ग्लोबल वॉल्केनिस्म प्रोग्राम – विश्वभर में ज्वालामुखी निगरानी का प्रमुख मंच

जब हम ग्लोबल वॉल्केनिस्म प्रोग्राम, एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत चलने वाला ज्वालामुखी निगरानी और रिस्क एसेसमेंट प्रोजेक्ट है. इसे अक्सर GVVP कहा जाता है, जो वैज्ञानिकों को रीयल‑टाइम डेटा जुटाने, संभावित विस्फोटों का पूर्वानुमान लगाने और स्थानीय प्रशासन के साथ त्वरित प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करता है.

यह कार्यक्रम ज्वालामुखी विज्ञान, भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं की अध्ययन शाखा के कई सिद्धांतों पर काम करता है। उसका मुख्य कार्य‑प्रणाली सैटेलाइट से प्राप्त इमेजरी, सेंसर नेटवर्क और ग्राउंड‑बेस्ड स्टेशन से मिलने वाले भूवैज्ञानिक डेटा, विफलता, गैस उत्सर्जन और थर्मल बदलावों की जानकारी को एकीकृत करके जोखिम नक्शे तैयार करना है। इस जुड़ाव से सैटेलाइट मॉनिटरिंग, बिना जमीन से संपर्क के डेटा संग्रहण तकनीक का उपयोग संभव हो जाता है, जिससे दूरस्थ और कठिन‑पहुँच वाले क्षेत्रों में भी सतर्कता बढ़ती है.

एक और जरूरी घटक है जोखिम प्रबंधन, भयावह ज्वालामुखी विस्फोट से बचाव के लिए योजना बनाना और उपाय लागू करना। इस चरण में स्थानीय सरकार, आपातकालीन सेवाएँ और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ मिलकर एवरी‑लेवल अलर्ट सिस्टम विकसित करती हैं। उदाहरण के तौर पर, जब प्रोग्राम ने 2023 में इटली के वेसुवियस में हल्की गैस लीक का संकेत दिया, तो निकटवर्ती नगरों ने जल्दी से वैक्यूम एरियाज बंद कर दी और लोगों को एवरी‑लेवल चेतावनी भेजी। इस तरह की त्वरित प्रतिक्रिया सच्चे‑समय डेटा और प्रभावी संवाद पर निर्भर करती है।

इन सबको जोड़ते हुए हम कई वैरायटी वाले न्यूज़ आइटम्स देख सकते हैं—क्रिकेट मैच की अपडेट से लेकर सोने की कीमतों, बिटकॉइन मूल्य तक। हालांकि वे सीधे ज्वालामुखी से जुड़ते नहीं दिखते, लेकिन सभी में ‘ग्लोबल मॉनिटरिंग’ की आवश्यकता है। जैसे ग्लोबल वॉल्केनिस्म प्रोग्राम पृथ्वी के अंदरूनी बदलावों को ट्रैक करता है, वैसी ही वित्तीय बाजार, खेल और सरकारी नीतियाँ भी वैश्विक डेटा पर आधारित होती हैं। इसलिए इस टैग में आपको विज्ञान, आर्थिक रिपोर्ट, खेल समाचार और सामाजिक घटनाओं का मिश्रण मिलेगा, जो सबकी जड़ में ‘ग्लोबल निगरानी’ का विचार है।

अब आप नीचे लिस्टेड लेखों में देखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में रीयल‑टाइम डेटा, सैटेलाइट इमेजरी, और जोखिम विश्लेषण का इस्तेमाल हो रहा है। चाहे वह दक्षिण अफ्रीका‑भारत का क्रिकेट एंट्री हो, सोने की नई कीमतें हों या भारत‑ऑस्ट्रेलिया के टेस्‍ट मैच की रणनीति—इनमें सब में ‘डेटा‑ड्रिवन’ निर्णय का असर साफ़ दिखता है। पढ़ते रहें और देखें कि ग्लोबल वॉल्केनिस्म प्रोग्राम की सोच कैसे हमारे रोज़मर्रा के सवालों को भी प्रभावित करती है।

संयुक्त राज्य में 165 ज्वालामुखी, इंडोनेशिया में 8 एक साथ फूट रहे

संयुक्त राज्य में 165 ज्वालामुखी के साथ विश्व का सबसे सक्रिय देश बना रह गया, जबकि इंडोनेशिया के आठ ज्वालामुखी एक साथ फूट रहे हैं। रिपोर्ट में वर्तमान फटने वाले 44 ज्वालामुखियों की पूरी जानकारी दी गई है।

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