बुधवार की सुबह नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक भयानक हादसा हुआ। सौर्य एयरलाइंस की एक विमान, जिसमें कुल 19 लोग सवार थे, हादसे का शिकार हो गया। हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई जबकि पायलट जीवित बच गए और उन्हें तुरंत काठमांडू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया गया। यह हादसा तब हुआ जब विमान पोखरा के लिए उड़ान भर रहा था, जो कि एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
विमान ने जैसे ही उड़ान भरने की कोशिश की, वह रनवे से फिसलकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में आग लग गई और कुछ ही पलों में वह आग और धुएं में लिपट गया। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि विमान की दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है, और प्रारंभिक जांच में बताया गया है कि हवा की तेज गति और खराब मौसम इसके पीछे कारण हो सकते हैं।
विमान दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए गए। फायर ब्रिगेड और आपातकालीन सेवाओं ने मौके पर जाकर आग पर काबू पाया। दुर्घटना स्थल पर विमान का मलबा और बिखरे हुए टुकड़े देखे जा सकते थे। यह दृश्य इतना भयावह था कि किसी ने भी ऐसी आपदा की कल्पना नहीं की थी।
घटनास्थल पर जुटे लोगों ने बताया कि हादसे के समय विमान से जोरदार धमाका हुआ और फिर धमाके के बाद तेज धुआं और आग देखी गई। स्थानीय निवासियों ने इस भीषण दृश्य को खुद देखा और अपनी दहशत को साझा किया। विमान दुर्घटना की जानकारी मिलते ही हवाई अड्डे पर सुरक्षा और बचाव दल तैनात हो गए।
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि मृतकों में एक यमनी नागरिक और एक बच्चा भी शामिल हैं। विमान में कई विदेशी यात्री भी सवार थे, जो इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे। यह हादसा सभी के लिए एक बड़ा धक्का था, खासकर उन परिवारों के लिए जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की। उन्होंने अधिकारियों को हर संभव मदद और राहत पहुंचाने के निर्देश भी दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हादसा देश के लिए एक बड़ी त्रासदी है और इससे उबरने में समय लगेगा।
यह दुर्घटना नेपाल की विमानन सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर रही है। नेपाल पहले से ही विमानन सुरक्षा में कुछ कमजोरियों के कारण बदनाम है। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले भी कई छोटे-मोटे हादसे हो चुके हैं, लेकिन इस बार की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल की भौगोलिक स्थिति और मौसम स्थितियां भी विमानन हादसों का बड़ा कारण बन सकती हैं। यहां की पहाड़ी क्षेत्रों में अक्सर खराब मौसम और तेज हवाओं के कारण विमानन ऑपरेशन्स में दिक्कतें आती हैं। ऐसे में हवाई अड्डों और एयरलाइंस को अपने सुरक्षा मानकों पर जोर देना होगा और अधिकतम सुरक्षा उपाय करने होंगे।
इस भयानक हादसे में पायलट का जीवित बचना एक चमत्कार से कम नहीं है। पायलट का नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पायलट की जान बचाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम निरंतर काम कर रही है।
राहत और बचाव कार्यों में लगे लोगों ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद, नजदीकी लोग और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गईं और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।
यह हादसा नेपाल की विमानन सुरक्षा प्रणाली के लिए एक बड़ा सबक साबित हो सकता है। आगामी दिनों में, सरकार और विमानन अधिकारियों को अपने सुरक्षा उपायों की समीक्षा करनी होगी और सुधार के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
इस हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विमानन सुरक्षा में कोई भी लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। विमानन अधिकारियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता हो। नेपाल की विमानन उद्योग को इस हादसे से सबक लेकर अपने सुरक्षा मानकों को उन्नत करना होगा।
नेपाल में हाल के वर्षों में पर्यटन में वृद्धि देखी गई है, और पोखरा जैसे स्थानों की लोकप्रियता के कारण देश की विमानन उद्योग में भी विकास हुआ है। लेकिन इस हादसे ने यह दिखा दिया है कि इस विकास के साथ-साथ सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है। नेपाल सरकार और विमानन कंपनियों को अब अपनी प्राथमिकताओं में बदलाव लाना होगा और सुरक्षा को सबसे ऊपर रखना होगा।
वैश्विक पटल पर नेपाल की विमानन सुरक्षा में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की मदद भी ली जा सकती है। विकास और पर्यटन के साथ-साथ, सुरक्षा निश्चित रूप से किसी भी देश की प्राथमिकता होनी चाहिए। यह हादसा हमें यह याद दिलाता है कि हम किसी भी आपदा से सुरक्षित नहीं हैं, लेकिन हमारे प्रयासों से हम ऐसी घटनाओं की संख्या को कम जरूर कर सकते हैं।
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