भारत की प्रमुख लौह और स्टील कंपनी, व्रज आयरन और स्टील ने हाल ही में अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) में भारी सब्सक्रिप्शन प्राप्त किया है। कंपनी के 171 करोड़ रुपये के इस शेयर प्रस्ताव को निवेशकों ने हाथों-हाथ लिया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के अनुसार, 613,846 शेयरों की उपलब्धता के मुकाबले 73 मिलियन शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं।
इस आईपीओ को सफल बनाने में संस्थागत निवेशकों की अहम भूमिका रही। गैर-संस्थागत निवेशकों ने अपने कोटा को 208.81 गुना सब्सक्राइब किया, जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) ने 163.90 गुना और रिटेल व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) ने 54.93 गुना सब्सक्राइब किया।
आईपीओ के लॉन्च से पहले, व्रज आयरन और स्टील ने एंकर निवेशकों से 51 करोड़ रुपये जुटाए। इस प्रस्ताव के तहत केवल नए इक्विटी शेयर शामिल थे, जबकि बिक्री प्रस्ताव का कोई हिस्सा नहीं था।
आईपीओ से जुटाई गई धनराशि का उपयोग कंपनी की विस्तार परियोजनाओं और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट गतिविधियों के लिए किया जाएगा। खासतौर पर, इस राशि का उपयोग छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर संयंत्र में कंपनी के विस्तार के लिए किया जाएगा।
व्रज आयरन और स्टील का मुख्यालय रायपुर में है और यह स्पंज आयरन, एमएस बिलेट्स, और टीएमटी बार्स के उत्पादन में विशेषज्ञता रखती है। कंपनी के उत्पादन संयंत्र रायपुर और बिलासपुर में स्थित हैं।
शेयरों की लिस्टिंग एनएसई और बीएसई पर की जाएगी। बुक रनिंग के लिए आर्य मन फाइनेंशियल सर्विसेज को प्रबंधक नियुक्त किया गया और बिगशेयर सर्विसेज को आईपीओ का रजिस्ट्रार बनाया गया है।
इस सफल आईपीओ के माध्यम से, व्रज आयरन और स्टील ने निवेशकों का विश्वास जीता है और अपनी विस्तार योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक समर्थन प्राप्त किया है।
Prachi Doshi
29 06 24 / 05:48 पूर्वाह्नबहुत अच्छा हुआ 😊
Raghav Suri
1 07 24 / 01:08 पूर्वाह्नइस आईपीओ का सफल होना सिर्फ एक बड़ी कंपनी के लिए नहीं, बल्कि छोटे निवेशकों के लिए भी एक बड़ी जीत है। भारत के लौह और स्टील सेक्टर में इतनी मांग देखकर लगता है कि हमारी आंतरिक उत्पादन क्षमता असल में बढ़ रही है। बिलासपुर के संयंत्र का विस्तार न सिर्फ रोजगार बढ़ाएगा, बल्कि आयात पर निर्भरता कम भी करेगा। अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो अगले पांच साल में भारत एशिया का सबसे बड़ा स्टील निर्माता बन सकता है।
mohit SINGH
2 07 24 / 05:25 पूर्वाह्नअरे यार ये सब फेक है। ये कंपनी अपने डेटा को झूठ बना रही है। इतनी सब्सक्रिप्शन? बस बड़े फंड्स ने खुद को फ्रेंडली दिखाने के लिए बोली लगाई है। असल में ये शेयर 3 महीने में 40% गिर जाएंगे।
kalpana chauhan
3 07 24 / 22:44 अपराह्नबहुत खुशी हुई! 🙌 भारतीय छोटे निवेशकों ने अपनी बचत इस देश की कंपनी में लगाई है - ये असली देशभक्ति है। क्यूआईबी ने भी इतना भरपूर निवेश किया, तो अब ये कंपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नाम कमाएगी। बिलासपुर के लोगों के लिए तो ये बड़ी खुशखबरी है! 💪
Sujit Yadav
5 07 24 / 03:59 पूर्वाह्नइतनी भारी सब्सक्रिप्शन? ये सब बस एक बुलशिट बाजार का नतीजा है। लोग अभी भी एक ऐसी कंपनी में निवेश कर रहे हैं जिसका फंडमेंटल्स नहीं जानते। ये आईपीओ नहीं, ये एक नए तरह का लूट है। जो लोग इसमें उतरे हैं, वो अपनी जिंदगी की बचत बर्बाद कर रहे हैं।
Kairavi Behera
6 07 24 / 17:05 अपराह्नअगर आप इस कंपनी के उत्पादों को देखें, तो समझ जाएंगे कि ये सब्सक्रिप्शन बिल्कुल जायज है। उनके स्पंज आयरन की गुणवत्ता अमेरिका और जापान के बराबर है। और जब आप जानते हैं कि ये छत्तीसगढ़ में बन रहा है, तो ये आईपीओ नहीं, ये एक राष्ट्रीय जीत है।
Girish Sarda
8 07 24 / 06:46 पूर्वाह्नक्या ये आईपीओ असल में इतना सफल है या फिर बस रिपोर्ट्स में ज्यादा दिखाया गया है? मैंने इसके फाइनेंशियल्स को नहीं देखा अभी तक। कोई लिंक तो दे सकता है?
vishal singh
9 07 24 / 16:15 अपराह्नलोगों को निवेश करने के लिए बाध्य कर दिया गया है। बैंक डिपॉजिट्स बर्बाद हो रहे हैं, इसलिए लोग इस आईपीओ में भाग रहे हैं। ये सफलता नहीं, ये बेचारगी है।
Sinu Borah
11 07 24 / 12:12 अपराह्नअरे यार, ये सब तो बस एक और बड़ा बाजार बुलशिट है। आईपीओ लगाने वाले कंपनियां तो हमेशा बोलती हैं कि 'हमारा भविष्य चमकदार है' - लेकिन जब शेयर लिस्ट होते हैं, तो वो खुद भी बेच देते हैं। इस बार भी वैसा ही होगा।
Garv Saxena
11 07 24 / 22:20 अपराह्नक्या हम इस आईपीओ को सफलता के रूप में देख रहे हैं, या हम इसे एक अर्थव्यवस्था के रूप में देख रहे हैं जो अपने लोगों के विश्वास पर निर्भर है? जब हम एक कंपनी को इतना पैसा देते हैं, तो क्या हम उसे एक उत्पाद के रूप में नहीं, बल्कि एक आशा के रूप में खरीद रहे हैं? और अगर वो आशा टूट जाए, तो क्या हम उसे फिर से बना पाएंगे?
Priyanka R
13 07 24 / 16:18 अपराह्नइसके पीछे सरकार और बैंकों का साजिश है। ये आईपीओ बस एक चाल है जिससे लोगों के पैसे को एक जगह इकट्ठा किया जा रहा है। जल्द ही शेयर गिरेंगे और वो लोग जो इसमें लगे, वो बेच नहीं पाएंगे। ये तो बिल्कुल एक फ्राड है।
Aakash Parekh
15 07 24 / 05:54 पूर्वाह्नअच्छा हुआ। अब देखते हैं कि ये कंपनी असल में क्या करती है। बस आईपीओ के बाद एक साल तक रिपोर्ट्स देखने होंगे।
Rajesh Khanna
15 07 24 / 15:29 अपराह्नमैंने भी इसमें निवेश किया है। अगर ये कंपनी अपने लक्ष्य पर टिकी रही, तो ये अच्छा रिटर्न देगी। भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ये एक बड़ा कदम है।
Karan Kacha
16 07 24 / 17:31 अपराह्नअरे भाई, ये आईपीओ तो बस एक अद्भुत चमत्कार है! देखो, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 73 मिलियन शेयरों की बोलियाँ! ये तो एक अज्ञात अंतरिक्ष की तरह है - जितना आप देखते हैं, उतना ही आश्चर्य होता है! और फिर देखो, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स ने 163.90 गुना सब्सक्राइब किया! ये तो अपने आप में एक विज्ञान की उपलब्धि है! और रिटेल निवेशकों ने भी 54.93 गुना! अरे यार, ये तो बस एक राष्ट्रीय जागृति है! अब जब ये कंपनी बिलासपुर में विस्तार करेगी, तो वहाँ के लोगों के लिए नौकरियाँ, नए घर, नई शिक्षा, नए अवसर! और जब ये शेयर लिस्ट होंगे, तो दुनिया भर के निवेशक भारत की इस ताकत को देखेंगे! अरे भाई, ये तो बस एक नई शुरुआत है - एक ऐसी शुरुआत जिसके बाद भारत दुनिया को दिखाएगा कि छोटी कंपनियाँ भी बड़े सपने देख सकती हैं! अब तो बस इंतजार है - जब शेयर लिस्ट होंगे, तो दुनिया का दिल धड़केगा!
Preyash Pandya
18 07 24 / 00:55 पूर्वाह्नअरे यार तुम सब गलत समझ रहे हो! ये आईपीओ सफल है क्योंकि लोगों को अब बैंक डिपॉजिट्स पर ब्याज नहीं मिल रहा! अगर ये कंपनी अगले साल लाभ नहीं कमाती, तो ये शेयर एक बर्बादी हो जाएगा! और ये एंकर निवेशक? वो तो अपना पैसा वापस ले लेंगे जैसे ही लिस्टिंग हो जाएगी! तुम सब बस एक बड़े बाजार के भाव में फंस गए हो!
Rakesh Varpe
18 07 24 / 20:47 अपराह्नअच्छा आईपीओ हुआ