इस बार JAC बोर्ड रिजल्ट की राह काफी मुश्किल हो गई है। जिन छात्रों ने उम्मीद लगाई थी कि उन्हें मई के मध्य में अपने रिजल्ट मिल जाएंगे, उनके लिए हालात थोड़े उलझन भरे हो गए हैं। वजह साफ है—इस साल मूल्यांकन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। सिर्फ मूल्यांकन प्रक्रिया की धीमी रफ्तार ही नहीं, बल्कि पेपर लीक और उत्तर पत्रिकाओं के जलने जैसी बड़ी घटनाओं ने परीक्षा बोर्ड के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 11 फरवरी से 4 मार्च के बीच ली थीं। प्रैक्टिकल परीक्षा भी 20 मार्च तक निपटा दी गई थी। हर साल अप्रैल में परिणाम आ जाते थे, लेकिन इस बार सब कुछ पटरी से उतरता दिख रहा है। हालत ये है कि छात्र और परिवारजन अब नतीजों को लेकर काफी बेचैन हैं।
सबसे बड़ी चिंता उन उत्तर पुस्तिकाओं की है, जो किसी वजह से जला दी गईं। बोर्ड के रिकॉर्ड के मुताबिक कुछ केंद्रों पर आगजनी की घटनाएं सामने आईं, जिससे कई उत्तर पत्रिकाएं नष्ट हो गईं। अब सवाल उठता है: इसका नतीजों पर क्या असर होगा? जहां हर बच्चे को अपना श्रम दिखाने का मौका मिलना चाहिए, वहां ऐसे हादसे छात्रों के भविष्य के लिए बड़ी मुश्किल बन जाते हैं।
इसी के साथ-साथ पेपर लीक की घटनाओं ने भी परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बोर्ड के पास इन चुनौतियों से पार पाने के लिए कुछ विकल्प हैं—जांच बैठाई जा सकती है, दोबारा मूल्यांकन किया जा सकता है या फिर प्रभावित छात्रों के लिए किसी तरह के विशेष उपाय किए जा सकते हैं। लेकिन इन सभी कदमों में समय तो लगेगा ही।
इस बीच, परिणाम आने की तिथि के बारे में कोई पक्की घोषणा नहीं हुई है। आधिकारिक सूत्र भी यही सलाह दे रहे हैं कि छात्र और अभिभावक केवल jac.jharkhand.gov.in जैसी विश्वसनीय वेबसाइट्स से ही अपडेट्स लेते रहें। बाजार में अफवाहें भी उड़ रही हैं कि रिजल्ट मई के अंत तक टल सकता है, हालाँकि अधिकारियों ने अभी तक कोई ऐसी बात नहीं स्वीकारी है।
शिक्षाई जगत के जानकार मानते हैं कि इन घटनाओं ने पूरे परीक्षा सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसका असर छात्रों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर भी पड़ रहा है—थकावट, असमंजस और परीक्षा परिणाम को लेकर डर। छात्रों को सलाह यही दी जा रही है कि वे अफवाहों से दूर रहें और फिलहाल अपनी अगली पढ़ाई या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान रखें।
JAC बोर्ड के लिए यह साल बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। सभी की नजरें अब सिर्फ बोर्ड की अगली घोषणा पर टिकी हैं।
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