भारत और पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का मुकाबला हमेशा रोमांचक होता है, लेकिन इस बार के मुकाबले से पहले ही विवाद का एक नया अध्याय जुड़ गया। पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज बाबर आजम जब बिना किसी पूर्व सूचना के अभ्यास सत्र से गायब रहे, तो अटकलों का बाजार गर्म हो गया। उनकी अनुपस्थिति तब विशेष रूप से उल्लेखनीय हो गई जब पता चला कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख मोहसिन नकवी खुद इस सत्र में मौजूद थे।
बाबर आजम के इस फैसले के पीछे वजह चाहे कुछ भी हो, लेकिन इसने टीम को तनाव में डाल दिया है। पिछले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ 60 रन की हार के बाद, बाबर की धीमी बल्लेबाजी की बहुत आलोचना हुई थी। उन्होंने 90 गेंदों पर 64 रन बनाए थे, जो आधुनिक वनडे क्रिकेट की तेज स्पीड के अनुरूप नहीं मानी जा रही थी। किसी ने आलोचना की कि उनकी धीमी खेल क्षमता टीम के लिए समस्या बन रही है।
पाकिस्तान के अंतरिम कोच आकिब जावेद ने बाबर आजम की अनुपस्थिति पर टिप्पणी नहीं करना ही सही समझा, और इसे केवल 'आराम करने की आवश्यकता' करार दिया। हालांकि, पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी ने स्पष्ट रूप से टीम को निर्देश दिया कि वे अपने आलोचकों को और खुद उन्हें चुप कराने के लिए भारत के खिलाफ जीत दर्ज करें।
भारत के खिलाफ इस मुकाबले का महत्व अब और भी बढ़ गया है। अगर पाकिस्तान को टूर्नामेंट में बने रहना है तो उन्हें इस मैच में हर हाल में जीत की जरूरत है। वहीं दूसरी ओर, भारतीय टीम अपने हाल के प्रदर्शन को कायम रखते हुए अपनी मजबूत स्थिति को बरकरार रखना चाहेगी।
इसी बीच एक और मुख्य विकास हुआ जब फखर जमान चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए और उनकी जगह इमाम-उल-हक टीम में शामिल हुए। पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पॉवरप्ले ओवर्स में बल्लेबाजी संघर्ष को खत्म करना होगा ताकि भारतीय टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया जा सके।
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