भगदड़, जिसे आमतौर पर रैकून कहा जाता है, भारत के कई जंगलों में देखा जाता है। अगर आप जंगल सफ़र या किचन गार्डन में रहते हैं, तो कभी‑कभी इस चतुर प्राणी से मुलाक़ात हो सकती है। लेकिन बहुत लोग इसे केवल शोरगुल वाले या ‘चोर’ जानवर मानते हैं। असल में, भगदड़ की ज़िंदगी, उनकी आदतें और पर्यावरण में उनकी भूमिका बेहद रोचक है। इस लेख में हम बात करेंगे कि भगदड़ क्यों महत्वपूर्ण हैं, उनके बारे में कौन‑कौन सी खबरें आई हैं और आप उनसे कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
भगदड़ की सबसे पहचानने वाली बात उसकी काली‑सफ़ेद धारीदार पूँछ और चतुर हाथ होते हैं। यह जीव रात में सक्रिय रहता है और बहुत ही तेज़ी से चीज़ें खोल सकता है – चाहे वह कचरा डिब्बे का ढक्कन हो या जाम के बोतल का कैप। इनके हाथ की नसों में ऐसा लचीलापन है जो इंसानों के हाथ जितना ही कुशल है। यही कारण है कि अक्सर वे घरों के किचन में घुसकर खाने की चिज़ों को छीन लेते हैं।
जंगल में, भगदड़ परागण में मदद करते हैं और कई छोटे कीटों की संख्या को नियंत्रित रखते हैं। उनका मलबा खाकर नष्ट करना भी स्वच्छता को बढ़ावा देता है। इसलिए, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से इनके बिना सिस्टम अधूरा लगता है।
हालिया रिपोर्टों में कई शहरों में भगदड़ की बढ़ती संख्या की बात सामने आई है। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के कुछ क्षेत्रों में घरों के आस‑पास कचरा ढेर में अक्सर भगदड़ के निशान देखे जा रहे हैं। कुछ मामलों में, यह जानवर वाहन के एसी सिस्टम को नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे मालिकों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
वहीं, ग्रामीण इलाकों में अधिकारी भगदड़ के मानव‑वन्यजीव टकराव को कम करने के लिये जागरूकता अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कचरे को सील करके रखना, डिब्बे को बंद रखना और रात में लैंप के पास फर्श पर सफ़ाई रखना सलाह दी है। इससे न सिर्फ आपके घर की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि इन जीवों को भी अनावश्यक तनाव से बचाया जा सकेगा।
1. कचरा ठीक से बंद रखें: कूड़ेदान को ढक्कन वाले रखें और रात में बाहर न छोड़ें।
2. भोजन के टुकड़े न छोड़ें: अगर आप बाहर भोजन कर रहे हैं, तो अपने बचे हुए खाने को तुरंत साफ़ करें।
3. घर के प्रवेश द्वार को सील रखें: दरवाजे और खिड़कियों के गेप को बंद करने से भगदड़ कम अंदर आएगा।
4. पालतू जानवरों का ध्यान रखें: कुत्ते या बिल्लियों को बाहर छोड़ते समय उनकी सुरक्षा का ध्यान रखें, क्योंकि भगदड़ कभी‑कभी उनके साथ टकरा सकते हैं।
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न सिर्फ अपने घर को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि भगदड़ को भी उनका प्राकृतिक जीवन जीने का मौका दे सकते हैं। भविष्य में अगर आप इन जानवरों को देखना चाहें, तो जंगल में आयोजित ‘वन्यजीव सफ़र’ में भाग ले सकते हैं। यह न केवल सीखने का मजेदार तरीका है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में आपका योगदान भी बढ़ेगा।
तो अगली बार जब आप कचरा डिब्बा खोलें या रात में बगीचे में टहलें, तो इस चतुर जीव को याद रखें और सही कदम उठाकर अपने और उसके बीच अच्छे रिश्ते को बनाये रखें।
7 जुलाई 2024 को पुरी, ओडिशा में आयोजित भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे कई लोग घायल हो गए। घटना पुरी के बड़दांडा क्षेत्र में हुई जहां लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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