वर्ष 2024 में प्रस्तुत किया गया वक्फ संशोधन विधेयक, वक्फ अधिनियम 1995 में महत्वपूर्ण सुधारों का प्रस्ताव करता है। इस नए विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अवैध कब्जे को हटाने की प्रक्रियाओं को प्रभावी और पारदर्शी बनाना है। इसके अलावा, यह विधेयक वक्फ बोर्डों के कार्यकलापों और शक्तियों को स्पष्ट करना चाहता है और इसमें विभिन्न मुस्लिम समुदायों के प्रतिनिधित्व की भी व्यवस्था की गई है।
विधेयक में वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण की नई प्रणाली का प्रस्ताव किया गया है। अब वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण को एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से किया जाएगा, जिससे प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और आसानी आएगी।
अवैध कब्जों को हटाने के लिए विधेयक में सख्त प्रावधान किए गए हैं। जिला कलेक्टर यह निर्णय करेगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी जमीन। इससे विवादों का निपटारा तेजी से हो सकेगा।
विधेयक में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व की बात भी शामिल की गई है। इससे वक्फ बोर्ड में समावेशिता और निष्पक्षता की भावना बनेगी।
विधेयक में 'वक्फ' की नई परिभाषा दी गई है, जिसमें वक्फ को धार्मिक या परोपकारी प्रयोजनों के लिए समर्पित संपत्ति माना गया है, जिसे कोई संपत्ति मालिक मुस्लिम धारण करता है।
वक्फ-अल-वालद बनाने की प्रक्रिया भी विधेयक में शामिल की गई है, जिसके माध्यम से महिलाओं के उत्तराधिकारी अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा।
वक्फ बोर्ड में अब शिया, सुन्नी, बोहरा, आगा खानी और पिछड़ी वर्गों के प्रतिनिधि होंगे, जिससे विविधता और प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
विधेयक में प्रत्येक वक्फ संपत्ति की देखरेख, लेखा को बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने और एक केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से इसे दर्ज करने के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।
यह विधेयक कई राजनीतिक दलों के विरोध का सामना कर रहा है, जैसे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और एनसीपी। उनका कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और मुसलमानों को निशाना बनाता है। यह आरोप भी लगाए गए हैं कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड की स्वतंत्रता को कम करेगा और सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ाएगा।
हालांकि, सरकार का कहना है कि यह विधेयक गरीब मुसलमानों और मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से बनाया गया है और इसमें पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है।
वक्फ संपत्तियों की संख्या लाखों में है और वे बड़ी संख्या में धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग की जाती हैं। इनमें से कई संपत्तियों पर अवैध कब्जे हैं, जिन्हें हटाना वक्फ बोर्डों के लिए एक बड़ी चुनौती है।
वर्तमान में वक्फ बोर्ड में महिला और गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व नहीं है, जो नए विधेयक में शामिल किया जाएगा। इससे बोर्ड की कार्यप्रणाली में विविधता और समावेशिता बढ़ेगी।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पंजीकरण और सर्वेक्षण की प्रक्रियाओं में सुधार लाने का एक प्रमुख प्रयास है। इसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व को भी शामिल किया गया है, जिससे समावेशिता और पारदर्शिता बढ़ाई जा सके। हालांकि, विधेयक के खिलाफ राजनीतिक दलों का विरोध भी जोर पकड़ रहा है, जिसे सरकार को संबोधित करना होगा।
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