वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को 2024 के बजट प्रस्तुति के दौरान शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में भारी वृद्धि की घोषणा की। यह घोषणा निवेशकों के लिए बड़े बदलाव के रूप में आई और इसके तुरंत बाद बाजार में बड़ी हलचल दिखी।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) जो पहले 15% था, उसे बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। यह वृद्धि मुख्य रूप से असेट्स जैसे स्टॉक्स, बांड्स और अन्य वित्तीय साधनों पर लागू होगी। इसका सीधा असर उन निवेशकों पर पड़ेगा जो कम समय के अंदर मुनाफा कमाना चाहते हैं।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) पर भी वित्त मंत्री ने बड़ी घोषणा की। अब सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्तियों के लिए यह टैक्स 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। हालांकि, यह निवेशकों के लिए एग्जंप्शन लिमिट भी बढ़ाकर 1 लाख रुपये से 1.25 लाख रुपये कर दी गई है।
इसका मतलब यह है कि यदि आपकी लंबी अवधि की निवेश प्रति वर्ष 1.25 लाख रुपये से कम है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन अगर आप इससे अधिक मुनाफा कमाते हैं, तो नई दरें लागू होंगी।
लिस्टेड वित्तीय संपत्तियों को एक वर्ष से अधिक रखने पर लॉन्ग टर्म माना जाएगा, जबकि अनलिस्टेड वित्तीय संपत्तियों और सभी गैर-वित्तीय संपत्तियों के लिए होल्डिंग पीरियड दो वर्ष से अधिक होना चाहिए।
इसके साथ ही, अनलिस्टेड बॉन्ड्स और डिबेंचर्स, डेट म्यूचुअल फंड्स, और मार्केट-लिंक्ड डिबेंचर्स पर भी लागू टैक्स दरों के अनुसार कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
सेक्यूरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) पर भी नए बदलाव किए गए हैं। अब एक ऑप्शन की बिक्री पर STT 0.0625% से बढ़ाकर 0.1% कर दिया गया है। इसके अलावा, फ्यूचर्स की बिक्री पर STT 0.0125% से बढ़ाकर 0.02% कर दिया गया है।
इन सभी घोषणाओं का बाजार पर त्वरित और नकारात्मक प्रभाव पड़ा। घोषणा के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 1% से अधिक की गिरावट आई। निवेशकों के पास इस समय संशय और अस्थिरता के संकेत हैं, और वे वित्त मंत्री की इन नई नीतियों का क्या प्रभाव होगा, इसको लेकर चिंतित हैं।
कुल मिलाकर, इन नए टैक्स दरों और शर्तों का प्रभाव व्यापक होगा और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वित्तीय बाजार और निवेशक कैसे इनसे निपटते हैं। इस बदलाव ने न केवल बाजार को हिला कर रख दिया है, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।
Preyash Pandya
24 07 24 / 19:58 अपराह्नये सरकार तो हर बार निवेशकों के जेब से पैसे निकालने का नया तरीका ढूंढ रही है 😤 अब तो शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखकर दिल दहल जाता है। जिसने भी ये बजट बनाया, उसकी नौकरी चली जाए बस!
Raghav Suri
25 07 24 / 10:18 पूर्वाह्नमैंने तो सोचा था कि ये बजट थोड़ा लोगों के लिए होगा लेकिन देखो क्या हुआ... छोटे निवेशकों को टैक्स के बोझ तले दबा दिया गया। अगर ये रुझान जारी रहा तो लोग शेयर बाजार से हट जाएंगे और फिर कौन बाजार को ऊपर उठाएगा? 😔
Priyanka R
25 07 24 / 17:03 अपराह्नये सब एक बड़ी साजिश है... जानबूझकर छोटे निवेशकों को डरा कर बाजार से बाहर करने की योजना है। फिर बड़े निवेशक और विदेशी फंड्स आकर सस्ते में खरीद लेंगे। ये सब एक राष्ट्रीय धोखा है 🤫
Rakesh Varpe
26 07 24 / 00:53 पूर्वाह्नSTCG 20% हो गया है और LTCG 12.5% हो गया है। एग्जंप्शन लिमिट 1.25 लाख है। ये बदलाव स्पष्ट हैं।
Girish Sarda
27 07 24 / 11:30 पूर्वाह्नमुझे लगता है कि ये बदलाव थोड़ा जल्दी ही लग गए लेकिन शायद सरकार को राजस्व बढ़ाने की जरूरत थी। अगर हम लंबे समय तक निवेश करें तो अभी भी ये बेहतर है कि निवेश न करें
Garv Saxena
29 07 24 / 03:02 पूर्वाह्नअरे भाई, जब तक हम अपनी आय को टैक्स के नाम पर बांटने वाले लोगों के हाथ में नहीं छोड़ेंगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। बाजार नहीं, हमारी सोच बदलनी होगी। एक लाख बार सोचो कि क्यों हम अपने पैसे को देश के लिए नहीं बल्कि अपने लिए बचाते हैं। 🤔
Rajesh Khanna
30 07 24 / 02:13 पूर्वाह्नहालांकि ये बदलाव थोड़ा चिंताजनक है, लेकिन अगर हम लंबे समय तक निवेश करते हैं तो ये अभी भी अच्छा विकल्प है। बाजार गिरा तो गिरा, लेकिन अच्छे शेयर अभी भी अच्छे हैं। धैर्य रखो और आगे बढ़ो 💪
Sinu Borah
1 08 24 / 01:07 पूर्वाह्नअरे यार, ये बदलाव तो हर साल होता ही है। पहले 10% था, फिर 15%, अब 12.5%... अब तो लगता है जैसे बाजार को टैक्स के लिए बनाया गया है। लेकिन फिर भी लोग निवेश करते रहते हैं क्योंकि दूसरा कुछ नहीं है।
Sujit Yadav
1 08 24 / 15:14 अपराह्नये टैक्स वृद्धि बिल्कुल उचित है। अगर आपके पास लंबी अवधि के निवेश से 1.25 लाख रुपये से अधिक का लाभ है, तो आप वास्तव में अमीर हैं। अमीरों से अधिक टैक्स लेना ही न्याय है। आपके जैसे लोग जिनके पास कोई आर्थिक समझ नहीं है, वे इसे अनुचित कहते हैं।
Kairavi Behera
3 08 24 / 00:21 पूर्वाह्नअगर आपको लगता है कि टैक्स ज्यादा है तो आप इसे अपने निवेश की रणनीति में शामिल कर लीजिए। जैसे कि एलटीसीजी के लिए 1.25 लाख का लाभ आप एक साल में नहीं कमाएं, बल्कि दो साल में बांट दें। ये बहुत आसान है।
Aakash Parekh
4 08 24 / 21:03 अपराह्नबस एक बात कहूं... इस बजट के बाद तो बाजार गिरा और मैंने अपना अकाउंट बंद कर दिया। अब तो बस बैंक डिपॉजिट में पैसा रख रहा हूं।
Sagar Bhagwat
4 08 24 / 23:20 अपराह्नये टैक्स बढ़ाना तो बहुत आम बात है, लेकिन अगर आप लंबे समय तक निवेश करते हैं तो अभी भी ये अच्छा है। और अगर आपको लगता है कि बाजार गिर गया तो शायद ये एक अच्छा मौका है कि आप अच्छे शेयर खरीद लें।
Jitender Rautela
5 08 24 / 22:47 अपराह्नतुम लोग बस रो रहे हो कि टैक्स बढ़ गया... लेकिन तुमने कभी सोचा है कि ये पैसा कहां जा रहा है? इसके बिना रास्ते, स्कूल, अस्पताल कैसे बनेंगे? तुम अपने लाभ के बारे में सोच रहे हो, देश के बारे में नहीं।
abhishek sharma
7 08 24 / 18:35 अपराह्नमैंने तो ये बदलाव देखकर सोचा कि शायद ये बजट किसी बड़े फंड के लिए बनाया गया है। छोटे निवेशक तो बस बलि के लिए तैयार हैं। ये सब एक बड़ा खेल है... और हम सब उसके खिलाड़ी हैं।
Surender Sharma
9 08 24 / 10:42 पूर्वाह्नsarkar ne phir se tax badha diya... ab toh bas bank me rakh do paise, share market se door rehna chahiye. ye sab fake hai.
Divya Tiwari
10 08 24 / 04:24 पूर्वाह्नइस बजट का असली उद्देश्य ये है कि देश के निवेशकों को अपने ही देश के बाजार से भगा दिया जाए। फिर विदेशी निवेशक आकर अपनी लूट शुरू कर देंगे। ये एक राष्ट्रीय षड़यंत्र है। 🇮🇳🔥
shubham rai
11 08 24 / 14:43 अपराह्नबस एक बात... अब तो मैंने अपना अकाउंट बंद कर दिया। बाजार गिरा तो गिरा, मैंने तो बस एक बार देखा था। 😑
Nadia Maya
11 08 24 / 23:07 अपराह्नयह बदलाव निश्चित रूप से अमीरों के लिए बेहतर है। लेकिन जब तक हम अपनी आय को बाजार के बजाय रियल एसेट्स में निवेश नहीं करेंगे, तब तक हम इस खेल में हमेशा हारेंगे। ये टैक्स बदलाव एक अच्छा संकेत है कि हमें अपनी रणनीति बदलने की जरूरत है।