प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा पर पोलैंड का दौरा किया। यह दौरा ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत और पोलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के साथ संयोग करता है। मोदी का पोलैंड में भव्य स्वागत किया गया, जहां उनका स्वागत समारोह अत्यंत भव्यता और आदर के साथ आयोजित हुआ।
इस दो दिवसीय दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इन वार्ताओं का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग को बढ़ाना, व्यापार को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच साझेदारी की नई राहें तलाशना था। इस संदर्भ में, प्रमुख मुद्दों में हेल्थकेयर और आईटी सेक्टर शामिल थे। पोलैंड की हेल्थकेयर व्यवस्था को 25,000 डॉक्टरों और विशेषज्ञों की आवश्यकता है, और वह इसमें भारत को एक संभावित साथी के रूप में देख रहा है।
भारत और पोलैंड के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई नई संभावनाओं पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा देने की योजना बनाई। आईटी और हेल्थकेयर के अलावा, पर्यटन, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ावा देने की योजना पर चर्चा की गई।
औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के व्यापार जगत के नेताओं और उद्योगपतियों से भी बातचीत की। इस चर्चा में उन्होंने भारत में निवेश के अवसरों और व्यापार के अनुकूल माहौल पर जोर दिया। इससे दोनों देशों के उद्योग जगत को फायदा पहुंचने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों की भी चर्चा हुई। पोलैंड ने 2022 के संकट के दौरान 'ऑपरेशन गंगा' के तहत 4,000 से अधिक भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में सहायता की थी। इसके अलावा, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत ने 6,000 से अधिक पोलिश महिलाओं और बच्चों को शरण दी थी। ये घटनाएं दोनों देशों के ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंधों को मजबूत करती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत की। पोलैंड में लगभग 25,000 भारतीय रहते हैं, जिनमें से लगभग 5,000 छात्र हैं। मोदी ने इन भारतीयों के साथ संवाद करते हुए उनकी समस्याओं, उनकी उपलब्धियों और उनकी जीवनशैली के बारे में जानकारी प्राप्त की।
इस दौरे का समापन पोलैंड के भारतीय समुदाय के साथ संवाद के बाद हुआ। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन का दौरा करेंगे, जो पिछले 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला यूक्रेन दौरा होगा। यह दौरा भी दोनों देशों के बीच रिश्तों को एक नई दिशा देने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और पोलैंड के बीच रिश्तों को और मजबूत करेगा। इस दौरे के जरिए नई संभावनाओं और साझेदारियों की तलाश की जाएगी, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों में नई ऊंचाईयां मिलेंगी।
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