Sensex-Nifty नए शिखर पर: बैंकिंग शेयरों की धमाकेदार बढ़त ने बनाया नया रिकॉर्ड

Sensex-Nifty नए शिखर पर: बैंकिंग शेयरों की धमाकेदार बढ़त ने बनाया नया रिकॉर्ड

शेयर बाजार में ऐतिहासिक तेजी, सेंसेक्स-निफ्टी ने किया कमाल

अगर आप शेयर बाजार में दिलचस्पी रखते हैं, तो 21 अप्रैल 2025 को आई तेजी आपको चौंका सकती है। Sensex ने 1.09% ऊंची छलांग लगाकर 79,408.50 पर बंद होकर नया शिखर छू लिया, वहीं Nifty ने 1.15% की मजबूती दिखाते हुए 24,125.55 का आंकड़ा पार किया। बाजार की ये ऐतिहासिक रेस बैंकिंग सेक्टर की दमदार परफॉर्मेंस की वजह से हुई। बैंक शेयरों में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली, जिससे Nifty Bank इंडेक्स ने 55,000 का स्तर पहली बार पार किया।

अक्सर निवेशक सोचते हैं कि अचानक इस तरह की बड़ी तेजी क्यों आती है? इस बार इसका सबसे बड़ा कारण था बैंकिंग कंपनियों के ताजातरीन नतीजे। HDFC Bank ने 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर ₹1,950.70 छू लिया। ICICI Bank ने भी ₹1,436.00 की रिकॉर्ड कीमत देखी। दोनों प्रमुख बैंकों के जबरदस्त मुनाफे और ऊंचे ग्रोथ फिगर्स ने न सिर्फ उनके स्टॉक्स को, बल्कि पूरे बैंकिंग सेक्टर को ऊपर खींच लिया।

ब्रोकरेज हाउसेज भी इस उछाल को लेकर पॉजिटिव हैं। Nomura जैसी अंतरराष्ट्रीय फर्म का कहना है कि अभी बैंकिंग आय में कोई बड़ा खतरा नहीं है और वैल्यूएशन आकर्षक बने हुए हैं। इन सब के बीच भारत के केंद्रीय बैंक RBI ने साल 2025 में अब तक 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर निवेशकों को संकेत दे दिया है कि लोन सस्ते होंगे और लिक्विडिटी बनी रहेगी। एक्सपर्ट्स की मानें तो इस साल के अंत तक ब्याज दरों में और 100 बेसिस अंक की कटौती हो सकती है।

भारत की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार का भविष्य

अब सवाल है, आगे क्या? विदेशी ब्रोकरेज Morgan Stanley ने भारत की ताकत को लेकर एक बेहद बड़ा दावा किया है। उनके मुताबिक 2027 तक देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन जाएगी, वहीं शेयर बाजार भी वॉल्यूम के हिसाब से विश्व में तीसरे नंबर पर होगा। इसका मतलब है—अभी तो सिर्फ शुरुआत है।

अगर बाजार के स्ट्रक्चरल ड्राइवर्स की बात करें, तो डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, हरित यानी ग्रीन एनर्जी की तरफ तेजी से बढ़ता रुख, और बढ़ता हुआ मिडिल क्लास भारत की ग्रोथ को लंबी अवधि में मजबूत करेगा। अब ऑनलाइन पेमेंट, डिजिटल लेन-देन, फिनटेक और स्टार्टअप कल्चर सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहे। छोटे कस्बों और गांवों तक निवेश और नई संभावनाएं पहुंच रही हैं।

2023 में ही भारतीय शेयर बाजार की कुल मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गई थी। इससे साबित होता है कि घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा देश की कंपनियों पर लगातार बढ़ रहा है। जब इनवेस्टर्स की नजर भारत पर है, तो इसका सीधा असर सेंसेक्स, निफ्टी सहित सभी बाजारों में दिखता है।

  • HDFC Bank और ICICI Bank जैसी कंपनियों के गतिविधियां पूरे सेक्टर का मूड तय कर रही हैं।
  • सरकार की तरफ से डिजिटल इंडिया, ग्रीन एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जबरदस्त फोकस है।
  • आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी निवेशकों का विश्वास बढ़ा रही है।
  • खुदरा और विदेशी निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

इन तमाम संकेतों के बीच ये भी दिख रहा है कि रोजमर्रा के निवेशक हों या बड़े फंड, दोनों का भरोसा भारत की ग्रोथ स्टोरी में जबरदस्त है। नई ऊंचाईयों की उम्मीद बनी है, और बाजार की तेज रफ्तार फिलहाल कम होती नहीं दिख रही।

एक टिप्पणी छोड़ें