आप या आपके साथी को अगर बच्चा नहीं हो रहा है, तो अक्सर सवाल दिल में उठता है – क्या मैं बाँझ हूँ? बाँझपन कई कारणों से हो सकता है और ठीक करने के भी कई रास्ते हैं। इस लेख में हम सबसे आम कारण, डॉक्टर‑द्वारा सुझाए गए इलाज और घर पर अपनाए जा सकने वाले सरल उपायों को समझेंगे। पढ़ते‑जाते आप जान पाएँगे कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए और किस तरह की मदद आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
1. हार्मोनल असंतुलन – महिलाओं में थायरॉइड, प्रोलैक्टिन या एस्ट्रोजन की कमी से अंडे नहीं निकलते। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कम होने से स्पर्म की गुणवत्ता घटती है। 2. पीड़ित नसों या रक्त‑प्रवाह की कमी – गर्भाशय, अंडाशय या टेस्टिस में रक्त प्रवाह ठीक न होने से निषेचन मुश्किल हो जाता है। 3. संक्रमण और रोग – पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिज़ीज़, एचआईवी या पेशीय रोग स्पर्म या अंडे को नुकसान पहुँचा सकते हैं। 4. जीवनशैली के कारण – अत्यधिक शराब, धूम्रपान, बहुत अधिक वजन या अत्यधिक व्यायाम सभी बांझपन को बढ़ा सकते हैं। 5. जीनिक कारण – कभी‑कभी जीन्स में ही समस्या होती है, जैसे कि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम या टर्नर सिंड्रोम।
जब आप दो साल तक नियमित शादी‑शादी के बाद गर्भधारण नहीं कर पाते, तो फर्टिलिटी क्लिनिक में जांच कराना जरूरी है। आमतौर पर डॉक्टर पहले रक्त‑जाँच, अल्ट्रासाउंड और स्पर्म विश्लेषण कराते हैं। फिर परिणाम के आधार पर इलाज तय होता है:
डॉक्टर के अलावा कुछ बदलावों से भी परिणाम बेहतर हो सकते हैं।
• संतुलित आहार – फॉलिक एसिड, जिंक, विटामिन D और ओमेगा‑3 युक्त खाद्य पदार्थ (हरी पत्तेदार सब्ज़ी, नट, मछली) पकाएँ। • वज़न नियंत्रण – BMI 18‑25 के बीच रखिए, बहुत मोटा या बहुत पतला दोनों ही फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचाते हैं। • तनाव कम करें – रोज़ 10‑15 मिनट योग, ध्यान या गहरी साँस लेने की तकनीक से हार्मोन संतुलित रहते हैं। • धूम्रपान और शराब से दूर रहें – ये दोनों स्पर्म की गति और अंडे की गुणवत्ता घटाते हैं। • नियमित व्यायाम – हल्का कार्डियो या वॉक रोज़ 30 मिनट करें, लेकिन अत्यधिक जिम से बचें।
यदि आप इन उपायों को दो‑तीन महीनों तक अपनाते हैं और फिर भी परिणाम नहीं मिलते, तो फिर से डॉक्टर से मिलें। अक्सर छोटे‑छोटे बदलाव बड़े असर देते हैं।
बांझपन एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन सही जानकारी और सही कदमों से आप इसे मात दे सकते हैं। याद रखें, कई जोड़ियाँ इस रास्ते पर चली हैं और सफलतापूर्वक माता‑पिता बनें हैं। आपके लिए सबसे अच्छा क्या होगा, यह जानने के लिए खुद को समझें और विशेषज्ञों की मदद लें।
ईशा अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की बेटी, ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपनी माँ निता अंबानी की तरह IVF के जरिए जुड़वाँ बच्चों को जन्म दिया है। यह खुलासा उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में किया। ईशा की यह पहल भारत में IVF और बांझपन के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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