होम लोन, या बंधक ऋण, वो सुविधा है जिससे आप अपनी खुद की घर या अपार्टमेंट का ख़रीद‑फ़रोख़्त कर सकते हैं। बैंक या वित्तीय संस्था आपको कुछ सालों में चुकाने के लिए बड़े रकम उधार देती है, और घर उसी का गारंटी बनता है। आम तौर पर 5 से 30 साल की अवधि में भुगतान होता है, और हर महीने की राशि को EMI कहते हैं।
ब्याज दर दो प्रकार की हो सकती है – फिक्स्ड और फ्लोटिंग। फिक्स्ड में पूरी अवधि में दर वही रहती है, इसलिए EMI स्थिर रहती है। फ्लोटिंग में बाजार की स्थिति के साथ दर बदलती है, जिससे EMI भी बदलती है। EMI कैलकुलेटर से आप आसानी से अपना मासिक भुगतान देख सकते हैं:
EMI = (Principal × Rate × (1+Rate)^N) / ((1+Rate)^N‑1) जहाँ N कुल महीनों की संख्या है।
स्टीक फॉर्मूला याद रखने की जरूरत नहीं, बस ऑनलाइन टैबलेट या बैंक की ऐप में राशि, दर और अवधि डालें, तुरंत पता चल जाएगा। ध्यान रखें, छोटी अवधि में ब्याज कम लेकिन EMI अधिक, और लंबी अवधि में EMI कम पर कुल ब्याज ज्यादा।
पहला कदम – अपना बजट तय करें। यानी आपको कितनी डाऊन पेमेंट देनी है और कितनी EMI वहन कर पाएँगे। आमतौर पर 20 % डाऊन पेमेंट रखा जाता है, लेकिन कुछ बैंक 10 % या 30 % भी देते हैं।
दूसरा – दस्तावेज़ तैयार रखें। पहचान‑प्रमाण पत्र, आय के पेपर (पत्नी/पति की सैलरी स्लिप, आयकर रिटर्न), घर की रजिस्ट्री, और बैंक स्टेटमेंट प्रमुख हैं। जितना साफ‑सुथरा आपका फाइल होगा, अप्लाई प्रोसेस तेज़ चलेगा।
तीसरा – बैंकों की दरें तुलना करें। कई साइटों पर होम लोन रेट का कंपेरिजन टूल मिलता है। सिर्फ ब्याज नहीं, प्रसंस्करण शुल्क, प्री‑पेमेन्ट पेनाल्टी और टैक्स बचत पर भी नज़र रखें।
चौथा – प्री‑अप्रूवल ले लें। इससे आप घर देख‑बिन देखे ही पता चल जाता है कि बैंक कितना लेगा और किस शर्त पर। प्री‑अप्रूवल लेटेस्ट स्कोर को भी बेहतर बनाता है, क्योंकि यह आपके क्रेडिट हिस्ट्री का प्रूफ है।
पाँचवा – लोन डॉसमेंट पर साइन करने से पहले सभी शर्तें पढ़ें। अगर कोई शर्त समझ नहीं आई तो बैंकर से पूछें। बहुत से लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि अगर आप लोन जल्दी चुकाते हैं तो प्री‑पेमेन्ट पेनाल्टी लग सकती है।
इन पाँच कदमों को फॉलो करके आप बिना झंझट के अपना घर सपना साकार कर सकते हैं। याद रहे, होम लोन एक बड़ी वित्तीय जिम्मेदारी है, इसलिए हर विकल्प को अच्छे से जांचें और फिर फैसला लें।
भारत में बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने तीसरी तिमाही में 25% की वृद्धि के साथ अपने लाभ की घोषणा की। मजबूत क्रेडिट वृद्धि के चलते कंपनी ने दिसंबर 31 को समाप्त तिमाही में 5.48 बिलियन रुपये का मुनाफा दर्ज किया। लक्जरी संपत्तियों की बढ़ती मांग से संपत्ति की कीमतों में लगातार वृद्धि की संभावना है।
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