भारतीय बैडमिंटन स्टार एचएस प्रणॉय ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में अपने पहले मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की। उन्होंने जर्मनी के फैबियन रोथ को 45 मिनट के मैच में 21-18, 21-12 के स्कोर से हराया। यह मुकाबला पेरिस के बैडमिंटन कोर्ट में खेला गया, जहां प्रस्तुति मंच पर उनके जबरदस्त प्रदर्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया। प्रणॉय, जो पिछले दो हफ्तों से चिकनगुनिया से जूझ रहे थे, ने अपनी फिटनेस और दृढ़ संकल्प का उत्कृष्ट नमूना पेश किया।
पहले गेम की शुरुआत से ही मुकाबला कड़ा रहा, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने बेहतरीन रैलियां दिखाई। रोथ ने शुरूआत में 14-11 की बढ़त बना ली थी, लेकिन प्रणॉय ने अपना फोकस बनाए रखा। उन्होंने अपनी रफ्तार बढ़ाई और 19-17 की बढ़त बना ली। एक तेज़ स्मैश ने उन्हें दो गेम पॉइंट्स दिए, जिनका उन्होंने बखूबी फायद उठाया और गेम अपने नाम किया।
दूसरे गेम में प्रणॉय और भी ज्यादा आत्मविश्वास के साथ खेलते दिखे। उन्होंने शुरूआती 7-3 की बढ़त बनाते हुए अपना लय पाया। उनकी नेट गेम, अटैकिंग शॉट्स और शानदार टच ने उन्हें स्कोर बढ़ाने में मदद की। उन्होंने 16-11 की बढ़त बनाई और एक बेहतरीन बैकहैंड स्ट्रोक ने उन्हें आठ मैच पॉइंट्स दिलाए। अंततः रोथ की एक गलती ने उन्हें जीत दी और प्रणॉय ने मुकाबला अपने नाम किया।
प्रणॉय का अगला मुकाबला वियतनाम के ले डुक फट से बुधवार को होगा। भारतीय फैंस की उम्मीदें अब इस मैच पर टिकी हैं, जहां प्रणॉय की जीत के प्रति विश्वास बढ़ गया है। इनको अब अपनी फिटनेस को और बेहतर करना होगा ताकि वे प्रतियोगिता में मजबूती से आगे बढ़ सकें।
प्रणॉय के लिए ओलंपिक्स की तैयारी किसी भी चुनौती से कम नहीं थी। चिकनगुनिया जैसी बीमारी के बावजूद, उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से खुद को फिट रखा। रोजाना की ट्रेनिंग, स्वस्थ आहार और मेंटल स्ट्रेंथ ने उन्हें इस प्रतियोगिता के लिए तैयार किया। उनकी इस सफलता में कोच और सपोर्ट स्टाफ का भी बड़ा योगदान रहा, जिन्होंने लगातार उनका साथ दिया।
प्रणॉय की जीत ने न सिर्फ खेलप्रेमियों को उत्साह से भर दिया है, बल्कि उन्होंने देश के लिए मान बढ़ाकर स्ट्रांग संदेश दिया है। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और उनकी जीत के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। प्रणॉय के फैंस उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनके अगले मुकाबले के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
पेरिस ओलंपिक्स में इस बार भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब तक सराहनीय रहा है। बैडमिंटन में प्रणॉय की इस जीत ने अन्य खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का काम किया है। भारतीय दल से उम्मीद है कि आने वाले मुकाबलों में वे देश का नाम रोशन करेंगे।
एचएस प्रणॉय की इस शानदार शुरुआत ने उनके ओलंपिक सफर की दिशा तय कर दी है। अगर वे इसी लय और जोश के साथ खेलते रहे, तो वे निश्चित रूप से और भी बड़ी सफलताएं हासिल करेंगे। अब सबकी नजरें उनके अगले मुकाबले पर होंगी।
Nitin Agrawal
31 07 24 / 05:26 पूर्वाह्नpranoy ne to bas ek match jeeta hai bhai abhi kya hype kar rahe ho
Gaurang Sondagar
31 07 24 / 22:27 अपराह्नyeh sab hype hai bas jaldi se medal chahiye india ko koi nahi dekhta
kalpana chauhan
2 08 24 / 08:00 पूर्वाह्नमैंने देखा था उसकी ट्रेनिंग के वीडियो जब वो बीमार थे... असली लड़ाई तो उसने बीमारी के साथ लड़ी थी 🙌❤️
Karan Kacha
3 08 24 / 05:50 पूर्वाह्नक्या आप लोगों ने उसके फर्स्ट सर्व की टेक्निक देखी? उसकी व्रिस्ट फ्लिक ने रोथ के रिटर्न को पूरी तरह नियंत्रित कर दिया! ये तो बस शुरुआत है, अगले गेम में वो अपने बैकहैंड कॉर्नर शॉट्स के साथ उसे पूरी तरह डिस्ट्रॉय कर देगा! ये लय, ये टाइमिंग, ये फोकस... ये तो ओलंपिक गोल्ड की ओर एक चरण है!
mohit SINGH
5 08 24 / 00:05 पूर्वाह्नबस एक मैच जीत लिया और देश उठ खड़ा हुआ... जब तक गोल्ड नहीं मिलता तब तक ये सब बकवास है
Kairavi Behera
5 08 24 / 17:05 अपराह्नबहुत अच्छा खेला! बीमारी के बाद भी ये फिटनेस देखकर लगता है जैसे कोई अल्ट्रा-मैन हो गया 😍
vishal singh
6 08 24 / 05:11 पूर्वाह्नक्या ये जीत असली जीत है या बस फैंस के लिए बनाई गई नैरेटिव? किसी ने रोथ का स्कोर देखा?
Preyash Pandya
7 08 24 / 01:44 पूर्वाह्नअरे यार ये तो बस एक जर्मन खिलाड़ी था... अगर चीन या डेनमार्क के खिलाफ ऐसा करता तो तारीफ होती 😂
Garv Saxena
8 08 24 / 03:30 पूर्वाह्नइस जीत के पीछे एक सवाल है... क्या हमारी सामाजिक आदतें हमें असली सफलता से दूर कर रही हैं? एक मैच जीतने पर इतना उत्साह... लेकिन नियमित ट्रेनिंग के लिए कोई स्कूल नहीं... क्या हम फल को चाहते हैं या वृक्ष को?
Nadia Maya
9 08 24 / 19:12 अपराह्नप्रणॉय के लिए ये बस एक शुरुआत है। वो जिस तरह से गेम की गति को कंट्रोल कर रहा है, वो एक आर्टिस्ट की तरह है। इस लेवल पर खेलना तो बस एक बायोलिन बजाने जैसा है, जहां हर शॉट एक नोट है। अगर वो इसी तरह चलता है, तो ये ओलंपिक का सबसे खूबसूरत मैच बन सकता है।
Rakesh Varpe
11 08 24 / 17:05 अपराह्नअच्छा खेला
Ron Burgher
12 08 24 / 09:59 पूर्वाह्नक्या तुम लोग भूल गए कि ये खिलाड़ी बीमार था? अब तक नहीं बताया कि उसे दवाएं कौन दे रहा है? डॉक्टर ने क्या कहा?
Prachi Doshi
12 08 24 / 21:21 अपराह्नpranoy is so calm... i hope he stays healthy for next match
Sinu Borah
13 08 24 / 14:52 अपराह्नअरे यार ये तो बस एक बैडमिंटन मैच है... जब तक भारत को क्रिकेट में विश्व कप नहीं मिलता तब तक ये सब बकवास है। और फिर भी लोग इसे ओलंपिक का बड़ा जीत बता रहे हैं? जो लोग इसे जीत बता रहे हैं वो शायद क्रिकेट नहीं देखते
Priyanka R
15 08 24 / 09:04 पूर्वाह्नक्या आप लोगों को पता है कि ये मैच फेक नहीं है? मैंने एक दोस्त को बताया कि वो बीमार था तो उसने कहा कि ये सब अमेरिका की फिल्म है... शायद ये मैच बनाया गया है ताकि भारत को अच्छा लगे
Sujit Yadav
16 08 24 / 01:39 पूर्वाह्नइस जीत के पीछे एक बड़ी बात है: भारतीय खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए कभी अच्छी सुविधाएं नहीं मिलतीं। ये जीत एक अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है। वो बीमार था, फिर भी जीत गया... ये तो एक विद्रोह है।
Girish Sarda
16 08 24 / 11:32 पूर्वाह्नक्या उसके टेक्निक में कोई नया एलिमेंट था? मैंने देखा लेकिन नहीं समझा
Nadia Maya
17 08 24 / 16:35 अपराह्नअगर तुम उसके बैकहैंड स्ट्रोक को धीरे से देखोगे, तो पता चलेगा कि वो अपने व्रिस्ट को इतना फ्लिक कर रहा है कि बॉल लगभग 15 डिग्री के कोण से नेट के ऊपर से गुजर रही है। ये तकनीक तो बस एक नए जमाने की शुरुआत है। इसे अगले मैच में देखोगे तो तुम्हें लगेगा कि वो बॉल को नहीं, बल्कि हवा को खेल रहा है।