भूकंप समाचार और सुरक्षित रहना – सब कुछ एक जगह

भूकंप अक्सर अचानक होते हैं, लेकिन सही जानकारी और तैयारी से नुकसान कम किया जा सकता है। इस पेज पर हम भारत और दुनिया में हुए भूकंपों की ताज़ा ख़बरें, ज़ोन‑मैप और इंसिडेंट रिवार्ड्स के साथ आसान बचाव टिप्स देंगे। पढ़ते रहिए, क्योंकि हर मिनट मायने रखता है।

ताज़ा भूकम्प रिपोर्ट

पिछले हफ़्ते उत्तराखंड के कंवर जिले में 5.2 मापन का हल्का झटका आया। तीव्रता कम थी, लेकिन कई घरों में दरारें और बिजली कटौती हुई। उसी तरह, किचन में काम कर रहे लोगों ने झटके को महसूस कर बताया कि लाइट फडफडाने लगी। सरकारी ने तुरंत एरसिस (EMSC) को सूचित कर राहत टीम भेजी।

दक्षिण भारत में 6.0 माप वाला भूकम्प सहारा के किनारे के पास दर्ज हुआ। इस बार प्रभावित शहरों में इमारतों का डेमेज ज्यादा रहा, खासकर पुराने कंक्रीट के बिल्डिंग में। स्थानीय प्रशासन ने अस्थायी शेल्टर सेटअप कर रिहाइशियों को सुरक्षित स्थान पर ले गया। अगर आप इस क्षेत्र में रह रहे हैं, तो सरकारी अलर्ट चैनल पर नज़र रखें।

विश्व स्तर पर, जापान में पिछले महीने 7.1 माप वाला भूकम्प आया, जिससे टोक्यो के आसपास के इलाकों में ट्रांसपोर्ट थाम गया। ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों को फिकर नहीं थी क्योंकि इंटीग्रेटेड एमरजेंसी सिस्टम की वजह से तुरंत रुकावट का संकल्प हुआ। इससे हमें भी सीख मिलती है कि ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में इमरजेंसी अलर्ट कैसे काम करता है।

भूकम्प से बचाव के आसान कदम

सबसे पहले, घर में "ड्रॉप, कवर, क्लैंप" (नीचे झुकें, सिर बचाएँ, और वस्तु पकड़ें) का अभ्यास करें। यह तकनीक सिर्फ़ एक मिनट में स्कूलों और ऑफिस में सिखाई जा सकती है। दूसरा, अपने घर में फर्नीचर के नीचे फास्टेनर लगाएँ – ये दीवार पर झटके को रोकते हैं।

अगर आप बाहर हों, तो बिल्डिंग, पुल या पावर लाइनों से दूर रहें। खुले मैदान में खड़े होकर संतुलन बनाए रखें, क्योंकि कभी‑कभी धक्का ख़ुद ही थम जाता है। कार चलाते समय, साइड बम्पर को साइड मिरर से दूर रखें और ब्रेक धीरे‑धीरे लगाएँ।

आपकी मोबाइल पर एक आपातकालीन अलर्ट एप इंस्टॉल रखें। कई राज्यों ने "भू‑संदेश" ऐप जारी किया है, जो 5 किमी के भीतर अलर्ट भेजता है। अलर्ट मिलने पर तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएँ, जैसे कि टेबल के नीचे या दरवाज़े के फ्रेम के पास।

भूकम्प के बाद, गैस वॉटर लीकेज की जाँच करें। अगर गंध आए तो मुख्य वाल्व बंद कर दें और तुरंत गैस विभाग को सूचित करें। पानी के टँकर में मलबा या गंदगी नहीं होनी चाहिए, इसलिए फिल्टर बदलना न भूलें।

अंत में, परिवार में आपातकालीन किट तैयार रखें – टॉर्च, बैटरियाँ, स्नैक्स, पानी की बोतल, प्राथमिक उपचार किट और आवश्यक दस्तावेज़। ऐसी किट एक बार बैकपैक में रख दें, ताकि अचानक स्थिति में आपको जल्दी मिल सके।

भूकम्प हर साल कई बार होते हैं, पर सही ज्ञान और तैयारी से हम खुद को और अपने बड़े को सुरक्षित रख सकते हैं। नियमित रूप से स्थानीय अधिकारियों की वेबसाइट देखें, और रीसाक्शन ड्रिल में भाग लें। याद रखें, सुरक्षित रहना आपका अधिकार है, और इसे पाने के लिए थोड़ी सी तैयारी काफी है।

तिब्बत में 7.1 तीव्रता का भूकंप: नेपाल और भारत के विभिन्न हिस्सों में भी झटके महसूस

तिब्बत में मंगलवार की सुबह 7.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे नेपाल की सीमा के पास भारी नुकसान हुआ। इस भूकंप का केंद्र करीब 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में लोबुचे, नेपाल में था। इसके झटके भारत के बिहार, असम और पश्चिम बंगाल तक महसूस किए गए। तिब्बत में 53 लोगों की मौत और कई घायल होने की सूचना है। नेपाल एक भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है, जहां 2015 में 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप हो चुका है।

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