क्या आप भारत‑पाकिस्तान टेस्ट सीरीज का उत्साह महसूस करते हैं? यही वही ट्रॉफी है जिसे हम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी कहते हैं। यह सिर्फ एक कप नहीं, दो जैसे देशों के बीच का एक बड़ा मुकाबला है, जहाँ हर पाँच साल में एक बार पाँच टेस्ट मैच होते हैं। चलिए, इस ट्रॉफी का छोटा इतिहास, प्रमुख आँकड़े और 2025 की संभावनाओं पर नज़र डालते हैं – ताकि आप अगले मैचों के लिए तैयार रहें।
भाई, ट्रॉफी का नाम दो क्रिकेट अहम‑आदमीों के सम्मान में रखा गया है – जसवंत सिंह बौधुर और सुब्रमण्यम गवाकर (जिन्हें लोग बाउडुउर और गावस्कर कहते हैं)। 2007‑08 में पहली बार यह टूर आयोजित हुआ, जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पाँच टेस्ट खेले। तब से हर पाँच साल में यह सिरीज़ दो देशों के बीच होकर आती है, चाहे भारत के मैदान पर हो या पाकिस्तान के।
मज़ा तो तब है जब आप जीत‑हार के आँकड़े देखते हैं। 2007 से लेकर अब तक भारत ने पाँच में से चार सीरीज जीत ली हैं, जबकि पाकिस्तान ने केवल एक बार (2014‑15) जीत हासिल की थी। भारत ने कुल 28 टेस्ट में 20 मैच जीते, 5 ड्रॉ और 3 हारे। पाकिस्तान का रिकॉर्ड थोड़ा कमजोर है – 28 मैचों में 5 जीत, 20 ड्रॉ, 3 हार। प्रमुख खिलाड़ी जैसे विराट कोहली, रोहित शर्मा, रवी चंद्रन जैसे भारतीय और शकल बहुतेरे पाकिस्तानी सितारे इस ट्रॉफी में चमके हैं।
अब बात करते हैं 2025 की। BCCI ने पुष्टि की है कि अगली बॉर्डर‑गावस्कर ट्रॉफी 2025‑26 में भारत के घर पर होगी, यानी सभी टेस्ट भारतीय मैदान पर खेलेंगे। शेड्यूल के अनुसार, पहला टेस्ट नई दिल्ली के अर्जुन क्लासिक में होगा, फिर मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और अंत में अहमदाबाद। इससे भारतीय टीम को अपने सभी होम पिचेज पर फायदा मिलेगा।
ट्रॉफी में कुछ नई बातें भी देखी जाएँगी – जैसे डायनमिक फाइनिशिंग स्ट्रैटेजी पर अधिक ज़ोर, तेज़ स्पिनर और पेसर दोनों को बराबर इस्तेमाल करने की योजना। कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि हर मैच को अलग‑अलग चैलेंज की तरह देखेंगे, न कि सिर्फ ट्रॉफी जीतने की कोशिश। इस साल के लिए भारत के मुख्य तेज़ गेंदबाजों में मोहम्मद सिराज, जयंत रॉड्रिक, जबकि स्पिन विभाग में राविंद्र जैन और राकेश घड़ाला प्रमुख हैं।
पाकिस्तान की ओर से, कप्तान बिश्वजीत सिंह केहड़ा ने टीम को बैटिंग में स्थिरता लाने की बात की। उनके पास तेज़ पेसर जैसे फ़ाज़िल अहमद, ख़ुशवंत शाह, और युवा स्पिनर शौक़त अहमद हैं। दोनों पक्षों की तैयारियों को देखते हुए, 2025 की ट्रॉफी में हर टेस्ट निर्णयात्मक हो सकता है।
यदि आप इस ट्रॉफी को फॉलो करना चाहते हैं, तो कुछ चीज़ें याद रखना आसान होगा:
तो, अब आप तैयार हैं? अगली बॉर्डर‑गावस्कर ट्रॉफी के लिए अपना प्री‑मैच प्लान बनाइए और हर वॉकी‑टॉक पर टॉपिक बनाइए। चाहे आप स्ट्रैटेजी पसंद करते हों या सिर्फ रोमांच, इस सीरीज में कुछ भी कम नहीं होने वाला। जुड़े रहिए, देखते रहिए, और क्रिकेट का असली मज़ा लेिए!
बंगाल के ओपनर अभिमन्यु ईश्वरन ने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ अपना 100वां प्रथम श्रेणी मैच खेलकर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले निवेश किया गया यह मैच उनके करियर का अहम हिस्सा बन गया है। ईश्वरन की सफलता का श्रेय उनके सतत प्रयासों को जाता है। अनूठी बात यह है कि उन्होंने अपने नाम पर बने स्टेडियम में यह खेल खेला।
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