अगर आप अभी‑अभी देवा देखे हैं या देखने का मन बना रहे हैं, तो यह रिव्यू आपके काम आ सकता है. मैं सीधे‑सरल शब्दों में बताऊँगा कि फिल्म में क्या अच्छा है और क्या थोड़ा कम। पढ़ते‑पढ़ते आपको समझ आएगा कि आप इस फिल्म को देखना चाहिए या नहीं.
देवा की कहानी छोटे शहर के एक युवा पर केंद्रित है जो अपने सपनों और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच फँसा है. स्क्रीनप्ले साफ़‑साफ़ है, इसलिए आपको कहानी में घुमाव या अनावश्यक पेजें नहीं दिखेंगी. मुख्य मोड़ में नायक को एक बड़ी चुनौती मिलती है, जिससे वह अपने अंदर की ताक़त को पहचानता है. यह सफ़र दर्शक को emotionally जुड़ाव देता है.
निर्देशक ने चीज़ों को ज्यादा नाटकीय नहीं बनाया; उन्होंने वास्तविकता को सामने रखकर कहानी को आगे बढ़ाया. कुछ एक्शन सीन में कैमरा वर्क काफी बेहतर है – तेज़ कट्स और पैनोरमिक शॉट्स दर्शकों को मूवमेंट में खींच लेते हैं. लेकिन कई जगह पर पृष्ठभूमि संगीत आवाज़ को दबा देता है, जिससे संवाद थोड़ा कमज़ोर लगते हैं.
मुख्य किरदार को निभाने वाला कलाकार अपने किरदार में पूरी तरह डूबा है. उसकी बॉडी लैंग्वेज और भाव-भंगिमा कहानी में इंटेंसिटी जोड़ते हैं. सहायक कलाकार भी कम नहीं, उन्होंने छोटे‑छोटे रोल में बड़ी छाप छोड़ी है. कई बार कॉमेडी सीन में उनका टाइमिंग ठीक रहा, जिससे हल्का‑फुल्का माहौल बना.
संगीत की बात करें तो फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कई बार दिल को छू जाता है. गाने धुन में मधुर हैं, पर लिरिक्स कभी‑कभी कहानी से जुड़ाव नहीं दिखाते. यदि आप संगीत प्रेमी हैं, तो कुछ गाने दोहराए जाने पर थक सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर ध्वनि गुणवत्ता हाई है.
सिनेमैटोग्राफी को मैं 8/10 दूँगा. रोशन सीन में रंगों का चयन बहुत सटीक है, जिससे दृश्य आकर्षक बनते हैं. कुछ लो-लाइट सीन में प्रकाश की कमी महसूस होती है, पर यह कहानी की गंभीरता को दर्शाने के इरादे से लगती है.
कुल मिलाकर, देवा एक ऐसी फ़िल्म है जो दर्शकों को रोचक यात्रा पर ले जाती है. अगर आप एक साधारण, लेकिन दिल को छू जाने वाली कहानी चाहते हैं, तो यह ठीक रहेगा. फिल्म की ताक़त कहानी में सच्चाई और कलाकारों की इम्मर्शन में है, जबकि संगीत कुछ जगह पर थोड़ा अधिक हो सकता है.
रेटिंग के आधार पर मैं इसे 3.5/5 सितारा दूँगा. यह नहीं कह रहा कि यह बेमिसाल है, पर यह एक भरोसेमंद फिल्म है जो आपके समय को सही ढंग से इस्तेमाल करती है. यदि आप एक हल्के‑फुल्के नाट्य‑ड्रामा की तलाश में हैं, तो देवा को अपनी प्लेलिस्ट में जोड़ें.
बॉलीवुड की लेटेस्ट एक्शन थ्रिलर फिल्म 'देवा' की समीक्षा में शाहिद कपूर और पूजा हेगड़े अभिनीत इस फिल्म की धीमी गति और पूर्वानुमानिक कहानी को दर्शाया गया है। रोशन एंड्रयूज द्वारा निर्देशित, यह फिल्म 2013 की 'मुंबई पुलिस' की हिंदी रीमेक है। फिल्म की कहानी दर्शकों से गहरी जुड़ नहीं पाती है और पहले हाफ में इसका प्रसंग खिंच जाता है।
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