में माहौल बार-बार याद दिला रहा था कि यह सिर्फ एक मैच नहीं, एक विरासत की झलक है। 2000 और 2001 में यूएस ओपन जीतने वाली वीनस के नाम 7 सिंगल्स ग्रैंड स्लैम हैं। डबल्स में उनके मेडल, बड़ी रातों के अनगिनत पल और नई पीढ़ी के लिए रास्ता—सब साथ चल रहे थे। इसीलिए हार के बाद भी तालियां लंबी चलीं।

टूर्नामेंट की टाइमलाइन भी ध्यान खींचती है—US Open 2025, 18 अगस्त से 7 सितंबर तक चल रहा है। न्यूयॉर्क सिटी के लिए यह महज़ स्पोर्ट्स इवेंट नहीं, एक विशाल आर्थिक इंजन है। अनुमानित 1.2 बिलियन डॉलर का आर्थिक प्रभाव—जो यांकीज़ और मेट्स के संयुक्त असर से भी अधिक बताया जाता है—मिडटाउन के होटलों से लेकर क्वींस के छोटे रेस्टोरेंट तक सबको जीवन देता है। भीड़, यात्रा, मर्चेंडाइज़, ब्रॉडकास्ट—हर कड़ी शहर को नई धड़कन देती है।

खिलाड़ियों के लिहाज से भी यूएस ओपन अलग है। यहां शोर ज्यादा है, हवा का रुख रात-ब-दिन बदलता है, और बड़े कोर्ट पर टाइमिंग बैठाने में समय लगता है। अनुभवी खिलाड़ी आमतौर पर इन हालातों को पढ़ लेते हैं, पर उम्र बढ़ने के साथ रिकवरी का विंडो छोटा होता जाता है। बैक-टू-बैक हाई-इंटेंसिटी सेट्स में एक्सप्लोसिव मूवमेंट बनाए रखना आसान नहीं होता—वीनस के खेल में यही हिस्सा तीसरे सेट में फिसला।

आगे क्या? शेड्यूलिंग और हेल्थ पर निर्भर करेगा कि वह बाकी सीज़न में कितना खेलती हैं। वाइल्ड कार्ड एंट्रीज़, सीमित टूर्नामेंट और छोटे-छोटे टारगेट—यही उनकी रणनीति रही है। बड़े मंच पर एक-दो राउंड की मजबूत रन उनके लिए आत्मविश्वास और रैंकिंग-पॉइंट्स दोनों ला सकती है। और सच कहें तो, वीनस जैसे नाम के लिए हर मैच एक मेंटर-सेशन भी है—स्टैंड्स में बैठे जूनियर खिलाड़ियों के लिए, और टीवी पर देख रहे उन तमाम लोगों के लिए जो खेल को उम्र से ऊपर मानते हैं।

मुचोवा के लिए यह जीत सिर्फ दूसरे दौर का टिकट नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की सीढ़ी है। ऐसी जीतें ड्रा के भीतर धार बनाती हैं। वह जब कोर्ट पर वापस लौटेंगी, उनके पास ताज़ा फुटेज, स्पष्ट प्लान और एक बड़ी रात का अनुभव होगा—जिनसे अगले मैच में शुरुआती पांच-छह गेम की दिशा तय होती है।

और वीनस? न्यूयॉर्क में यह उनकी चौथी लगातार पहली राउंड की हार सही, पर हर बार वह किसी न किसी नए संदर्भ के साथ लौटती हैं—कभी चोट के बाद, कभी ब्रेक के बाद, कभी नए कोचिंग इनपुट के साथ। इस बार संदर्भ उम्र का था। वह सेट जीतकर गई हैं, भीड़ जीतकर गई हैं, और सबसे बढ़कर यह साबित करके गई हैं कि कमबैक सिर्फ ट्रॉफियों से नहीं मापा जाता, बल्कि उस रास्ते से भी जिसे तय करने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती।

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